देश की खबरें | बस मार्शल की बहाली को लेकर आप, भाजपा में आरोप-प्रत्यारोप का दौर
Get Latest हिन्दी समाचार, Breaking News on India at LatestLY हिन्दी. पूर्व बस मार्शलों की बहाली के मुद्दे पर सत्तारूढ़ आम आदमी पार्टी (आप) और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के बीच शुक्रवार को जुबानी जंग देखने को मिली।
नयी दिल्ली, चार अक्टूबर पूर्व बस मार्शलों की बहाली के मुद्दे पर सत्तारूढ़ आम आदमी पार्टी (आप) और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के बीच शुक्रवार को जुबानी जंग देखने को मिली।
दिल्ली के मंत्री सौरभ भारद्वाज ने राष्ट्रीय राजधानी में पूर्व बस मार्शलों की बहाली पर अपनी बात से पलटने को लेकर भाजपा पर निशाना साधा।
भारद्वाज ने कहा, “कल भाजपा का एक भी विधायक उपराज्यपाल से मिलने नहीं आया। न उपराज्यपाल ने मिलने का समय दिया और न ही भाजपा विधायक मार्शलों की नौकरी बचाने के लिए सामने आए।”
दिल्ली विधानसभा के हाल में संपन्न दो दिवसीय सत्र के पहले दिन 26 सितंबर को बस मार्शलों की सेवा समाप्ति के मुद्दे पर आप और विपक्ष के बीच तीखी बहस हुई, जिसमें अंततः दोनों पक्षों ने उनकी नौकरी बहाल करने के प्रस्ताव पर समर्थन जताया।
विधानसभा ने प्रस्ताव पारित किया कि आप और भाजपा दोनों विधायक तीन अक्टूबर को सुबह 11 बजे उपराज्यपाल वी.के. सक्सेना से मिलेंगे और मार्शलों की बहाली सुनिश्चित होने तक वापस नहीं लौटेंगे।
ऐसी कोई बैठक हालांकि नहीं हुई।
उपराज्यपाल भारद्वाज पर निशाना साधते हुए भारद्वाज ने पूछा, “क्या इस तरह की तानाशाही किसी अन्य राज्य में होती है, जहां राज्यपाल के पास मंत्रियों से मिलने का समय नहीं है और जब वे राज्यपाल से मिलने जाते हैं तो पुलिस द्वारा उनकी पिटाई की जाती है?”
उन्होंने आरोप लगाया कि एक ‘तानाशाह’ की तरह उपराज्यपाल राष्ट्रीय राजधानी के युवाओं पर बेरोजगारी थोप रहे हैं।
विपक्ष के नेता विजेंद्र गुप्ता ने कहा कि सत्तारूढ़ आप की मंशा मार्शलों को राहत देना नहीं बल्कि उनकी भावनाओं के साथ राजनीति करना है।
गुप्ता ने एक संवाददाता सम्मेलन में दावा किया, “जब इनके नेता अरविंद केजरीवाल मुख्यमंत्री थे, तब उन्होंने मार्शलों को नौकरी से निकालने का आदेश दिया था। अब वे उन्हें बहाल न करके इन गरीब लोगों को गुमराह कर रहे हैं।”
सत्तारूढ़ पार्टी पर हमला तेज करते हुए भाजपा नेता ने कहा, “अब नयी मुख्यमंत्री आतिशी हैं। वह इन नागरिक स्वयंसेवकों को बहाल क्यों नहीं करतीं?”
गुप्ता ने कहा कि भाजपा विधायक पांच अक्टूबर को मुख्यमंत्री से मिलेंगे और उनसे कैबिनेट नोट बनाने और उसे कैबिनेट से मंजूरी दिलाने का अनुरोध करेंगे।
उन्होंने कहा, “हम मुख्यमंत्री से बस मार्शलों की नियुक्ति में ओबीसी, एससी, एसटी और ईडब्ल्यूएस के लिए आरक्षण का प्रावधान करने का भी अनुरोध करेंगे।”
इससे पहले बृहस्पतिवार को पूर्व बस मार्शलों ने अपनी नौकरी बहाल करने की मांग को लेकर उप राज्यपाल के आवास के पास विरोध प्रदर्शन किया।
विरोध प्रदर्शन में दिल्ली के मंत्री सौरभ भारद्वाज, इमरान हुसैन और मुकेश अहलावत के साथ-साथ पार्टी के अन्य विधायक भी शामिल हुए।
पुलिस ने विरोध प्रदर्शन की अनुमति नहीं लिये जाने की दलील देते हुए भारद्वाज और अन्य आप नेताओं के साथ कुछ प्रदर्शनकारियों को हिरासत में लिया।
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