Budget 2023: रक्षा बजट में 13 प्रतिशत की वृद्धि, कुल 5.94 लाख करोड़ रुपये का आवंटन किया गया
भारतीय वायु सेना के लिए पूंजी परिव्यय सबसे अधिक 57,137.09 करोड़ रुपये था जिसमें विमान और एयरो इंजन की खरीद के लिए 15,721 करोड़ रुपये और अन्य उपकरणों के लिए 36,223.13 करोड़ रुपये शामिल हैं. वित्त वर्ष 2022-23 में दिए गए 47,590 करोड़ रुपये के मुकाबले भारतीय नौसेना के लिए पूंजी परिव्यय के रूप में 52,804 करोड़ रुपये की राशि तय की गई है.
नयी दिल्ली: वित्त वर्ष 2023-24 के आम बजट (Budget) में रक्षा क्षेत्र (Defence) के लिए आवंटित राशि 13 प्रतिशत बढ़ाकर 5.94 लाख करोड़ रुपये कर दी गई है. पिछले साल यह राशि 5.25 लाख करोड़ रुपये थी. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Nirmala Sitharaman) ने बुधवार को संसद में आम बजट पेश किया जिसमें सशस्त्र बलों के लिहाज से पूंजीगत व्यय के लिए कुल 1.62 लाख करोड़ रुपये अलग रखे गए हैं. इनमें नए हथियार, विमान, युद्धपोत और अन्य सैन्य साजोसामान की खरीद शामिल है.
वित्त वर्ष 2022-23 में, इस क्षेत्र के लिहाज से पूंजी परिव्यय के लिए बजटीय आवंटन 1.52 लाख करोड़ रुपये था, लेकिन संशोधित अनुमान के अनुसार व्यय 1.50 लाख करोड़ रुपये था. बजट दस्तावेजों के अनुसार, राजस्व व्यय के लिए 4,22,162 करोड़ रुपये का आवंटन किया गया है जिसमें वेतन भुगतान और प्रतिष्ठानों के रख-रखाव पर खर्च शामिल है. Budget 2023: खिल उठेंगे टैक्सपेयर्स के चेहरे, 7 लाख रुपए तक कोई टैक्स नहीं
इस राशि में रक्षा पेंशन के लिए 1,38,205 करोड़ रुपये, रक्षा सेवाओं के लिए 2,70,120 करोड़ रुपये और रक्षा मंत्रालय (सिविल) के लिए 13,837 करोड़ रुपये शामिल हैं. रक्षा मंत्रालय ने कहा कि पूंजी परिव्यय से महत्वपूर्ण अंतर को पाटने और बलों को गोला-बारूद, हथियारों के रख-रखाव, संपत्ति और सैन्य भंडार से लैस करने की उम्मीद है.
भारतीय वायु सेना के लिए पूंजी परिव्यय सबसे अधिक 57,137.09 करोड़ रुपये था जिसमें विमान और एयरो इंजन की खरीद के लिए 15,721 करोड़ रुपये और अन्य उपकरणों के लिए 36,223.13 करोड़ रुपये शामिल हैं. वित्त वर्ष 2022-23 में दिए गए 47,590 करोड़ रुपये के मुकाबले भारतीय नौसेना के लिए पूंजी परिव्यय के रूप में 52,804 करोड़ रुपये की राशि तय की गई है.
सेना के लिए पूंजी परिव्यय 37,241 करोड़ रुपये है. जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय में राष्ट्रीय सुरक्षा अध्ययन के विशेष केंद्र के एसोसिएट प्रोफेसर डॉ लक्ष्मण कुमार बहेरा ने कहा कि विभिन्न वैश्विक विकास के प्रभाव को देखते हुए आवंटन में वृद्धि संतोषजनक रही है.
बहेरा ने ‘पीटीआई-’ से कहा, ‘‘बजट में सशस्त्र बलों के लिए मामूली रूप से बजट बढ़ाया गया है. हिंद महासागर क्षेत्र में चीन की बढ़ती मौजूदगी के कारण पिछले कुछ वर्षों से भारतीय नौसेना के लिए पूंजी परिव्यय में वृद्धि हुई है. 2023-24 के रक्षा बजट में भी यह एक महत्वपूर्ण पहलू है.’’
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