देश की खबरें | कानपुर देहात में अकाउंटेंट की अपहरण के बाद हत्या, मुख्यमंत्री ने सख्त कार्रवाई करने के दिये निर्देश
एनडीआरएफ/प्रतीकात्मक तस्वीर (Photo Credits: ANI)

पुलिस के मुताबिक ब्रजेश पाल का शव मंगलवार को कानपुर देहात के देवराहट के कान्हा खेड़ा गांव में एक सूखे कुएं से बरामद हुआ है। परिजनों का आरोप है कि उनसे बीस लाख की फिरौती मांगी गयी थी, लेकिन पुलिस ने देने से मना कर दिया था।

पुलिस ने बताया कि इस मामले में एक ट्रक चालक सुबोध सचान (35) को गिरफ्तार किया है। पुलिस का मानना है कि अपहरण और हत्या का यही मुख्य अभियुक्त है ।

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परिवार के अनुसार ब्रजेश हत्या के पीछे पुलिस की लापरवाही है। परिवार का दावा है कि पुलिस ने मामले को गंभीरता से नहीं लिया। परिवार ने यह भी आरोप लगाया कि वे अपहरणकर्ताओं की बीस लाख की फिरौती की रकम देने को तैयार थे, लेकिन पुलिस ने उन्हें ऐसा करने से रोक दिया ।

उधर लखनऊ में एक सरकारी प्रवक्ता के मुताबिक उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने थाना भोगनीपुर, जनपद कानपुर देहात के अपहृत युवक की मृत्यु की घटना में अपराधियों के विरुद्ध सख्त से सख्त कार्रवाई करने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने अपराधियों के विरुद्ध राष्ट्रीय सुरक्षा कानून (रासुका) लगाए जाने पर विचार करने तथा प्रकरण में पुलिस की जवाबदेही तय करने के निर्देश भी दिए हैं।

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कानपुर देहात के पुलिस अधीक्षक अनुराग वत्स ने बताया कि निगरानी टीम की तत्परता से यह मामला हल हुआ। उन्होंने बताया कि भोगनीपुर का रहने वाले ब्रजेश पाल का 15 और 16 जुलाई की रात को अपहरण हुआ था। गिरफ्तार किया गया आरोपी सुबोध सचान अक्सर ब्रजेश को फोन करता था और उस रात उसे संदेश कर शराब की पार्टी में बुलाया। दोनों ने उस दिन कोल्ड ड्रिंक पी, लेकिन ब्रजेश के ड्रिंक में नशीले पदार्थ मिला दिया गया ।

पुलिस अधीक्षक ने बताया कि कोल्ड ड्रिंक पीने के बाद ब्रजेश बेहोश हो गया उसके बाद सुबोध ने गला दबा कर उसकी हत्या कर दी और उसके शव को एक वाहन में रखकर दवेराहट इलाके के एक सूखे कुंए में फेंक दिया।

शव को ठिकाने लगाने के बाद सुबोध ने ब्रजेश के घर वालो को फिरौती के लिये फोन किया। जब उसे पता चला कि इस मामले में पुलिस चौकन्नी हो गयी है तो उसने फिर फिरौती के लिये फोन नहीं किया।

एसपी वत्स ने बताया कि सुबोध को मंगलवार को गिरफ्तार किया गया। पहले तो उसने पुलिस के सवालो के सही जवाब नहीं दिये, लेकिन जब पुलिस ने कड़ाई से पूछताछ की तो उसने सच उगल दिया।

इस मामले में 17 जुलाई को मामला दर्ज कर लिया गया था जब ब्रजेश घर नही लौटा था और परिजनों को फिरौती के लिये फोन आया था।

मुख्यमंत्री ने शोक संतप्त परिजनों के प्रति गहरी संवेदना व्यक्त करते हुए पांच लाख रुपये की आर्थिक सहायता दिए जाने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा है कि प्रदेश सरकार प्रकरण की फास्ट ट्रैक कोर्ट में सुनवायी कराकर अपराधियों को जल्द से जल्द सजा दिलाएगी।

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