गुजरात विधानसभा चुनाव में विपक्ष के मतों का बंटवारा कर सकती है आप: राजनीतिक विशेषज्ञ

गुजरात में इस साल के अंत में होने वाले विधानसभा चुनाव में एक ओर जहां आम आदमी पार्टी (आप) स्वयं को सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के विकल्प के तौर पर मुख्य दावेदार के रूप में देख रही है, वहीं कांग्रेस और राजनीतिक विशेषज्ञों को लगता है कि पार्टी विपक्ष के मतों को विभाजित करेगी, जिससे भाजपा को फायदा होगा.

बीजेपी -आप (Photo Credits PTI)

अहमदाबाद, 12 जून : गुजरात में इस साल के अंत में होने वाले विधानसभा चुनाव में एक ओर जहां आम आदमी पार्टी (आप) स्वयं को सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के विकल्प के तौर पर मुख्य दावेदार के रूप में देख रही है, वहीं कांग्रेस और राजनीतिक विशेषज्ञों को लगता है कि पार्टी विपक्ष के मतों को विभाजित करेगी, जिससे भाजपा को फायदा होगा. कांग्रेस ने यह भी दावा किया कि अरविंद केजरीवाल के नेतृत्व वाली आम आदमी पार्टी गुजरात में भाजपा की ‘बी-टीम’ है . गुजरात के 182 सदस्यीय विधानसभा का चुनाव इस साल दिसंबर में होना है . प्रदेश में पिछले दो दशक से भाजपा का शासन है .

मुख्य विपक्षी दल कांग्रेस अब तक भाजपा का विकल्प नहीं बन पायी है. पंजाब में आम आदमी पार्टी की जबरदस्त जीत के बाद से पिछले तीन महीने में पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक एवं दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने चार बार गुजरात आये हैं जबकि कांग्रेस के वरिष्ठ नेता राहुल गांधी को छोड़ कर कोई केंद्रीय नेता यहां नहीं आया है . राहुल पिछले दो महीने में एक बार यहां आये हैं . आम आदमी पार्टी के प्रदेश प्रभारी डॉ. संदीप पाठक के मुताबिक, ''हम जहां भी चुनाव लड़ते हैं, वैज्ञानिक तरीका अपनाते हैं. हमने अन्य राज्यों में इस आधार को अपनाया है और गुजरात में भी वैज्ञानिक सर्वेक्षण किया है. हमारे आंतरिक सर्वेक्षण के अनुसार, हम आज की तारीख में कुल 58 सीटें जीतेंगे.'' हालांकि, राजनीतिक पर्यवेक्षक हरि देसाई ने कहा, ''आम आदमी पार्टी विपक्ष के मतों को विभाजित करेगी जिससे अंतत: कांग्रेस के खिलाफ भाजपा को फायदा पहुंचेगा.'' गुजरात कांग्रेस के प्रवक्ता मनीश दोशी ने दावा किया कि 'आप' भाजपा की ''बी-टीम'' है.

उन्होंने कहा कि गुजरात के लोगों ने कभी भी ''तीसरे विकल्प'' को मंजूरी नहीं दी है, चाहे वह चिमनभाई पटेल का किसान मजदूर लोक पक्ष (केआईएमएलओपी) हो, भाजपा के बागी शकंरसिंह वाघेला की राष्ट्रीय जनता पार्टी (आरजेपी) हो या केशुभाई पटेल की गुजरात परिवर्तन पार्टी (जीपीपी) हो. दोशी ने दावा किया कि 'आप' को गुजरात के लोग खारिज कर देंगे. हालांकि, राजनीतिक विश्लेषक दिलीप गोहिल ने कहा, ''आप एक वैकल्पिक एजेंडा वाली पार्टी है.'' उन्होंने कहा कि हाल के दिनों में सूरत और गांधीनगर समेत कुछ अन्य नगर पालिकाओं में हुए निकाय चुनावों में पार्टी ने लगभग 18 से 20 प्रतिशत मत हासिल किये हैं. गोहिल ने कहा कि आप के पास इस साल गुजरात विधानसभा चुनाव में एक राजनीतिक ताकत के रूप में उभरने का एक वास्तविक मौका है. उन्होंने बताया कि आप अब तक अपने अभियान को गति देने में सफल रही है. यह भी पढ़ें : अखिलेश यादव ने शेयर किया थाने के भीतर पिटाई का वीडियो, बोले- उठने चाहिए ऐसे हवालात पर सवाल

आप के पंजाब से राज्यसभा सदस्य संदीप पाठक ने कहा कि पार्टी के सर्वेक्षण के अनुसार, ग्रामीण गुजरात के लोगों की राय है कि कांग्रेस भाजपा को नहीं हरा सकती. उन्होंने दावा किया, ‘‘ग्रामीण गुजरात के कांग्रेसी मतदाता हमारा समर्थन कर रहे हैं. उसी तरह शहरी निम्न मध्यम वर्ग और मध्यम वर्ग के मतदाता भी बदलाव चाहते हैं और हमारा समर्थन कर रहे हैं.'' 'आप' के प्रदेश प्रवक्ता योगेश जडवानी ने कहा कि विपक्षी कांग्रेस के पास गुजरात के लिए कोई विजन नहीं है. उन्होंने दावा किया, ‘‘कांग्रेस पर पांच-छह नेताओं का नियंत्रण है, जिनमें से प्रत्येक के अपने समूह हैं. वह लोग आपस में लड़ रहे हैं. वह नए चेहरों को भी सामने नहीं आने देते हैं. इसलिए, लोग हमें गुजरात में भाजपा के विकल्प के तौर पर मुख्य दावेदार के रूप में वोट देंगे.’’

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