उत्तर प्रदेश में कोविड-19 के 1800 सक्रिय मामले

प्रमुख सचिव (चिकित्सा एवं स्वास्थ्य) अमित मोहन प्रसाद ने यहां संवाददाताओं से कहा, ''आज प्रदेश में उपचाराधीन मरीजों की संख्या 1,800 है। कुल 1,399 लोग पूर्णतया उपचारित होकर अपने घरों को जा चुके हैं।''

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लखनऊ, नौ मई उत्तर प्रदेश में शनिवार को कोरोना वायरस के सक्रिय संक्रमण के मामलों की संख्या 1800 है।

प्रमुख सचिव (चिकित्सा एवं स्वास्थ्य) अमित मोहन प्रसाद ने यहां संवाददाताओं से कहा, ''आज प्रदेश में उपचाराधीन मरीजों की संख्या 1,800 है। कुल 1,399 लोग पूर्णतया उपचारित होकर अपने घरों को जा चुके हैं।''

प्रसाद ने बताया कि शुक्रवार को विभिन्न प्रयोगशालाओं में 4,525 नमूनों जांच की गयी। पूल के माध्यम से से होने वाली जांच के तहत कल 334 पूल लगाये गये, जिनमें से 25 पूल पॉजिटिव निकले।

उन्होंने बताया कि अब तक सार्वजनिक एवं निजी स्तर पर एक लाख 24 हजार 791 नमूने जांच किये गये। प्रदेश में त्रिस्तरीय चिकित्सकीय ढांचा तैयार किया गया है।

इसके अंतर्गत 53 हजार 459 बिस्तर की व्यवस्था कर ली गयी है। राजकीय एवं निजी चिकित्सा महाविद्यालयों के माध्यम से 24, 266 बिस्तरों का इंतजाम किया गया है जबकि चिकित्सा विभाग के अस्पतालों एवं अन्य जिन भवनों को कोविड केयर सेंटर में तब्दील किया गया है, वहां 29,193 बिस्तर हैं।

प्रसाद ने बताया कि कुल 1,864 संक्रमितों को पृथक वार्ड में रखा गया है जबकि 8,722 लोगों को पृथक केंद्रों में रखा गया है।

उन्होंने कहा कि उपचारित होने का देश का औसत लगभग 30 प्रतिशत है जबकि उत्तर प्रदेश में उपचारित होने का औसत 43 प्रतिशत है यानी प्रदेश में उपचारित लोगों का औसत राष्ट्रीय औसत से अधिक है। यह संतोष का विषय है कि लोग लगातार उपचारित होकर जा रहे हैं।

प्रमुख सचिव ने जनता से अपील की कि वे लॉकडाउन के नियमों का कड़ाई से पालन करें क्योंकि इसी से संक्रमण से बचेंगे। सामाजिक दूरी का अनुपालन करें। साबुन पानी से बार बार हाथ धोते रहें और सार्वजनिक स्थल पर मुंह और नाक को रूमाल, गमछे, मास्क या दुपट्टे से ढंक कर रखें।

सामुदायिक निगरानी को महत्वपूर्ण बताते हुए प्रसाद ने कहा कि इसकी बहुत आवश्यकता है। ग्राम निगरानी समितियों और मोहल्ला निगरानी समितियों को मजबूती से काम करने की जरूरत है। बडी संख्या में प्रवासी बाहर से आ रहे हैं। उन्हें 21 दिन के घर में ही पृथकवास में रखा जा रहा है। जो विदेश से आ रहे हैं, उन्हें भी पृथकवास पर रखा जा रहा है। ऐसे में ध्यान रखना है कि किसी को संक्रमित ना होने दें और खुद को भी संक्रमण से बचायें।

अमृत

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