खेल की खबरें | अजित नारायण और अजिंता शेउली 73 किग्रा के ग्रुप बी में शीर्ष दो स्थान पर रहे
Get Latest हिन्दी समाचार, Breaking News on Sports at LatestLY हिन्दी. अपने पहले सीनियर अंतरराष्ट्रीय टूर्नामेंट में प्रतिस्पर्धा कर रहे अजित ने कुल 307 किग्रा (139 किग्रा + 168 किग्रा) का भार उठाया, जबकि अचिंता केवल 305 किग्रा (140 किग्रा + 165 किग्रा) का कुल भार ही उठा सके।
अपने पहले सीनियर अंतरराष्ट्रीय टूर्नामेंट में प्रतिस्पर्धा कर रहे अजित ने कुल 307 किग्रा (139 किग्रा + 168 किग्रा) का भार उठाया, जबकि अचिंता केवल 305 किग्रा (140 किग्रा + 165 किग्रा) का कुल भार ही उठा सके।
भारत के इन दोनों भारोत्तोलकों को उनके शुरुआती भार के आधार पर ग्रुप बी रखा गया था। भारोत्तोलन में अधिकतम शुरुआती भार रखने वाले खिलाड़ियों को ग्रुप ए और उसके बाद के खिलाड़ियों को ग्रुप बी में रखा जाता है।
मौजूदा राष्ट्रीय चैम्पियन अजीत ने अपने शुरुआती दो स्नैच प्रयासों में 135 किग्रा और 139 किग्रा भार उठाया, लेकिन 141 किग्रा के अपने अंतिम प्रयास में विफल रहे। उन्होंने इसी तरह क्लीन एंड जर्क में 171 किग्रा के अपने अंतिम प्रयास में लड़खड़ाने से पहले 164 किग्रा और 168 किग्रा का भार आसानी से उठाया।
मांसपेशियों में खिंचाव की चोट से उबर रहे अचिंता अपने छह प्रयासों में केवल तीन वैध भार उठा सके।
जूनियर विश्व चैंपियनशिप (2021) के रजत पदक विजेता ने अपने दूसरे प्रयास में स्नैच में 140 किग्रा का सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन किया। इस वर्ग में उनका व्यक्तिगत सर्वश्रेष्ठ 143 किग्रा है।
वह क्लीन एंड जर्क वर्ग 164 किग्रा का भार उठाने के बाद 169 किग्रा और 171 किग्रा के प्रयास में विफल रहे।
भारतीय दल इस प्रकार इस प्रतियोगिता से तीन रजत पदक के साथ लौटा।
राष्ट्रमंडल खेलों की रजत पदक विजेता बिंदयारानी देवी और युवा ओलंपिक चैंपियन जेरेमी लालरिनुंगा पदक हासिल करने में सफल रहे।
बिंदयारानी ने महिलाओं के 55 किग्रा वर्ग में क्लीन एंव जर्क वर्ग के साथ अपने समग्र प्रयास के लिए दो रजत पदक अपने नाम किये। जेरेमी ने पुरुषों की 67 किग्रा स्नैच स्पर्धा में रजत पदक जीता।
महाद्वीपीय और विश्व चैंपियनशिप में भारोत्तोलकों को स्नैच, क्लीन एंव जर्क और कुल भार के लिए अलग-अलग पदक दिये जाते है। ओलंपिक में हालांकि सिर्फ कुल भार के आधार पर ही पदक दिया जाता है।
मौजूदा चैंपियनशिप 2024 पेरिस ओलंपिक की क्वालीफाइंग प्रतियोगिताओं में शामिल है जहां तोक्यो खेलों की 14 की तुलना में भारोत्तोलन की 10 स्पर्धाएं होंगी।
हालांकि यह अतिरिक्त स्पर्धा है और इसे ओलंपिक में शामिल करना अनिवार्य नहीं है।
ओलंपिक 2024 क्वालिफिकेशन नियमों के अनुसार एक भारोत्तोलक के लिए 2023 विश्व चैंपियनशिप और 2024 विश्व कप में हिस्सा लेना अनिवार्य है।
उपरोक्त दोनों प्रतियोगिताओं के अलावा भारोत्तोलकों को 2022 विश्व चैंपियनशिप, 2023 महाद्वीपीय चैंपियनशिप, 2023 ग्रांप्री एक, 2023 ग्रां प्री दो और 2024 महाद्वीपीय चैंपियनशिप में तीन प्रतियोगिताओं में हिस्सा लेना होगा।
अंतरराष्ट्रीय भारोत्तोलन महासंघ (आईडब्ल्यूएफ) क्वालिफिकेशन समय खत्म होने पर प्रत्येक वजन वर्ग में ओलंपिक क्वालीफिकेशन रेटिंग जारी करेगा।
अंतिम आकलन के लिए क्वालीफाइंग प्रतियोगिताओं में भारोत्तोलन के तीन सर्वश्रेष्ठ प्रयासों पर गौर किया जाएगा।
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