COVID-19 महामारी के कारण अर्थव्यवस्था खतरे में, RBI गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा- बुनियादी ढांचा क्षेत्र में काम तेज करने से वृद्धि में होगा सुधार
भारतीय रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास ने कोरोना वायरस महामारी के प्रभाव से जूझ रही अर्थव्यवस्था को फिर से पटरी पर लाने के लिये बुनियादी ढांचा विकसित करने की परियोजनाओं में निवेश बढ़ाने पर जोर दिया है. पहली तिमाही के दौरान कार्पोरेट बॉंड निर्गम का आंकड़ा एक लाख करोड़ रुपये तक पहुंच गया. एक साल पहले की इसी अवधि के मुकाबले यह काफी अधिक है.
नई दिल्ली, 27 जुलाई: भारतीय रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास (Shaktikanta Das) ने कोरोना वायरस महामारी के प्रभाव से जूझ रही अर्थव्यवस्था को फिर से पटरी पर लाने के लिये बुनियादी ढांचा विकसित करने की परियोजनाओं में निवेश बढ़ाने पर जोर दिया है. भारतीय उद्योग परिसंघ (CII) के एक कार्यक्रम में उद्योगपतियों को संबोधित करते हुये दास ने सोमवार को कहा कि बुनियादी ढांचा क्षेत्र में बड़े निवेश की आवश्यकता है. इसमें निजी और सार्वजनिक दोनों क्षेत्रों को महत्वपूर्ण भूमिका निभानी होगी. उन्होंने कहा कि बुनियादी ढांचे पर काम तेज होने से अर्थव्यवस्था को काफी फायदा होगा और कुछ तय लक्ष्य वाली बड़ी परियोजनाओं पर तेजी से काम बढ़ने पर आर्थिक वृद्धि पटरी पर लौट सकती है.
गवर्नर ने कहा कि कृषि क्षेत्र में हाल में किये गये सुधारों से नये अवसर पैदा हुये हैं.यह क्षेत्र आज एक आकर्षक बिंदु के रूप में उभर रहा है और हमारी अर्थव्यवस्था में संयोग कृषि क्षेत्र के पक्ष में बनता दिख रहा है. उन्होंने कहा कि वैश्विक मूल्य-संवर्धन (उत्पादन) श्रृंखला में किसी देश की भागीदारी में एक प्रतिशत वृद्धि से उसकी प्रति व्यक्ति आय एक प्रतिशत से ज्यादा बढ़ सकती है. केन्द्रीय बैंक के गवर्नर ने कहा कि भारत को व्यापार में और अधिक रणनीति समन्वय पर ध्यान देना चाहिए. इसके लिए उन्होंने अमेरिका, यूरोपीय संघ और ब्रिटेन के साथ मुक्त व्यापार समझौतों की वार्ताएं शीघ्रता से पूरा करने की जरूरत पर बल दिया.
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विदेशी मुद्रा विनिमय दर के बारे में दास ने हा कि रिजर्व बैंक के रुपये की दर को लेकर कोई निर्धारित लक्ष्य नहीं है लेकिन केन्द्रीय बैंक बाजार में अनावश्यक उठा-पटक पर नजर रखता है. रिजर्व बैंक गवर्नर ने उद्योगों को आश्वस्त किया कि चुनौतियों के बीच रिजर्व बैंक पूरी तरह से चौकस बना रहेगा और जरूरत पड़ने पर जरूरी कदम उठाने में कोई हिचकिचाहट नहीं दिखायेगा. उन्होंने कहा कि केन्द्रीय बैंक द्वारा तरलता बढ़ाने के लिये उठाये गये कदमों से कार्पोरेट बॉड बाजार में सुधार आया है.
पहली तिमाही के दौरान कार्पोरेट बांड निर्गम का आंकड़ा एक लाख करोड़ रुपये तक पहुंच गया. एक साल पहले की इसी अवधि के मुकाबले यह काफी अधिक है. दास ने कहा कि रिजर्व बैंक ने बैंकों से अपनी वित्तीय कठिनायी की जांच करने और चुनौतियों का मुकाबला करने के लिये सक्रियता दिखाते हुये पूंजी जुटाने की सलाह दी है.
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