देश की खबरें | अभिनेत्री पर हमला मामला : केरल उच्च न्यायालय ने मेमोरी कार्ड की फॉरेंसिक जांच की मांग स्वीकारी
Get Latest हिन्दी समाचार, Breaking News on India at LatestLY हिन्दी. केरल उच्च न्यायालय ने मंगलवार को राज्य सरकार की उस याचिका को स्वीकार कर लिया, जिसमें 2017 में एक अभिनेत्री पर हुए कथित हमले से जुड़े वीडियो वाले मेमोरी कार्ड की फॉरेंसिक जांच कराने की मांग की गई थी।
कोच्चि, पांच जुलाई केरल उच्च न्यायालय ने मंगलवार को राज्य सरकार की उस याचिका को स्वीकार कर लिया, जिसमें 2017 में एक अभिनेत्री पर हुए कथित हमले से जुड़े वीडियो वाले मेमोरी कार्ड की फॉरेंसिक जांच कराने की मांग की गई थी।
हालांकि, अदालत ने स्पष्ट किया कि यह जांच संबंधित मामले में मुकदमे को लंबा खींचने करने का कारण नहीं बननी चाहिए, जिसमें अभिनेता दिलीप भी आरोपी हैं।
न्यायमूर्ति बेचू कुरियन थॉमस ने मेमोरी कार्ड को फॉरेंसिक विश्लेषण के लिए भेजने के अभियोजन पक्ष के अनुरोध को ठुकराने के निचली अदालत के आदेश को खारिज कर दिया।
उच्च न्यायालय ने निर्देश दिया कि आदेश की प्रति मिलने के दो दिन के भीतर निचली अदालत को मेमोरी कार्ड और उससे संबंधित दस्तावेज राज्य सरकार की फॉरेंसिक प्रयोगशाला के पास भेज देने चाहिए।
उच्च न्यायालय ने कहा कि इसके बाद फॉरेंसिक प्रयोगशाला सात दिन के भीतर अपनी रिपोर्ट जांच अधिकारी को सौंपेगी, जो इसे एक सीलबंद लिफाफे में निचली अदालत के समक्ष पेश करेंगे।
उच्च न्यायालय ने स्पष्ट किया कि मेमोरी कार्ड की फॉरेंसिक जांच संबंधित मामले में मुकदमे को लंबा खींचने या लटकाने का कारण नहीं बननी चाहिए।
मामले की जांच कर रही अपराध शाखा ने निचली अदालत के आदेश के खिलाफ उच्च न्यायालय का रुख किया था, जिससे मुकदमे के दौरान अदालत से कथित तौर पर सबूत लीक होने के मामले की जांच रुक गई थी।
अपराध शाखा ने कहा था कि मेमोरी कार्ड मामले का अहम सुराग था और इसे अदालत के समक्ष पेश किया गया था।
अपराध शाखा ने कहा था कि अदालत ने मेमोरी कार्ड फॉरेसिंक प्रयोगशाला के पास भेजा था, लेकिन इसकी ‘हैश वैल्यू’ बदली हुई मिली थी, जो अनधिकृत इस्तेमाल का संकेत देती है।
मालूम हो कि किसी फाइल में मौजूद सामग्री की पहचान कराने वाले अद्वितीय संख्यात्मक मान को ‘हैश वैल्यू’ कहते हैं। इसे किसी फाइल के ‘फिंगरप्रिंट’ के रूप में भी जाना जाता है।
निचली अदालत ने मेमोरी कार्ड से कथित छेड़छाड़ के संबंध में जांच रोक दी थी, जिसके खिलाफ अपराध शाखा ने उच्च न्यायालय का रुख किया था।
उच्च न्यायालय ने तीन जून को अपराध शाखा की टीम को अभिनेत्री पर हमला मामले की जांच पूरी करने के लिए 15 जुलाई तक का समय दिया था।
पीड़ित अभिनेत्री तमिल, तेलुगु और मलयालम फिल्मों में काम कर चुकी है। आरोप है कि 17 फरवरी 2017 को कुछ लोगों ने अभिनेत्री की कार में घुसकर लगभग दो घंटे तक कथित तौर पर उसके साथ यौन दुर्व्यवहार किया था। आरोपियों ने अभिनेत्री को ‘ब्लैकमेल’ करने के लिए कथित घटना का वीडियो भी बनाया था।
साल 2017 के इस मामले में कुल 10 आरोपी हैं। मामले के आठवें आरोपी अभिनेता दिलीप को भी गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया था। हालांकि, बाद में अदालत से जमानत मिलने के बाद उन्हें रिहा कर दिया गया।
(यह सिंडिकेटेड न्यूज़ फीड से अनएडिटेड और ऑटो-जेनरेटेड स्टोरी है, ऐसी संभावना है कि लेटेस्टली स्टाफ द्वारा इसमें कोई बदलाव या एडिट नहीं किया गया है)