ताजा खबरें | राज्यसभा में पेश किए गए 15 निजी विधेयक

Get latest articles and stories on Latest News at LatestLY. राज्यसभा में शुक्रवार को गैर सरकारी कामकाज के तहत, संविधान में संशोधन कर उसकी प्रस्तावना में ‘‘अहिंसा’’ शब्द जोड़ने, स्वास्थ्य को मूलभूत अधिकार का दर्जा दिए जाने, तेजाब पीड़ितों के बेहतर पुनर्वास एवं उन्हें स्वास्थ्य संबंधी देखरेख सुविधाएं मुहैया कराने और पश्चिम बंगाल में दार्जिलिंग खेल विश्वविद्यालय की स्थापना करने के प्रावधानों वाले 15 निजी विधेयक पेश किए गए।

नयी दिल्ली, चार फरवरी राज्यसभा में शुक्रवार को गैर सरकारी कामकाज के तहत, संविधान में संशोधन कर उसकी प्रस्तावना में ‘‘अहिंसा’’ शब्द जोड़ने, स्वास्थ्य को मूलभूत अधिकार का दर्जा दिए जाने, तेजाब पीड़ितों के बेहतर पुनर्वास एवं उन्हें स्वास्थ्य संबंधी देखरेख सुविधाएं मुहैया कराने और पश्चिम बंगाल में दार्जिलिंग खेल विश्वविद्यालय की स्थापना करने के प्रावधानों वाले 15 निजी विधेयक पेश किए गए।

कोविड महामारी की वजह से सामाजिक दूरी के नियम का पालन करने के उद्देश्य से उच्च सदन में कामकाज के लिए तैयार की गई नयी व्यवस्था के तहत आज शुक्रवार को दोपहर 12 बज कर 30 मिनट पर गैर सरकारी कामकाज को लिया गया।

सदस्यों ने गैर सरकारी कामकाज के तहत 15 निजी विधेयक पेश किए। बीजू जनता दल के डॉ अमर पटनायक ने संविधान का संशोधन कर उसकी प्रस्तावना में ‘‘अहिंसा’’शब्द जोड़ने के लिए ‘‘संविधान (संशोधन) विधेयक 2020 (प्रस्तावना और अनुच्छेद 51 ए का संशोधन) पेश किया। उन्होंने दो अन्य निजी विधेयक भी पेश किए। इसी पार्टी के प्रशांत नंदा ने एक निजी विधेयक पेश किया।

माकपा के डॉ वी शिवदासन ने एक, इसी पार्टी के इलामारम करीम ने दो, राजद के मनोज कुमार झा ने एक, शिवसेना की प्रियंका चतुर्वेदी ने दो, तृणमूल कांग्रेस के शांता छेत्री ने एक, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी की डॉ फौजिया खान ने तीन और द्रमुक सदस्य पी विल्सन ने एक निजी विधेयक पेश किए।

राजद के मनोज झा का निजी विधेयक स्वास्थ्य को मूलभूत अधिकार बनाने, शांता छेत्री का विधेयक पश्चिम बंगाल में दार्जिलिंग खेल विश्वविद्यालय की स्थापना करने से संबंधित था। डॉ फौजिया खान के तीन निजी विधेयकों मे से एक विधेयक तेजाब पीड़ितों के बेहतर पुनर्वास एवं उन्हें स्वास्थ्य संबंधी देखरेख सुविधाएं मुहैया कराने से संबंधित था।

इसके बाद उपसभापति हरिवंश ने कहा कि सदस्यों के निजी प्रस्तावों, निजी संकल्पों, निजी विधेयकों को पेश करने और उस पर चर्चा करने के बारे में फैसला सदन करता है और इसमें आसन की भूमिका नहीं होती। उन्होंने इस संबध में सदन में पहले विभिन्न अवसरों पर दी गई व्यवस्था का भी जिक्र किया।

उपसभापति ने यह व्यवस्था पिछले सत्र के दौरान भारतीय जनता पार्टी के सदस्य के जे अल्फोंस द्वारा संविधान की प्रस्तावना में बदलाव करने के मकसद से संविधान में संशोधन करने के लिए पेश किए गए निजी विधेयक पर राष्ट्रीय जनता दल के सदस्य मनोज झा द्वारा व्यक्त की गई आपत्ति के संदर्भ में दी।

उपसभापति ने कहा कि यह निजी विधेयक आज की कार्यसूची में सूचीबद्ध है। हालांकि जब निजी विधेयक पेश किए जा रहे थे तब अल्फोंस सदन में नहीं थे और उनका निजी विधेयक पेश नहीं हो पाया।

इसके बाद भाजपा के डॉ विनय पी सहस्रबुद्धे ने, देश में उपेक्षित पड़े राष्ट्रीय महत्व के विभिन्न स्मारकों के रखरखाव के कार्यों में कार्पोरेट सामाजिक दायित्व (सीएसआर) की एक निश्चित राशि लगाये जाने के उद्देश्य से कंपनी (संशोधन) विधेयक 2019 में संशोधन के लिए लाये गये अपने निजी विधेयक को यह कहते हुए वापस ले लिया कि वर्ष 2022-23 के लिए हाल ही में पेश किए गए बजट में भारतीय पुरातत्व सर्वे के लिए बजट बढ़ाया गया है।

उन्होंने यह भी कहा कि देश में आजादी का अमृत महोत्सव मनाया जा रहा है जिसके तहत भी ऐतिहासिक धरोहरों के संरक्षण के प्रयास किए जा रहे हैं। सहस्रबुद्धे ने अपना यह निजी विधेयक संसद के मानसून सत्र के दौरान तीन दिसंबर को उच्च सदन में पेश किया था।

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