देश की खबरें | कंप्यूटर बाबा पर एक और आपराधिक मामला दर्ज, अन्य प्रकरण में पेशी वारंट जारी
Get Latest हिन्दी समाचार, Breaking News on India at LatestLY हिन्दी. अवैध रूप से बनाए गए आश्रम को ढहाए जाने के दौरान यहां पांच दिन पहले एहतियातन गिरफ्तारी के बाद से केंद्रीय जेल में बंद कंप्यूटर बाबा पर शुक्रवार को कानूनी शिकंजा और कस गया।
इंदौर (मध्यप्रदेश), 13 नवंबर अवैध रूप से बनाए गए आश्रम को ढहाए जाने के दौरान यहां पांच दिन पहले एहतियातन गिरफ्तारी के बाद से केंद्रीय जेल में बंद कंप्यूटर बाबा पर शुक्रवार को कानूनी शिकंजा और कस गया।
धार्मिक नेता पर पुलिस ने नया आपराधिक मामला दर्ज किया, जबकि एक स्थानीय अदालत ने पुराने प्रकरण में उनका पेशी वारंट जारी कर उन्हें शनिवार को तलब किया।
एरोड्रम पुलिस थाने के एक अधिकारी ने बताया कि अम्बिकापुरी एक्सटेंशन में रहने वाले राजेश खत्री नाम के व्यक्ति की शिकायत पर कंप्यूटर बाबा (54) और उनके कुछ साथियों पर जबरन घर में घुसकर गाली-गलौज, मारपीट और तलवार से हमले के प्रयास के आरोपों में भारतीय दंड विधान की संबद्ध धाराओं में प्राथमिकी दर्ज की गई है।
अधिकारी के मुताबिक खत्री का आरोप है कि यह घटना करीब डेढ़ महीने पहले इसलिए सामने आई क्योंकि उन्होंने कंप्यूटर बाबा के अम्बिकापुरी एक्सटेंशन स्थित आश्रम में चलने वाली “अनैतिक गतिविधियों” को लेकर विवादास्पद धार्मिक नेता के सामने आपत्ति जताई थी।
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इस बीच, गांधी नगर पुलिस थाने में दर्ज अन्य मामले में एक स्थानीय अदालत ने कंप्यूटर बाबा का पेशी (प्रोडक्शन) वारंट जारी किया। इस मामले में कंप्यूटर बाबा पर अनुसूचित जाति वर्ग से ताल्लुक रखने वाले एक ग्राम पंचायत सचिव से अभद्रता, मारपीट और गाली-गलौज के आरोप हैं।
अधिकारियों ने बताया कि अभियोजन पक्ष ने अदालत से गुहार लगाई थी कि इस मामले की जांच में उन्हें कंप्यूटर बाबा से पूछताछ की आवश्यकता है।
उन्होंने बताया कि प्रथम श्रेणी न्यायिक मजिस्ट्रेट (जेएमएफसी) बृजेश सिंह के जारी वारंट में कंप्यूटर बाबा को शनिवार को अदालत के सामने पेश किए जाने को कहा गया है।
गौरतलब है कि ‘कंप्यूटर बाबा’ का असली नाम नामदेव दास त्यागी है। पुलिस और प्रशासन के दल ने इंदौर शहर से सटे जम्बूर्डी हप्सी गांव में सरकारी जमीन पर बने उनके अवैध आश्रम को आठ नवंबर को जमींदोज कर दिया था। इसके साथ ही, भाजपा और कांग्रेस की पिछली सरकारों में राज्य मंत्री के दर्जे से नवाजे गए धार्मिक नेता को दंड प्रक्रिया संहिता (सीआरपीसी) की धारा 151 (संज्ञेय अपराध घटित होने से रोकने के लिये की जाने वाली एहतियातन गिरफ्तारी) के तहत गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया था।
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