देश की खबरें | 29 मार्च 2020 : कोरोना मरीजों की संख्या देश में एक हजार के पार
Get Latest हिन्दी समाचार, Breaking News on India at LatestLY हिन्दी. इतिहास की बात करें तो देश के स्वतंत्रता संग्राम में 29 मार्च के दिन की खास अहमियत है। दरअसल 1857 में 29 मार्च को मंगल पांडे ने अंग्रेजी हुकूमत के खिलाफ विद्रोह की मशाल को चिंगारी दिखा दी, जो देखते ही देखते पूरे देश में आजादी की ज्वाला में बदल गई। अंग्रेज हुक्मरान ने इस क्रांति को दबाने के लिए अपना सब कुछ दॉव पर लगा दिया।
इतिहास की बात करें तो देश के स्वतंत्रता संग्राम में 29 मार्च के दिन की खास अहमियत है। दरअसल 1857 में 29 मार्च को मंगल पांडे ने अंग्रेजी हुकूमत के खिलाफ विद्रोह की मशाल को चिंगारी दिखा दी, जो देखते ही देखते पूरे देश में आजादी की ज्वाला में बदल गई। अंग्रेज हुक्मरान ने इस क्रांति को दबाने के लिए अपना सब कुछ दॉव पर लगा दिया।
बंगाल की बैरकपुर छावनी में 34वीं बंगाल नेटिव इंफेन्टरी के मंगल पांडे ने परेड ग्राउंड में दो अंग्रेज अफसरों पर हमला किया और फिर खुद को गोली मारकर घायल कर लिया। उन्हें 7 अप्रैल, 1857 को अंग्रेजी हुकूमत ने फांसी दे दी। स्थानीय जल्लादों ने मंगल पांडेय को फांसी देने से मना कर दिया, जिसकी वजह से कोलकाता से चार जल्लादों को बुलाकर देश के इस जांबाज सिपाही को फाँसी दी गई ।
देश दुनिया के इतिहास में 29 मार्च की तारीख पर दर्ज अन्य महत्वपूर्ण घटनाओं का सिलसिलेवार ब्यौरा इस प्रकार है।
1807 : जर्मनी के खगोलविद् विल्हेम ओल्बर्स ने एक छोटा सा ग्रह वेस्ता खोजा। इसे आसमान का सबसे चमकदार छोटा तारा कहा गया।
1849 : महाराजा दिलीप सिंह ने अपने दिवंगत पिता रणजीत सिंह का सिंहासन छोड़ दिया और पंजाब पर ईस्ट इंडिया कंपनी का कब्जा हो गया।
1857 कलकत्ता के निकट बैरकपुर में मंगल पांडे ने अंग्रेजी शासन के खिलाफ विद्रोह का बिगुल फूंका।
1859 : बहादुर शाह जफर द्वितीय को 1857 की क्रांति में भागीदारी का दोषी पाया गया और अंग्रेज सरकार ने उन्हें देश निकाला देकर रंगून भेज दिया।
1954 : राष्ट्रीय आधुनिक कला संग्रहालय :नेशनल गैलरी आफ मॉडर्न आर्ट: का दिल्ली में शुभारंभ
1999 : उत्तर प्रदेश के कुमायूं और चमोली :अब उत्तराखंड: में आधी रात के ठीक बाद आए 6.8 वेग के भूकंप में 100 से ज्यादा लोगों की मौत।
2002 : दिल्ली और बीजिंग के बीच सीधी वाणिज्यिक उड़ान सेवा फिर से शुरू।
2020 : कोरोना संक्रमितों की संख्या 1000 के पार। लाखों प्रवासी मजदूरों की घर वापसी के कारण सामुदायिक संचरण का खतरा बढ़ा।
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