‘अफ्रीकन स्वाइन फीवर’: केरल के कन्नूर में सूअरों को मारने का काम जारी
‘अफ्रीकन स्वाइन फीवर’ के हाल में पाए गए मामलों के मद्देनजर केरल के कन्नूर जिले की कनिचार पंचायत के एक स्थानीय फॉर्म में सूअरों को मारने और उन्हें दफनाने का काम जारी है.
कन्नूर (केरल), 3 अगस्त : ‘अफ्रीकन स्वाइन फीवर’ के हाल में पाए गए मामलों के मद्देनजर केरल के कन्नूर जिले की कनिचार पंचायत के एक स्थानीय फॉर्म में सूअरों को मारने और उन्हें दफनाने का काम जारी है. आधिकारिक सूत्रों के मुताबिक, बीमारी को फैलने से रोकने के लिए एहतियातन कदम उठाते हुए एवं सभी अनिवार्य प्रक्रियाओं का पालन करते हुए फॉर्म में मंगलवार को कम से कम 95 सूअरों को मारकर दफनाया गया. उन्होंने बताया कि इस फॉर्म के एक किलोमीटर के दायरे में स्थित एक अन्य फॉर्म के सूअरों को बुधवार को त्वरित कार्रवाई बल की निगरानी में मारा जाना है.
इस त्वरित कार्रवाई बल में जिला पशुपालन विभाग के अधिकारी भी शामिल हैं. दरअसल, ‘अफ्रीकन स्वाइन फीवर’ के मामलों के सामने आने के मद्देनजर कन्नूर के जिलाधिकारी ने दोनों फॉर्म के 273 सूअरों को मारने और दफनाने का निर्देश दिया था. पशु चिकित्सकों गिरीश, प्रशांत, अमिता और रिंसी के नेतृत्व में सूअरों को मारने की प्रक्रिया मंगलवार को पूरी की गई. एक आधिकारिक वक्तव्य के मुताबिक, संक्रमण के खतरे के मद्देनजर 10 किलोमीटर के दायरे में स्थित सूअरों के फॉर्म पर निगरानी रखने के आदेश दिए गए हैं. वायनाड जिले में ‘अफ्रीकन स्वाइन फीवर’ को फैलने से रोकने के लिए एक सप्ताह पहले ही 300 से अधिक सूअरों को मारा गया था. यह भी पढ़ें : महाराष्ट्र: न्यायालय ने उद्धव गुट की याचिका पर शिंदे गुट से नए सिरे से जवाब देने को कहा
इसके बाद वायनाड और कन्नूर जिले से संक्रमण के नए मामले सामने आए हैं. गौरतलब है कि केरल ने जुलाई में केंद्र के सतर्क करने के बाद जैव सुरक्षा उपायों को कड़ा कर दिया था. केंद्र ने बिहार और कुछ पूर्वोत्तर राज्यों में ‘अफ्रीकन स्वाइन फीवर’ के मामले पाए जाने के मद्देनजर कई राज्यों को सतर्क किया था. खाद्य और कृषि संगठन (एफएओ) के अनुसार, ‘अफ्रीकन स्वाइन फीवर’ सूअरों में फैलने वाली एक अत्यधिक संक्रामक और घातक वायरल बीमारी है.