देश की खबरें | अग्निपथ विवाद: केंद्र सरकार ने कई प्रोत्साहनों की घोषणा की, कई और राज्यों में फैला विरोध
Get Latest हिन्दी समाचार, Breaking News on India at LatestLY हिन्दी. केंद्र सरकार ने ‘अग्निपथ’ योजना को लेकर हो रहे विरोध प्रदर्शनों के बीच शनिवार को अग्निवीरों के लिये अर्धसैनिक बलों और रक्षा मंत्रालयों की नियुक्तियों में 10 प्रतिशत आरक्षण की घोषणा के साथ ही कई अन्य प्रोत्साहनों की घोषणा की।
नयी दिल्ली/पटना/तिरुवनंतपुरम, 18 जून केंद्र सरकार ने ‘अग्निपथ’ योजना को लेकर हो रहे विरोध प्रदर्शनों के बीच शनिवार को अग्निवीरों के लिये अर्धसैनिक बलों और रक्षा मंत्रालयों की नियुक्तियों में 10 प्रतिशत आरक्षण की घोषणा के साथ ही कई अन्य प्रोत्साहनों की घोषणा की।
विपक्षी दलों द्वारा इस योजना को वापस लेने के लिए डाले जा रहे दबाव और राज्यों में हिंसक प्रदर्शनों के बीच केंद्र ने नई सैन्य भर्ती योजना को लेकर चिंताओं और शिकायतों पर “खुले मन से विचार” करने की भी पेशकश की।
बिहार में योजना के विरोध में बंद का आह्वान किया गया था। नई सैन्य भर्ती योजना के विरोध के चौथे दिन राज्य में एक रेलवे स्टेशन और एक पुलिस वाहन में आगजनी की गई, एक एंबुलेंस को भी उपद्रवियों ने निशाना बनाया जबकि पथराव में कई जगहों पर पुलिसकर्मियों के भी घायल होने की खबर है।
पंजाब में लुधियाना रेलवे स्टेशन पर तोड़फोड़ की गई तो वहीं पश्चिम बंगाल, हरियाणा, राजस्थान, महाराष्ट्र, ओडिशा और उत्तर प्रदेश में भी सड़क और रेल यातायात ‘अग्निपथ’ योजना के खिलाफ विरोध प्रदर्शनों के चलते बाधित हुआ।
रेलवे ने शनिवार को 369 ट्रेनों को रद्द कर दिया जिससे यात्रियों को खासी परेशानी का सामना करना पड़ा। एक दिन पहले भी रेलवे को विरोध प्रदर्शनों के चलते 200 से अधिक ट्रेनों को रद्द करना पड़ा था।
‘अग्निपथ’ के खिलाफ आंदोलन कर्नाटक और केरल सहित दक्षिणी राज्यों में भी फैल गया जहां उम्मीदवारों ने योजना को लेकर अपना विरोध दर्ज कराने के लिये कुछ स्थानों पर सड़कों पर ही ‘पुश-अप’ (सपाट मारना) किया।
कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने सशस्त्र बलों में भर्ती के लिए केंद्र की ‘अग्निपथ’ योजना को ‘दिशाहीन’ करार देते हुए कहा कि उनकी पार्टी इसे वापस करवाने के लिए संघर्ष का वादा करती है।
पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने भी अग्निपथ भर्ती योजना को वापस लेने की मांग की और कहा कि पिछले दो वर्ष में जिन उम्मीदवारों ने शारीरिक परीक्षण उत्तीर्ण कर ली है उन्हें सेना में शामिल होने के लिए लिखित परीक्षा में भाग लेने का मौका अवश्य मिलना चाहिए।
उन्होंने दावा किया कि अग्निपथ योजना से सैनिकों की लड़ाकू क्षमता ‘शिथिल’ होगी तथा इससे सशस्त्र बलों में चार वर्ष सेवा देने के बाद युवा बेरोजगार हो जाएंगे और उनके भविष्य की भी सुरक्षा नहीं होगी।
प्रदर्शनकारी युवाओं का आरोप है कि योजना के तहत चार साल के अनुबंध की समाप्ति के बाद उनके पास कोई सेवानिवृत्ति लाभ नहीं होगा और वे अधर में होंगे। युवाओं की आशंकाओं के निराकरण के लिये गृह और रक्षा मंत्रालय ने कई रियायतों और प्रोत्साहनों की घोषणा की जिससे सेवानिवृत्ति के बाद उनके पुन: रोजगार प्राप्त करने में सहायता मिलेगी।
केंद्र सरकार ने संकेत दिया कि उत्तर प्रदेश, हरियाणा, मध्य प्रदेश और असम जैसे कई भाजपा शासित राज्यों द्वारा अग्निपथ योजना के तहत आवेदन करने के लिए युवाओं को प्रोत्साहित करने के वास्ते विभिन्न उपायों की घोषणा के बाद अन्य विभाग भी इस दिशा में काम कर रहे हैं और उन्हें आरक्षण का आश्वासन दिया है।
केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्री अनुराग ठाकुर ने ‘अग्निपथ’ योजना के विरुद्ध प्रदर्शन कर रहे युवाओं से हिंसा बंद करने और बातचीत के लिये आगे आने का अनुरोध किया। उन्होंने कहा कि सरकार ''खुले मन से'' उनकी शिकायतें सुनने और ''जरूरत पड़ी'' तो बदलाव करने के लिए तैयार है।
ठाकुर ने टीवी9 मीडिया समूह द्वारा आयोजित एक सम्मेलन में कहा कि अग्निपथ योजना नरेंद्र मोदी सरकार द्वारा भविष्य में देश को ''अधिक सुरक्षित'' बनाने और देश के युवाओं को ''अवसर'' प्रदान करने की दिशा में लिया गया एक ''ऐतिहासिक निर्णय'' है।
गृह मंत्रालय ने केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बलों (सीएपीएफ) और असम राइफल्स में 10 प्रतिशत रिक्तियों को ‘अग्निवीरों’ के लिए आरक्षित करने की घोषणा की। गृह मंत्री के कार्यालय ने यह जानकारी दी।
इसके अलावा, ऊपरी उम्र सीमा में भी तीन साल की छूट देने की घोषणा की गई है।
केंद्रीय गृह मंत्रालय के एक ट्वीट में कहा गया है, ‘‘गृह मंत्रालय ने सीएपीएफ और असम राइफल्स में भर्ती के लिए 10 प्रतिशत रिक्तियां ‘अग्निवीरों’ के लिए आरक्षित रखने का फैसला किया है।’’
गृह मंत्रालय ने सीएपीएफ और असम राइफल्स में भर्ती के लिए ‘अग्निवीरों’ को ऊपरी आयु सीमा में तीन साल की छूट दिए जाने की भी घोषणा की।
मंत्रालय ने एक अन्य ट्वीट में कहा, ‘‘गृह मंत्रालय ने सीएपीएफ और असम राइफल्स में भर्ती के लिए ‘अग्निवीरों’ को निर्धारित ऊपरी आयु सीमा में तीन साल की छूट देने का भी फैसला किया है। इसके अलावा, ‘अग्निवीरों’ के पहले बैच को निर्धारित ऊपरी आयु सीमा में पांच वर्ष की छूट दी जाएगी।’’
वर्तमान में, अर्द्धसैनिक बलों में 18 से 23 साल आयुवर्ग के जवानों की भर्ती की जाती है।
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह के कार्यालय के मुताबिक, भारतीय तटरक्षक बल, रक्षा असैन्य पदों और सभी 16 सार्वजनिक क्षेत्र के रक्षा उपक्रमों में भी ‘अग्निवीरों’ के लिये 10 प्रतिशत आरक्षण को लागू किया जाएगा।
इसमें कहा गया कि यह आरक्षण पूर्व सैनिकों के लिये मौजूदा आरक्षण के अतिरिक्त होगा।
बयान के मुताबिक, “रक्षा सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों को सलाह दी जाएगी कि वे अपने संबंधित भर्ती नियमों में समान संशोधन करें। आवश्यक आयु में छूट का प्रावधान भी किया जाएगा।”
केंद्रीय मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने शनिवार को कहा कि आवास एवं पेट्रोलियम मंत्रालयों के अंतर्गत आने वाले सार्वजनिक उपक्रम (पीएसयू) सशस्त्र बलों में चार साल की सेवा पूरी करने के बाद ‘अग्निवीरों’ को भर्ती करने पर काम कर रहे हैं।
उन्होंने इस नयी सैन्य भर्ती व्यवस्था के बारे में ‘दुष्प्रचार’ फैलाने को लेकर विपक्ष की आलोचना भी की और कहा कि सरकार युवाओं को अग्निपथ योजना के बारे में विस्तार से समझाएगी।
केंद्र के आश्वासनों के बावजूद योजना को लेकर विरोध प्रदर्शनों में कमी आती नहीं दिख रही है।
बिहार की राजधानी पटना में पुलिस ने बंद समर्थकों को जबरन दुकानें बंद करने से रोका, लेकिन उन्होंने व्यावसायिक प्रतिष्ठानों पर पथराव किया तथा सड़कों पर पुश-अप (सपाट मारना) करके अपना विरोध दर्ज कराया।
पटना जिले के मसौढी अनुमंडल के तारेगाना रेलवे स्टेशन को बंद समर्थकों ने आग के हवाले कर दिया और राजकीय रेल पुलिस (जीआरपी) की एक जीप में आग लगा दी।
इस दौरान पथराव के साथ गोलीबारी की भी खबर है और उपद्रव को कवर करने वाले पत्रकारों की पिटाई किए जाने का भी मामला सामने आया है।
दानापुर अनुमंडल में बंद समर्थकों ने एक एंबुलेंस में तोड़फोड़ की और एक चालक ने आरोप लगाया कि भीड़ ने वाहन के भीतर मौजूद एक मरीज और परिचारकों को भी पीटा।
पिछले तीन दिनों में विरोध प्रदर्शन के दौरान राज्य में रेलवे को भारी नुकसान हुआ है। भीड़ द्वारा 60 से अधिक ट्रेन के डिब्बों, 10 इंजनों और कुछ स्टेशनों पर आगजनी की गई।
इससे पहले बंद समर्थकों ने जहानाबाद जिले में एक पुलिस चौकी पर हमला किया जिससे कई पुलिसकर्मी घायल हो गए।
बिहार सरकार ने शुक्रवार को अग्निपथ योजना के मुद्दे पर राज्य भर में हुई व्यापक स्तर पर हिंसा की पृष्ठभूमि में 12 जिलों में 19 जून तक इंटरनेट सेवाओं को बंद कर दिया है।
गृह विभाग की ओर से जारी आदेश के मुताबिक कैमूर, भोजपुर, औरंगाबाद, रोहतास, बक्सर, नवादा, पश्चिमी चंपारण, समस्तीपुर, लखीसराय, बेगूसराय, वैशाली और सारण जिले में इंटरनेट सेवाएं बंद कर दी गई हैं।
अधिकारियों ने राज्य के कई जिलों में किसी भी अप्रिय घटना से बचने के लिए चार या अधिक लोगों के इकट्ठा होने पर भी पूर्ण प्रतिबंध लगा दिया है।
बिहार की मुख्य विपक्षी पार्टी राजद, प्रदेश में सत्ता में शामिल हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा (सेक्युलर), कांग्रेस, वामदल, आम आदमी पार्टी और विकासशील इंसान पार्टी सहित विभिन्न राजनीतिक दलों ने बिहार बंद को अपना नैतिक समर्थन दिया है।
वहीं पश्चिम बंगाल में प्रदर्शनकारियों के एक समूह ने उत्तर 24 परगना जिले में सियालदह-बैरकपुर मार्ग पर रेल पटरियों को अवरुद्ध कर दिया, जिसके चलते ट्रेन सेवाएं करीब एक घंटे तक बाधित रहीं। इस दौरान प्रदर्शनकारियों ने पटरियों पर 'पुश अप' भी किया।
प्रदेश की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के आवास से सौ मीटर की दूरी पर कोलकाता के हाजरा इलाके के पास सड़कों को जाम करने की कोशिश करने पर पुलिस की दोपहर में ऑल इंडिया डेमोक्रेटिक स्टूडेंट्स ऑर्गनाइजेशन और ऑल इंडिया डेमोक्रेटिक यूथ ऑर्गनाइजेशन के आंदोलनकारी सदस्यों से झड़प हुई।
देश के विभिन्न हिस्सों में चल रहे ‘अग्निपथ’ विरोधी आंदोलन के बीच, सैकड़ों युवाओं ने केरल में एक और प्रदर्शन शुरू करते हुए सेना में भर्ती के लिए लंबित लिखित परीक्षा जल्द से जल्द कराने की मांग को लेकर तिरुवनंतपुरम और कोझीकोड में विशाल विरोध रैलियां निकालीं।
सेना में नौकरी पाने के इच्छुक लोग सुबह शहर के मध्य स्थित थंपनूर में एकत्र हुए और उन्होंने राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान के आधिकारिक आवास राजभवन तक रैली निकाली। हाथ में बैनर एवं तख्तियां थामे इन लोगों ने ‘‘हम न्याय चाहते हैं’’ के नारे लगाएं।
कर्नाटक के धारवाड़ में 'अग्निपथ' योजना के विरोध में प्रदर्शन कर रहे युवाओं की भीड़ को तितर-बितर करने के लिए पुलिस ने हल्का लाठीचार्ज किया।
उत्तर प्रदेश में केंद्र की 'अग्निपथ' योजना के खिलाफ जौनपुर और कन्नौज से विरोध प्रदर्शन की खबरें आईं और जौनपुर में प्रदर्शनकारियों ने राज्य परिवहन निगम की बसों को आग के हवाले कर दिया तथा पुलिस वाहन में भी तोड़फोड़ की। इस बीच बलिया जिले के कोतवाली पुलिस थाने में शुक्रवार को केंद्र की ‘अग्निपथ’ योजना के खिलाफ प्रदर्शन के सिलसिले में पुलिस ने 400 अज्ञात लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया
अधिकारियों ने बताया कि दिल्ली से सटे गौतम बुद्ध नगर में सैकड़ों युवा यमुना एक्सप्रेसवे पर उतरे और कुछ देर के लिए यातायात बाधित कर दिया, जिसके बाद पुलिस ने 225 प्रदर्शनकारियों पर मामला दर्ज किया और 15 को गिरफ्तार किया।
उन्होंने कहा कि जेवर इलाके में विरोध प्रदर्शन के दौरान हुई हिंसा में आठ पुलिसकर्मी और एक निजी बस का चालक घायल हो गया।
हरियाणा के महेंद्रगढ़ में कुछ युवाओं ने रेलवे स्टेशन के बाहर शनिवार को एक वाहन को आगे के हवाले कर दिया।
युवाओं ने सोनीपत में भी प्रदर्शन किया और रोहतक-पानीपत राजमार्ग को अवरूद्ध कर दिया। कैथल में उन्होंने मार्च निकाला जबकि फरीदाबाद और जींद में भी प्रर्दशन किये।
वहीं, 50 से अधिक प्रदर्शनकारियों के एक समूह ने पड़ोसी राज्य पंजाब में लुधियाना रेलवे स्टेशन में घुसकर संपत्ति को नुकसान पहुंचाया।
राजस्थान के कई हिस्सों में युवाओं का विरोध-प्रदर्शन शनिवार को चौथे दिन भी जारी रहा। कुछ प्रदर्शनकारियों ने अलवर जिले में जयपुर-दिल्ली राजमार्ग अवरुद्ध कर दिया।
पुलिस के अनुसार, जब पुलिसकर्मियों ने प्रदर्शनकारी युवाओं को तितर-बितर करने की कोशिश की तो कुछ लोगों ने बस के शीशे तोड़ दिए। केंद्र की योजना का विरोध कर रहे युवा बहरोड़ में राष्ट्रीय राजमार्ग पर जमा हो गए और मार्ग को अवरुद्ध कर दिया।
इसी तरह का प्रदर्शन झुंझुनू में भी हुआ, जहां प्रदर्शनकारियों ने चिड़ावा में एक सड़क मार्ग और रेलवे ट्रैक को अवरुद्ध करने का प्रयास किया। हालांकि, पुलिस ने वहां मौजूद प्रदर्शनकारियों को हटा दिया।
योजना के खिलाफ युवाओं ने जयपुर और जोधपुर में भी प्रदर्शन किया।
ओडिशा में, सेना में नौकरी के अकांक्षी एक युवक ने नबरंगपुर में 60 किमी दौड़ लगाई, जबकि बड़ी संख्या में आंदोलनकारी गंजम जिले के बेरहामपुर में राजस्व संभागीय आयुक्त कार्यालय के पास धरने पर बैठ गए।
अधिकारियों ने बताया कि झारखंड में रांची के मोराबादी और धनबाद में प्रदर्शन हुए जबकि एहतियातन राज्य भाजपा मुख्यालय में आरएएफ कर्मियों की तैनाती के साथ सुरक्षा कड़ी कर दी गयी।
सरकार ने मंगलवार को इस योजना की शुरुआत करते हुए कहा था कि साढ़े सत्रह साल से 21 साल तक की आयु के युवाओं को चार साल के कार्यकाल के लिए शामिल किया जाएगा, जबकि उनमें से 25 प्रतिशत को बाद में नियमित सेवा में शामिल किया जाएगा।
नयी योजना के तहत भर्ती होने वाले युवाओं को 'अग्निवीर' कहा जाएगा। इस योजना का एक प्रमुख उद्देश्य सैन्यकर्मियों की औसत आयु को कम करना और बढ़ते वेतन और पेंशन बिल में कटौती करना है।
कोरोना वायरस महामारी के कारण दो साल से अधिक समय से सेना में रुकी हुई भर्ती प्रक्रिया की पृष्ठभूमि में नयी योजना की घोषणा की गयी है।
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