देश की खबरें | दिल्ली में राजग की बैठक में शामिल होंगे 38 दल

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नयी दिल्ली, 17 जुलाई चिराग पासवान के नेतृत्व वाली लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास), ओ पी राजभर के नेतृत्व वाली सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी (सुभासपा) और हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा (सेक्युलर) सहित भाजपा के कई नए सहयोगी दल मंगलवार को यहां राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) की एक महत्वपूर्ण बैठक में शामिल होंगे।

लंबे अरसे बाद हो रही राजग की बैठक में कम से कम 38 दलों के शामिल होने की उम्मीद है।

लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) के अध्यक्ष चिराग पासवान ने सोमवार को भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) अध्यक्ष जे पी नड्डा और केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह से मुलाकात की।

नड्डा ने एक ट्वीट में कहा, ‘‘चिराग पासवान ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व वाले राजग में शामिल होने का फैसला किया है। मैं राजग परिवार में उनका स्वागत करता हूं।"

महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाली शिवसेना, महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री अजित पवार के नेतृत्व वाली राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा), उपेंद्र कुशवाहा के नेतृत्व वाले राष्ट्रीय लोक जनता दल (आरएलजेडी) और पवन कल्याण के नेतृत्व वाली जन सेना के राजग की बैठक में शामिल होने की उम्मीद है।

इनमें से कुछ दलों ने पहले भी भाजपा के साथ साझेदारी की थी।

नड्डा ने यहां संवाददाताओं से कहा, ''38 दलों ने मंगलवार शाम को होने वाली राजग की बैठक में शामिल होने की पुष्टि की है।"

जनता दल (यूनाइटेड), उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली शिवसेना और अकाली दल जैसे अपने कई पारंपरिक सहयोगियों को खोने के बाद, भाजपा एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाली शिवसेना, राकांपा के अजीत पवार के नेतृत्व वाले गुट, उत्तर प्रदेश में ओ पी राजभर के नेतृत्व वाली सुभासपा और जीतन राम मांझी के नेतृत्व वाले हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा (सेक्युलर) और आरएलजेडी के साथ गठबंधन करने में सफल रही है।

भाजपा अध्यक्ष ने इन दलों को बैठक में उपस्थिति के लिए निमंत्रण भेजा है जहां प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और सत्तारूढ़ दल के अन्य वरिष्ठ नेता भी मौजूद रहेंगे।

राकांपा के कार्यकारी अध्यक्ष प्रफुल्ल पटेल ने मुंबई में संवाददाताओं से कहा, ''अजित पवार और मैं कल दिल्ली में राजग की बैठक में मौजूद रहेंगे।"

जन सेना के नेता पवन कल्याण और आरएलजेडी नेता कुशवाहा ने कहा है कि वे राजग की बैठक में शामिल होंगे।

तमिलनाडु की अन्नाद्रमुक और पूर्वोत्तर राज्यों तथा देश के अन्य हिस्सों के कई दल भी बैठक में मौजूद रहेंगे।

नरेंद्र मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल के दौरान इस स्तर की यह राजग पहली ऐसी बैठक होगी, जो अगले साल अप्रैल-मई में संभावित लोकसभा चुनावों से पहले एक प्रमुख गठबंधन सहयोगी के रूप में अपनी साख पेश करने की सत्तारूढ़ पार्टी के भीतर अनिवार्यता को रेखांकित करती है।

उत्तर प्रदेश और बिहार जैसे राज्यों की कई सीटों पर क्षेत्रीय दलों का किसी विशेष क्षेत्र या जाति में खासा प्रभाव माना जाता है। इन दोनों राज्यों में लोकसभा की 120 सीट है।

लोकसभा में लगातार तीसरी बार बहुमत हासिल करने के लिए भाजपा ने जहां नए सहयोगियों को समायोजित करने का प्रयास किया है, वहीं महाराष्ट्र और उत्तर प्रदेश जैसे महत्वपूर्ण राज्यों में विपक्षी गुट को कमजोर करने का भी काम किया है।

कांग्रेस ने सोमवार को कहा कि विपक्षी एकता भारतीय राजनीतिक परिदृश्य के लिए 'पासा पलटने वाली' साबित होगी। भाजपा पर निशाना साधते हुए उसने कहा कि जो लोग विपक्षी दलों को अकेले हराने की बात करते थे, वे अब 'भूत' बन चुके राजग में नई जान फूंकने का प्रयास कर रहे हैं।

कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने आज शाम से शुरू हो रहे विपक्षी दलों के दो दिवसीय महत्वपूर्ण विचार-विमर्श पर बेंगलुरु में आयोजित संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को अचानक राजग की याद आ गई है।

उन्होंने कहा, ‘‘राजग में नई जान फूंकने की कोशिश की जा रही है। राजग के बारे में कोई बात नहीं होती थी और अचानक पिछले कुछ दिनों से हम इसके बारे में सुन और पढ़ रहे हैं। अचानक, यह बताया गया कि कल राजग की बैठक बुलाई गई है। इसलिए राजग, जो भूत बन गया था, अब इसमें एक नई जान फूंकने की कोशिश की जा रही है।’’

तृणमूल कांग्रेस के नेता डेरेक ओ ब्रायन ने कहा कि बेंगलुरु की बैठक में राजनीतिक दल स्पष्ट रूप से विमर्श तय कर रहे हैं जबकि भाजपा प्रतिक्रिया दे रही है।

उन्होंने दावा किया कि राजग के सहयोगियों में से आठ के पास एक भी सांसद नहीं है, नौ के पास एक-एक सांसद हैं और तीन के पास दो-दो सांसद हैं।

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