अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन करेंगे लोकतांत्रिक देशों के वर्चुअल सम्मेलन की अगुवाई, भारत को मिला न्योता
अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन (US President Joe Biden) दुनिया के 100 से ज्यादा लोकतांत्रिक देशों की वर्चुअल सम्मेलन की अगुवाई करेंगे जिसकी तैयारी जोरों पर है. यह सम्मेलन दुनिया में लोकतंत्र की भावना मजबूत करने के लिए आयोजित किया जाएगा. अमेरिका ने इस सम्मेलन के लिए भारत को भी न्योता दिया है.
अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन (US President Joe Biden) दुनिया के 100 से ज्यादा लोकतांत्रिक देशों की वर्चुअल सम्मेलन की अगुवाई करेंगे जिसकी तैयारी जोरों पर है. यह सम्मेलन दुनिया में लोकतंत्र की भावना मजबूत करने के लिए आयोजित किया जाएगा. अमेरिका ने इस सम्मेलन के लिए भारत को भी न्योता दिया है. यह भी पढ़े: PM Modi in Rome: पीएम नरेंद्र मोदी वेटिकन सिटी में पोप फ्रांसिस से मिले, भारत आने का न्योता दिया
दुनिया में लोकतंत्र का प्रसार-प्रचार करना है उद्देश्य
दुनिया के लोकतांत्रिक देशों को एक मंच पर लाकर लोकतांत्रिक मूल्यों को मजबूत करने का वादा बाइडन ने चुनाव प्रचार के दौरान किया था. इस वर्चुअल समिट (सम्मेलन) में शामिल होने वाले नेताओं से दुनिया को काफी उम्मीदें हैं. इस सम्मेलन में दुनियाभर में लोकतंत्र की स्थिति और उसके फैलाव पर बातचीत होगी. दुनिया में लोकतंत्र की जड़ें और मजबूत कैसे हो, इस दिशा में कदम उठाए जाएंगे.
भारत भी है आमंत्रित
आमंत्रित देशों की सूची में भारत, फ्रांस और स्वीडन जैसे मजबूत लोकतांत्रिक परंपरा वाले देश हैं तो फिलीपींस और पोलैंड जैसे नए लोकतांत्रिक देश भी हैं, जहां लोकतंत्र को खतरा बताया जा रहा है. सम्मेलन में थाइलैंड और फिलीपींस जैसे देशों को आमंत्रित नहीं किया गया है। सम्मेलन में पश्चिम एशिया के ज्यादातर मित्र देशों को आमंत्रित नहीं किया गया है. केवल इजरायल और इराक को न्योता मिला है.
लोकतंत्र की मजबूती के लिए कई कदम उठाए जाएंगे
प्रतिभागियों की सलाह के अनुसार लोकतंत्र की मजबूती के लिए भविष्य में कई कदम उठाए जाएंगे. राष्ट्रपति बाइडन ने फरवरी में विदेश नीति के संबंध में पहला भाषण दिया था. उसमें अमेरिका को वैश्विक नेतृत्व के रास्ते पर वापस लाने की घोषणा की गई थी.
लोकतंत्र और मानवाधिकारों के लिए कार्य करने वाली संस्था फ्रीडम हाउस की उपाध्यक्ष एनी बोयाजियन ने कहा है कि अगर आयोजित होने वाली समिट से वास्तव में कुछ प्राप्त करना है तो अमेरिका को लोकतंत्र और मानवाधिकारों पर अपने संकल्पों को लेकर आगे बढ़ना होगा जबकि नौ और दस दिसंबर को आयोजित होने वाली इस समिट के संबंध में बाइडन प्रशासन का कहना है कि यह बड़े उद्देश्यों को प्राप्त करने के सफर की शुरुआत होगी.