देश की खबरें | प्रधानमंत्री की यात्रा के दौरान ‘अशांति’ की योजना बनाने के आरोपी को उच्चतम न्यायालय से जमानत मिली
Get Latest हिन्दी समाचार, Breaking News on India at LatestLY हिन्दी. उच्चतम न्यायालय ने पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएफआई) के एक कथित सदस्य को जमानत देते हुए कहा कि उसे बिना मुकदमे के अनिश्चित काल तक जेल में नहीं रहने दिया जा सकता।
नयी दिल्ली, 18 दिसंबर उच्चतम न्यायालय ने पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएफआई) के एक कथित सदस्य को जमानत देते हुए कहा कि उसे बिना मुकदमे के अनिश्चित काल तक जेल में नहीं रहने दिया जा सकता।
न्यायमूर्ति अभय एस. ओका और न्यायमूर्ति ऑगस्टीन जॉर्ज मसीह की पीठ ने मंगलवार को कहा कि ‘‘संरक्षित गवाहों’’ के बयान में ऐसी कोई विशेष बात नहीं कही गई है, जिससे आरोपी पर प्रथम दृष्टया गैरकानूनी गतिविधियां (निवारण) अधिनियम के तहत आरोप लगाया जा सके।
पीठ ने कहा, ‘‘इसमें कोई संदेह नहीं है कि मुकदमा जल्द पूरा होने की संभावना नहीं है, और जैसा कि इस अदालत के विभिन्न निर्णयों में निर्धारित किया गया है कि अपीलकर्ता को अनिश्चित काल तक जेल में रहने नहीं दिया जा सकता और वह भी बिना मुकदमे के। यदि ऐसा होने दिया जाता है तो यह भारत के संविधान के अनुच्छेद 21 का उल्लंघन होगा।’’
अपील को स्वीकार करते हुए पीठ ने निर्देश दिया कि अपीलकर्ता को विशेष अदालत द्वारा तय की जाने वाली उचित शर्तों पर जमानत दी जानी चाहिए।
अदालत ने आगे कहा कि अपीलकर्ता को मंगलवार से अधिकतम सात दिन के अंदर विशेष अदालत के समक्ष पेश किया जाना चाहिए।
पीठ ने कहा, “विशेष अदालत प्रतिवादी के वकील की दलीलें सुनने के बाद मुकदमे के समापन तक, अपीलकर्ता को उचित शर्तों पर जमानत पर रिहा करेगी।”
पीठ जुलाई 2022 में गिरफ्तार किए गए अतहर परवेज नामक व्यक्ति की अपील पर सुनवाई कर रही थी। परवेज ने मामले में जमानत देने से इनकार करने के पटना उच्च न्यायालय के नवंबर 2023 के आदेश को चुनौती दी है।
परवेज पर 2022 में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की प्रस्तावित पटना यात्रा के दौरान अशांति उत्पन्न करने की योजना बनाने का आरोप है।
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