प्रयागराज, 26 फरवरी इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने ज्ञानवापी मस्जिद परिसर के भीतर व्यास जी के तहखाने का वाराणसी के जिला मजिस्ट्रेट को ‘रिसीवर’ (प्रभारी) नियुक्त करने और तहखाने में पूजा की अनुमति देने के वाराणसी के जिला न्यायाधीश के निर्णयों के खिलाफ दायर अपील सोमवार को खारिज कर दी।
न्यायमूर्ति रोहित रंजन अग्रवाल ने दोनों पक्षों को सुनने के बाद 15 फरवरी को अपना निर्णय सुरक्षित रख लिया था। न्यायमूर्ति अग्रवाल ने कहा कि व्यास जी के तहखाना में पूजा-अर्चना जारी रहेगी।
ज्ञानवापी मस्जिद का प्रबंधन करने वाली अंजुमन इंतेजामिया मस्जिद कमेटी ने वाराणसी जिला न्यायाधीश के दोनों निर्णयों के खिलाफ इलाहाबाद उच्च न्यायालय में अपील दायर की थी।
न्यायमूर्ति अग्रवाल ने अपील खारिज करते हुए कहा, “इस मामले के संपूर्ण रिकॉर्ड को देखने और संबंधित पक्षों की दलीलें सुनने के बाद अदालत को वाराणसी के जिला न्यायाधीश द्वारा पारित निर्णय में हस्तक्षेप करने का कोई आधार नहीं मिला।”
अदालत ने कहा कि (वाराणसी की अदालत के) इन दो आदेशों के खिलाफ दायर अपील में मस्जिद कमेटी अपने मामले को पुष्ट करने और जिला अदालत के आदेश में किसी प्रकार की अवैधता दर्शाने में विफल रही है इसलिए इस अदालत द्वारा किसी तरह का हस्तक्षेप वांछित नहीं है।
न्यायमूर्ति अग्रवाल ने कहा कि उस स्थान पर पूजा पहले ही प्रारंभ हो चुकी है और जारी है इसलिए उसे रोकने का कोई औचित्य नहीं है।
उल्लेखनीय है कि व्यास जी के तहखाने में पूजा की अनुमति के खिलाफ मस्जिद कमेटी की याचिका पर तत्काल सुनवाई करने से उच्चतम न्यायालय के इनकार करने के बाद इलाहाबाद उच्च न्यायालय में अपील दायर की गई थी।
मस्जिद कमेटी की दलील थी कि व्यास जी का तहखाना मस्जिद परिसर का हिस्सा होने के नाते उसके कब्जे में है और व्यास परिवार या किसी अन्य को तहखाने के भीतर पूजा करने का अधिकार नहीं है।
वहीं हिंदू पक्ष के दावे के मुताबिक, वर्ष 1993 तक व्यास परिवार ने तहखाने में धार्मिक अनुष्ठान किया लेकिन राज्य सरकार के निर्देश के अनुपालन के तहत इसे रोक दिया गया।
वाराणसी के जिला न्यायाधीश ने ज्ञानवापी मस्जिद के तहखाने के भीतर पूजा करने और तहखाने का जिला मजिस्ट्रेट को ‘रिसीवर’ नियुक्त करने का अनुरोध करने वाली शैलेंद्र कुमार पाठक व्यास की अर्जी स्वीकार करते हुए तहखाने में पूजा-अर्चना का मार्ग प्रशस्त कर दिया।
सत्रह जनवरी, 2024 को पारित आदेश के अनुपालन में वाराणसी के जिला मजिस्ट्रेट को तहखाने का ‘रिसीवर’ नियुक्त किया गया जिसके बाद वाराणसी जिला प्रशासन ने 24 जनवरी, 2024 को ज्ञानवापी मस्जिद परिसर के भीतर दक्षिणी तहखाना का कब्जा अपने हाथ में ले लिया।
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