ताजा खबरें | सामूहिक संहार के हथियारों के वित्त पोषण को रोकने संबंधी संशोधन विधेयक राज्यसभा में पेश

Get latest articles and stories on Latest News at LatestLY. विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने सामूहिक संहार के हथियारों एवं उनसे जुड़ी प्रणालियों के प्रसार के वित्त पोषण को रोकने के प्रावधान वाला एक विधेयक मंगलवार को राज्यसभा में पेश किया।

नयी दिल्ली, 19 जुलाई विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने सामूहिक संहार के हथियारों एवं उनसे जुड़ी प्रणालियों के प्रसार के वित्त पोषण को रोकने के प्रावधान वाला एक विधेयक मंगलवार को राज्यसभा में पेश किया।

जयशंकर ने उच्च सदन में जब ‘सामूहिक संहार के आयुध और उनकी परिदान प्रणाली (विधि विरूद्ध क्रियाकलापों का प्रतिषेध) संशोधन विधेयक, 2022’ पेश किया, उस समय विपक्षी सदस्य महंगाई सहित विभिन्न मुद्दों पर सदन में हंगामा कर रहे थे और सरकार से जवाब की मांग कर रहे थे। सदन में शोरगुल होने के कारण विधेयक के बारे में जयशंकर की बात ठीक से सुनी नहीं जा सकी।

उन्होंने हंगामा कर रहे सदस्यों से अनुरोध किया कि यह बहुत ही महत्वपूर्ण विधेयक है, इसलिए वे व्यवधान नहीं उत्पन्न करें। लेकिन सदन में हंगामा जारी रहा और सदन की कार्यवाही दिन भर के लिए स्थगित कर दी गई।

विधेयक के उद्देश्यों एवं कारणों में कहा गया है कि हाल ही में अंतरराष्ट्रीय संगठनों द्वारा सामूहिक संहार के हथियारों एवं उनकी परिदान (डिलीवरी) प्रणालियों के प्रसार से संबंधित विनियमों का विस्तार किया गया है। संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के लक्षित वित्तीय प्रतिबंध एवं वित्तीय कार्रवाई कार्य बल की सिफारिशों को सामूहिक संहार के हथियारों एवं उनकी परिदान प्रणालियों के प्रसार के खिलाफ लागू किया गया है।

इसमें कहा गया है कि उपरोक्त बातों को ध्यान में रखते हुए मूल अधिनियम को संशोधित करने की जरूरत है ताकि सामूहिक संहार के हथियारों एवं उनकी परिदान प्रणालियों के प्रसार को वित्त पोषित करने के विरूद्ध उपबंध किया जा सके जिससे हम अपनी अंतरराष्ट्रीय बाध्यताओं को पूरा कर सकें।

विधेयक में सामूहिक संहार के हथियारों एवं उनकी परिदान प्रणालियों के संबंध में किसी भी क्रियाकलाप के वित्त पोषण को निषेध किया गया है। इसमें केंद्र सरकार को ऐसे वित्त पोषण का निवारण करने के लिये निधियों एवं अन्य वित्तीय परिसंपत्तियों या आर्थिक संसाधनों पर रोक, अधिग्रहण या कुर्की करने का अधिकार दिया गया है।

यह विधेयक लोकसभा में पारित हो चुका है।

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