देश की खबरें | डब्ल्यूएचओ से तारीफ पाने के योगी सरकार के दावे पर अखिलेश ने किया तंज
Get Latest हिन्दी समाचार, Breaking News on India at LatestLY हिन्दी. समाजवादी पार्टी (सपा) के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने कोविड-19 प्रबंधन के लिए विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) से तारीफ मिलने का दावा करने वाली उत्तर प्रदेश योगी आदित्यनाथ सरकार पर तंज करते हुए बुधवार को कहा कि वह अपनी नाकामी छुपाने के लिए कोई भी नैतिक-अनैतिक रास्ता अपनाने नहीं हिचक रही है।
लखनऊ, 12 मई समाजवादी पार्टी (सपा) के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने कोविड-19 प्रबंधन के लिए विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) से तारीफ मिलने का दावा करने वाली उत्तर प्रदेश योगी आदित्यनाथ सरकार पर तंज करते हुए बुधवार को कहा कि वह अपनी नाकामी छुपाने के लिए कोई भी नैतिक-अनैतिक रास्ता अपनाने नहीं हिचक रही है।
अखिलेश ने इलाहाबाद उच्च न्यायालय के निर्देश के अनुरूप पंचायत चुनाव ड्यूटी के दौरान कोविड-19 संक्रमण के कारण शिक्षकों, अधिकारियों तथा कर्मचारियों की मृत्यु होने पर उनके परिजनों को तत्काल एक-एक रुपए करोड़ का मुआवज़ा देने की मांग भी की।
अखिलेश ने यहां एक बयान में कहा, "आंकड़ों की हेराफेरी करके डब्ल्यूएचओ से योगी मॉडल को वाहवाही का तमगा लेने वाली भाजपा सरकार को गंगा में बह रही लाशों, श्मशान घाटों में धधकती चिताओं और अस्पतालों की चौखट पर तड़प-तड़पकर हो रही मौतों से कोई दर्द नहीं होता।"
उन्होंने कहा, "मुख्यमंत्री को अपनी नाकामी छुपाने के लिए कुछ भी नैतिक-अनैतिक रास्ता अपनाने में हिचक नहीं। अच्छा हो, वह इधर-उधर की बात करने के बजाए बताएं कि गरीबों को कब तक वैक्सीन लग जाएगी? ऑक्सीजन, इंजेक्शन और दवाओं के जमाखोरों तथा कालाबाजारियों पर कब लगाम लगेगी?"
गौरतलब है कि उत्तर प्रदेश सरकार ने दावा किया है डब्ल्यूएचओ ने कोविड-19 प्रबंधन के लिए सरकार द्वारा ग्रामीण स्तर पर चलाए गए अभियान की तारीफ की है। सरकारी इसे अपनी बड़ी उपलब्धि के तौर पर पेश कर रही है।
अखिलेश ने एक ट्वीट में इलाहाबाद उच्च न्यायालय के आदेश का हवाला देते हुए कहा "उत्तर प्रदेश की भाजपा सरकार इलाहाबाद उच्च न्यायालय के निर्देशानुरूप, पंचायत चुनाव ड्यूटी में जिन शिक्षकों, अधिकारियों एवं कर्मचारियों की मृत्यु कोरोना वायरस से हुई है, उनके परिजनों को तत्काल एक-एक करोड़ रुपये का मुआवज़ा दे।"
उन्होंने कहा "भाजपा सरकार की गलती का ख़ामियाज़ा सरकारीकर्मी एवं जनता अपनी जान देकर क्यों भुगते।"
गौरतलब है कि इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने मंगलवार को राज्य की योगी आदित्यनाथ सरकार और राज्य निर्वाचन आयोग को हाल में संपन्न पंचायत चुनाव के दौरान कोविड-19 संक्रमण के कारण मृत चुनाव अधिकारियों के परिजन को दिए जाने वाले मुआवजे की धनराशि पर पुनर्विचार करने को कहा और माना कि यह धनराशि एक-एक करोड़ रुपए होनी चाहिए।
न्यायमूर्ति सिद्धार्थ वर्मा और न्यायमूर्ति अजीत कुमार की खंडपीठ ने यह आदेश एक जनहित याचिका पर दिया।
अखिलेश ने कहा कि अस्पतालों को एक खास रंग के ग़ुब्बारों से सजाकर उसका भाजपाईकरण और कोविड टीकाकरण को प्रचार का माध्यम बनाना तुरंत बंद हो और सभी को मुफ्त टीकाकरण की योजना का खुलासा किया जाए।
उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश ने कहा,‘‘भाजपा सरकार ने आनलाइन पंजीकरण पर ही टीकाकरण की सुविधा दी है। उत्तर प्रदेश के गरीब, ग्रामीण, मजदूर और गांव की आबादी को टीकाकरण का लाभ कैसे मिलेगा? दरअसल, वह आनलाइन के बहाने प्रदेश की बड़ी आबादी को सुरक्षाचक्र से वंचित रखना चाहती है। ’’
अखिलेश ने कहा ,‘‘भाजपा सरकार सभी प्रदेशवासियों का मुफ्त में अगर वैक्सीन नहीं लगवाएगी तो वर्ष 2022 में प्रदेश में बनने वाली समाजवादी पार्टी की सरकार हर प्रदेशवासी को यह सुविधा देगी। समाजवादी सरकार में स्वास्थ्य सेवाएं प्रभावी होंगी। हरेक के जिंदा रहने के अधिकार का पूर्ण-सम्मान होगा।’’
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