वाशिंगटन: पेंटागन ने अमेरिकी कांग्रेस से कहा कि चीन अरबों डॉलर की अपनी महत्वाकांक्षी बेल्ट एंड रोड पहल के जरिए अपनी वैश्विक निर्णायक नौसेना बनाने की कोशिश कर रहा है. उसने चेतावनी दी कि बीजिंग के ‘‘प्रतिकूल समझौते’’ किसी देश की संप्रभुत्ता को उस तरह अपनी लपेट में ले रहे हैं जैसे कि एनाकोंडा अपने शिकार को घेरकर खाता है. गौरतलब है कि चीन बेल्ट एंड रोड इनीशिएटिव (बीआरआई) के जरिए विभिन्न देशों को ढांचागत परियोजनाओं के लिए अरबों डॉलर का कर्ज दे रहा है. बताया जा रहा है कि चीन इन देशों को कर्ज के चक्रव्यूह में फंसा रहा है जिससे बाहर निकलना उनके लिए मुश्किल हो जाएगा.
चीफ ऑफ नेवल ऑपरेशंस जॉन रिचर्डसन ने बृहस्पतिवार को कांग्रेस की सुनवाई के दौरान सदन की सशस्त्र सेवा समिति के सदस्यों को बताया, ‘‘चीन की बेल्ट एंड रोड पहल उसकी राष्ट्रीय शक्ति के कूटनीतिक, आर्थिक, सैन्य और सामाजिक तत्वों का मिश्रण है. यह वैश्विक रूप से निर्णायक नौसेना बनाने की उसकी कोशिश है.’’
उन्होंने कहा, ‘‘चीन के काम का उद्देश्य देशों की वित्तीय कमजोरी का फायदा उठाना है. वे वाणिज्यिक बदंरगाह बनाने का अनुबंध कर रहे हैं, घरेलू सुविधाओं को उन्नत करने का वादा कर रहे हैं और राष्ट्रीय ढांचागत परियोजनाओं में निवेश कर रहे हैं.’’ चीन की 60 अरब डालर की चीन पाकिस्तान आर्थिक गलियारा योजना (सीपेक) से भारत-चीन संबंधों में गतिरोध आ गया है.