मुंबई, सात सितंबर राष्ट्रीय अन्वेषण अभिकरण (एनआईए) ने अपने आरोप पत्र में कहा है कि बर्खास्त किए गए पुलिस अधिकारी सचिन वाजे ने ''दबंग पुलिसकर्मी'' की प्रतिष्ठा फिर से हासिल करने के लिये यहां उद्योगपति मुकेश अंबानी के घर के पास एसयूवी खड़ी की थी, जिसमें विस्फोटक सामग्री मिली थी।
आरोप पत्र में कहा गया है कि इस घटना के बाद वाजे ने ठाणे के व्यवसायी मनसुख हिरन को ''कमजोर कड़ी'' माना और उसकी हत्या कर दी गई।
एनआईए ने आरोप लगाया कि पूर्व पुलिस अधिकारी प्रदीप शर्मा को हत्या को अंजाम देने की साजिश में शामिल किया गया।
केंद्रीय एजेंसी ने 25 फरवरी को दक्षिण मुंबई में अंबानी के घर एंटीलिया के पास एसयूवी मिलने और उसके बाद हिरन की हत्या के मामले में पिछले सप्ताह यहां विशेष अदालत में वाजे और नौ अन्य के खिलाफ आरोप पत्र दाखिल किया था। आरोप है कि गिरफ्तारी से पहले मुंबई अपराध शाखा में सहायक पुलिस निरीक्षक रहे वाजे ने अंबानी के आवास के पास एसयूवी और धमकी भरा पत्र रखने का षड़यंत्र रचा था।
आरोप पत्र में कहा गया है, ''इरादा स्पष्ट रूप से अमीर और समृद्ध लोगों को आतंकित करना और साथ ही (उन्हें) गंभीर परिणाम भुगतने का डर दिखाकर वसूली करना था।''
एजेंसी के अनुसार वाजे ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म टेलीग्राम पर कथित रूप से ''जैश-उल-हिंद'' के नाम पर एक फर्जी पोस्ट कर इस मामले को जानबूझकर ''आतंकवादी कृत्य'' के रूप में स्थापित करने का प्रयास किया।
आरोप पत्र में कहा गया है, ''धमकी भरे नोट पर 'अगली बार कनेक्ट होकर आएगा'' (अगली बार बम में तार जुड़े होंगे) लिखा होना स्पष्ट रूप से साजिश रचकर दबंग पुलिसकर्मी की अपनी खोई हुई प्रतिष्ठा हासिल करने के उसकी मंशा को स्पष्ट करता है।''
एजेंसी का आरोप है कि शुरू में खुद इस मामले की जांच करने वाले वाजे ने षड़यंत्र को छिपाने के लिये जांच में गड़बड़ की।
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