जरुरी जानकारी | अबतक 6.98 करोड़ रिटर्न दाखिल, 88 प्रतिशत का प्रसंस्करण पूराः सीबीडीटी

Get Latest हिन्दी समाचार, Breaking News on Information at LatestLY हिन्दी. केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) ने मंगलवार को कहा कि वित्त वर्ष 2022-23 में अर्जित आय के लिए 6.98 करोड़ से अधिक आयकर रिटर्न दाखिल किए गए हैं जिनमें से छह करोड़ से अधिक प्रसंस्कृत किए जा चुके हैं।

नयी दिल्ली, पांच सितंबर केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) ने मंगलवार को कहा कि वित्त वर्ष 2022-23 में अर्जित आय के लिए 6.98 करोड़ से अधिक आयकर रिटर्न दाखिल किए गए हैं जिनमें से छह करोड़ से अधिक प्रसंस्कृत किए जा चुके हैं।

आयकर एवं कॉरपोरेट कर से संबंधित शीर्ष निकाय सीबीडीटी ने एक बयान में कहा कि कुछ आयकर रिटर्न (आईटीआर) के मामले में करदाताओं की तरफ से कुछ जानकारी न मुहैया कराने या जरूरी कदम न उठाने से विभाग उनका प्रसंस्करण नहीं कर पा रहा है।

सीबीडीटी के मुताबिक, वित्त वर्ष 2022-23 के लिए दाखिल किए गए कुल आईटीआर में से लगभग 14 लाख रिटर्न को करदाताओं ने अभी तक सत्यापित नहीं किया है।

इसके अलावा विभाग ने 12 लाख करदाताओं से आय से संबंधित अतिरिक्त जानकारी मांगी है और इस संबंध में उन्हें ई-फाइलिंग खातों से अवगत करा दिया गया है।

इसके साथ ही कुछ आईटीआर जमाकर्ताओं ने अभी तक अपने बैंक खातों को सत्यापित नहीं किया है।

सीबीडीटी ने कहा, ‘‘कर आकलन वर्ष 2023-24 में पांच सितंबर तक कुल 6.98 करोड़ आईटीआर जमा किए गए हैं जिनमें से 6.84 करोड़ रिटर्न सत्यापित हैं। छह करोड़ से अधिक आईटीआर यानी कुल सत्यापित रिटर्न में से 88 प्रतिशत का प्रसंस्करण किया जा चुका है।’’

आयकर विभाग ने 2.45 करोड़ से अधिक रिटर्न जमाकर्ताओं को रिफंड जारी कर दिया है।

आयकर रिटर्न जमा करने के बाद उसका सत्यापन करना जरूरी होता है। उसके बाद ही आयकर विभाग उस रिटर्न का प्रसंस्करण करता है और रिफंड संबंधी दावों का निपटारा करता है।

आईटीआर के प्रसंस्करण में लगने वाला औसत समय निर्धारण वर्ष 2019-20 में 82 दिन और निर्धारण वर्ष 2022-23 में 16 दिन का था। इस समय को निर्धारण वर्ष 2023-24 के लिए घटाकर 10 दिन कर दिया गया है।

सीबीडीटी ने कहा, ‘‘आयकर विभाग आईटीआर को त्वरित और कुशल तरीके से संसाधित करने के लिए प्रतिबद्ध है।’’

अभी तक सत्यापित नहीं किए गए 14 लाख रिटर्न के संदर्भ में सीबीडीटी ने कहा कि रिटर्न सत्यापित न करने से प्रसंस्करण में देरी होती है। उसने करदाताओं से सत्यापन प्रक्रिया तुरंत पूरी करने का आग्रह भी किया।

इसके साथ ही सीबीडीटी ने 12 लाख करदाताओं से भी शीघ्र कदम उठाने को कहा है जिनसे अतिरिक्त जानकारी मांगी गई है। इसकी एक बड़ी वजह यह है कि करदाता ने अपने बैंक खाते को ही सत्यापित नहीं किया है। सीबीडीटी ने कहा कि बैंक खाता सत्यापित न होने से वह स्वीकृत रिफंड भी भेज पाने में असमर्थ है।

सीबीडीटी ने करदाताओं से रिफंड के लिए अपने बैंक खातों को ई-फाइलिंग पोर्टल के माध्यम से सत्यापित करने का अनुरोध किया।

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