Kerala Rain Update: केरल में 16 फीसदी ज्यादा बारिश, तापमान में 1.7 डिग्री वृद्धि के अनुमान से लोगों में डर
Rain | Representative Imag | Photo: PTI

तिरुवनंतपुरम, 30 मार्च : केरल के कोट्टायम जिले के नट्टासेरी गांव में रहने वाले थंकाचन (54) अपने घर के एक छोटे से कमरे में बिखरे पड़े घरेलू सामान के ढेर में से जरूरत की चीज निकालने में परेशान हो जाते हैं. राज्य में 2018 में आई सबसे भीषण बाढ़ में थंकाचन के घर का मुख्य कमरा और रसोई घर पूरी तरह से क्षतिग्रस्त हो गया था. थंकाचन और उनकी पत्नी को सरकार के बाढ़ पुनर्वास कार्यक्रम के तहत नया आवास नहीं मिला और वे आंशिक रूप से क्षतिग्रस्त इसी घर में रहकर संघर्ष कर रहे हैं. थंकाचन पर अपनी बीमार पत्नी की देखभाल की जिम्मेदारी भी है. वह कहते हैं, ‘‘अगर फिर ऐसी कोई आपदा आई, तो इस घर से दो शव मिलेंगे.’’ उन्होंने कहा कि अब वह इस स्थिति में नहीं हैं कि बाढ़ या किसी भी अन्य चरम मौसमी घटना का प्रकोप झेलने के बारे में सोच सकें.

संवेदनशील जगहों पर रहने वाले थंकाचन जैसे लोगों की चिंता और भी बढ़ सकती है, क्योंकि एक प्रमुख वैज्ञानिक संस्थान के अध्ययन में अनुमान लगाया गया है कि जलवायु परिवर्तन के कारण आने वाले दिनों में राज्य में बाढ़, भूस्खलन और तापमान में अत्यधिक वृद्धि होने की आशंका है. पदेन प्रधान सचिव और केरल राज्य विज्ञान, प्रौद्योगिकी एवं पर्यावरण परिषद (केएससीएसटीई) के कार्यकारी उपाध्यक्ष प्रोफेसर के पी सुधीर ने कहा, ‘‘इस सदी के अंत तक वर्षा की कुल मात्रा या औसत वार्षिक बारिश में 16 प्रतिशत की वृद्धि होने जा रही है.’’सुधीर 2023 में किए गए उस अध्ययन के निष्कर्षों का जिक्र कर रहे थे, जिसे केएससीएसटीई ने जलवायु परिवर्तन पर संयुक्त राष्ट्र की छठवीं आकलन रिपोर्ट के आधार पर जल संसाधन विकास एवं प्रबंधन केंद्र (सीडब्ल्यूआरडीएम) और जलवायु परिवर्तन अध्ययन संस्थान (आईसीसीएस) के साथ मिलकर किया था. इस अध्ययन से संबंधित रिपोर्ट को अभी सरकार को सौंपा जाना बाकी है. यह भी पढ़ें : केरल: इडुक्की में हाथी के उत्पात से परेशान लोग सड़को पर उतरे

अध्ययन में आने वाले समय में केरल में बारिश के दिनों में कमी के साथ वार्षिक वर्षा, वर्षा रहित दिनों, सूखे की अवधि, अधिकतम और न्यूनतम तापमान में वृद्धि का जो अनुमान जताया गया है, उससे राज्य में मौसम और फसल के पैटर्न में काफी बदलाव आ सकता है और ये निष्कर्ष डराने वाले हैं. अध्ययन में अधिकतम तापमान में 1.7 डिग्री सेल्सियस और न्यूनतम तापमान में 1.9 डिग्री सेल्सियस की संभावित वृद्धि का अनुमान जताया गया है, जो जलवायु परिवर्तन के कारण राज्य के तापमान में तेजी से हो रहे परिवर्तन का संकेत है.