देश की खबरें | स्‍वतंत्रता सेनानियों को समर्पित सभी नौ जनजातीय संग्रहालय 2022 के अंत तक हो जाएंगे तैयार: सरकार

Get Latest हिन्दी समाचार, Breaking News on India at LatestLY हिन्दी. जनजातीय कार्य मंत्रालय ने मंगलवार को कहा कि स्‍वतंत्रता संग्राम में योगदान देने वाले सेनानियों को समर्पित सभी नौ संग्रहालय साल 2022 के अंत तक अस्तित्व में आ जाएंगे।

एनडीआरएफ/प्रतीकात्मक तस्वीर (Photo Credits: ANI)

नयी दिल्ली, 11 अगस्त जनजातीय कार्य मंत्रालय ने मंगलवार को कहा कि स्‍वतंत्रता संग्राम में योगदान देने वाले सेनानियों को समर्पित सभी नौ संग्रहालय साल 2022 के अंत तक अस्तित्व में आ जाएंगे।

जनजातीय कार्य मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि स्‍वीकृति दिए गए नौ स्वतंत्रता सेनानियों के संग्रहालयों में से दो संग्रहालयों का निर्माण कार्य पूरा होने वाला है और शेष बचे सात संग्रहालयों के कार्य प्रगति के विभिन्‍न चरणों में है।

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बयान में कहा गया, ‘‘अनुमान है कि 2022 के अंत तक सभी संग्रहालय अस्तित्‍व में आ जाएंगे। इसके अलावा राज्‍यों के सहयोग से आने वाले दिनों में और नए संग्रहालयों को भी मंजूरी दी जाएगी।’’

इनमें सबसे बड़ा संग्रहालय गुजरात के राजपीपला में 102.55 करोड़ रुपये की लागत से तैयार हो रहा है। अन्य संगहालयों का निर्माण झारखंड के रांची, आंध्र प्रदेश के लांबा सिंगी, छत्तीसगढ़ के रायपुर, केरल के कोझिकोड, मध्य प्रदेश के छिंदवाड़ा, तेलंगाना के हैदराबाद, मणिपुर के सेनापति और मिजोरम के केलसी में हो रहा है।

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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 2016में स्‍वतंत्रता दिवस के अवसर पर जनजातीय स्‍वतंत्रता सेनानियों के संग्रहालय स्‍थापित करने की घोषणा की थी।

उस वक्त प्रधानमंत्री ने अपने संबोधन में कहा था कि सरकार की उन राज्‍यों में स्‍थायी संग्रहालय स्‍थापित करने की इच्‍छा है जहां जनजातीय लोग रहते थे और जिन्‍होंने अंग्रेजों के खिलाफ संघर्ष किया और उनके सामने झुकने से मना कर दिया था।

उन्होंने कहा था कि सरकार विभिन्‍न राज्‍यों में इस तरह के संग्रहालयों के निर्माण का काम करेगी ताकि आने वाली पीढि़यों को यह पता चल सके कि बलिदान देने में आदिवासी कितने आगे थे।

मंत्रालय के बयान के मुताबिक सभी संग्रहालयों में वर्चुअल रिय‍ल्‍टी (वीआर), ऑगमेंटेड रियल्‍टी (एआर), 3 डी और 7 डी होलोग्राफिक प्रोजेक्शनों जैसी प्रौद्योगिकियों का भरपूर उपयोग होगा।

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