यूरोप में हर साल 1,200 युवाओं की जान ले रहा वायु प्रदूषण
यूरोपीय पर्यावरण एजेंसी ने पाया कि डब्ल्यूएचओ की बच्चों के लिए जितना वायु प्रदूषण का खतरनाक स्तर बताता है, असल में बच्चे उससे कहीं ज्यादा प्रदूषण झेल रहे हैं.
यूरोपीय पर्यावरण एजेंसी ने पाया कि डब्ल्यूएचओ की बच्चों के लिए जितना वायु प्रदूषण का खतरनाक स्तर बताता है, असल में बच्चे उससे कहीं ज्यादा प्रदूषण झेल रहे हैं.यूरोपीय पर्यावरण एजेंसी (ईईए) ने सोमवार को एक नयी रिपोर्ट जारी की है जिसके मुताबिक यूरोप में हर साल वायु प्रदूषण के कारण 1,200 से अधिक बच्चों और किशोरों की मौत हो जाती है.
कोपेनहेगन स्थित एजेंसी ने अपनी रिपोर्ट में कहा, "बच्चे गर्भ में होने से लेकर वयस्क होने तक वायु प्रदूषण के प्रति विशेष रूप से संवेदनशील होते हैं."
बच्चों को प्रभावित करता वायु प्रदूषण
रिपोर्ट में कहा गया है, "हालांकि प्रत्येक वर्ष ईईए द्वारा अनुमानित यूरोपीय आबादी के मुकाबले इस आयु वर्ग में समय से पहले होने वाली मौतों की संख्या कम है, जीवन की शुरुआत में होने वाली मौतें भविष्य की क्षमता के नुकसान का प्रतिनिधित्व करती हैं और पुरानी बीमारी के एक महत्वपूर्ण बोझ के साथ आती हैं."
उच्च वायु प्रदूषण के संपर्क में आने से अस्थमा की उच्च दर भी होती है, यह बीमारी पहले से ही यूरोप में 9 प्रतिशत बच्चों और किशोरों को प्रभावित करती रही है. साथ ही साथ फेफड़ों की कार्यक्षमता, श्वसन संक्रमण और एलर्जी से लड़ने की क्षमता भी कम हो जाती है.
मौत का आंकड़ा अधिक हो सकता है
शोध के लिए यूरोपीय संघ के 27 सदस्यों देशों सहित 30 देशों को शामिल किया गया, लेकिन रूस, यूक्रेन और यूके जैसे प्रमुख औद्योगिक देशों को शामिल नहीं किया. रिपोर्ट से यह सुझाव मिलता है कि वायु प्रदूषण से मरने वालों की कुल संख्या और भी अधिक हो सकती है.
ईईए ने कहा कि कई प्रमुख वायु प्रदूषकों का स्तर कई यूरोपीय देशों, विशेष रूप से मध्य-पूर्वी यूरोप और इटली में विश्व स्वास्थ्य संगठन के दिशानिर्देशों से "बहुत ऊपर" बना हुआ है.
यह अनुमान लगाया गया कि सर्वेक्षण किए गए देशों में शहरी आबादी का 97 प्रतिशत हिस्सा ऐसी हवा के संपर्क में था जो पिछले साल डब्ल्यूएचओ की सिफारिशों को पूरा नहीं करता था.
ईईए ने कहा कि परिवहन, उद्योग और हीटिंग से होने वाले उत्सर्जन को कम किया जाना चाहिए.
अल्पावधि में बच्चों को लाभ पहुंचाने के लिए एक व्यावहारिक उपाय यह निकाला गया है कि ग्रीन स्पेस को बढ़ाकर स्कूलों के आसपास वायु की गुणवत्ता में सुधार किया जा सकता है.
पूरी दुनिया समेत यूरोप में वायु प्रदूषण भी एक बड़ा खतरा है. डब्ल्यूएचओ के अनुसार कारखाने की चिमनियों से ग्रीनहाउस गैसों का उत्सर्जन जितना कम होगा पर्यावरण प्रदूषण उतना ही कम होगा. डब्ल्यूएचओ ने वायु प्रदूषण में सुधार के लिए मानक निर्धारित किए हैं. विश्व स्वास्थ्य संगठन वर्तमान में ब्लॉक में वायु प्रदूषण को कम करने के लिए यूरोपीय संघ के साथ मिलकर काम कर रहा है.
एए/वीके (एएफपी, डीपीए)