विदेश की खबरें | ईरान में राष्ट्रव्यापी विरोध प्रदर्शनों के बीच 1979 की घटना की वर्षगांठ मनाई गई

Get Latest हिन्दी समाचार, Breaking News on world at LatestLY हिन्दी. ईरान के राष्ट्रपति इब्राहिम रईसी ने पूर्व अमेरिकी दूतावास भवन के सामने एकत्र हुए लोगों को संबोधित किया और सरकार के खिलाफ प्रदर्शन करने वालों की आलोचना की।

श्रीलंका के प्रधानमंत्री दिनेश गुणवर्धने

ईरान के राष्ट्रपति इब्राहिम रईसी ने पूर्व अमेरिकी दूतावास भवन के सामने एकत्र हुए लोगों को संबोधित किया और सरकार के खिलाफ प्रदर्शन करने वालों की आलोचना की।

उन्होंने कहा, “सुरक्षा व्यवस्था बिगाड़ने और दंगे कराने की दिशा में काम करने वाले यह जान लें कि वे इस्लामी क्रांति के दुश्मनों के लिए काम कर रहे हैं। अमेरिका को लगता है कि वह यहां भी वैसा कर सकता है, जैसा उसने सीरिया और लीबिया जैसे कुछ देशों में किया।”

वर्षगांठ मनाने वालों ने फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों और सऊदी अरब के युवराज मोहम्मद बिन सलमान के पुतले भी अपने साथ ले रखे थे। वे “अमेरिका तेरी मौत हो, इजराइल तेरी मौत हो” जैसे नारे भी लगा रहे थे।

उल्लेखनीय है कि चार नवंबर 1979 को प्रदर्शनकारी छात्रों ने अमेरिकी दूतावास को घेर लिया था। वे गंभीर रूप से बीमार शाह मोहम्मद रजा पहलवी को अमेरिका में इलाज कराने के लिए तत्कालीन अमेरिकी राष्ट्रपति जिमी कार्टर की मंजूरी मिलने से आक्रोशित थे।

अमेरिकी दूतावास के घेराव के बाद कुछ कर्मचारी भागकर ईरान में कनाडा के राजदूत के घर चले गए थे और फिर सीआईए की मदद से अमेरिका रवाना हो गए थे।

एपी

(यह सिंडिकेटेड न्यूज़ फीड से अनएडिटेड और ऑटो-जेनरेटेड स्टोरी है, ऐसी संभावना है कि लेटेस्टली स्टाफ द्वारा इसमें कोई बदलाव या एडिट नहीं किया गया है)

Share Now

\