
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के बीच मंगलवार को एक अहम फोन कॉल हुआ, जो दो घंटे से अधिक समय तक चला. इस बातचीत का मुख्य विषय यूक्रेन में युद्धविराम को लेकर था, जिसे लेकर ट्रंप ने हाल ही में 30 दिनों की संघर्षविराम योजना का प्रस्ताव रखा था. वहीं, पुतिन ने इस पर सहमति जताई थी, लेकिन वह इसके विस्तृत प्रावधानों पर चर्चा चाहते थे.
रूस के प्रेस सचिव दिमित्री पेसकोव ने बताया कि इस कॉल में यूक्रेन युद्ध के अलावा अमेरिका-रूस संबंधों के कई अन्य मुद्दों पर भी चर्चा हुई.
बातचीत में क्या हुआ?
व्हाइट हाउस के अनुसार, यह कॉल भारतीय समयानुसार शाम 7:30 बजे शुरू हुई और करीब दो घंटे बाद समाप्त हुई. अमेरिकी अधिकारियों का कहना है कि इस बातचीत के दौरान यूक्रेन युद्ध में रूस द्वारा कब्जा की गई जमीन और ऊर्जा संयंत्रों जैसे मुद्दों पर चर्चा हुई.
व्हाइट हाउस के डिप्टी चीफ ऑफ स्टाफ डैन स्कैविनो ने पहले ही ट्वीट कर जानकारी दी थी कि बातचीत अच्छे माहौल में चल रही है और यह अब भी जारी है.
यूक्रेन के राष्ट्रपति जेलेंस्की का संशय
यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की अब भी इस बातचीत को लेकर संदेह में हैं. हाल ही में, सऊदी अरब में अमेरिकी विदेश मंत्री मार्को रुबियो की मध्यस्थता में वार्ता हुई थी, जिसमें यूक्रेनी अधिकारियों ने अमेरिका के प्रस्तावों पर सहमति जताई थी. लेकिन जेलेंस्की का मानना है कि पुतिन अब भी शांति के लिए तैयार नहीं हैं क्योंकि रूसी सेना लगातार यूक्रेन पर हमले कर रही है.
ट्रंप की शांति प्राथमिकता
इस बातचीत का एक अहम पहलू यह भी था कि ट्रंप ने अपने सहयोगी देशों को नाराज करते हुए इस युद्ध को जल्द खत्म करने को प्राथमिकता दी है. कई अमेरिकी सहयोगी पुतिन को इस युद्ध के लिए ज़िम्मेदार ठहराना चाहते हैं, लेकिन ट्रंप इसे जल्द खत्म करना चाहते हैं.
ट्रंप ने सोमवार को पत्रकारों से कहा, "रूस में हालात अच्छे नहीं हैं, यूक्रेन में भी स्थिति खराब है. हम देखेंगे कि क्या हम युद्धविराम और शांति समझौते तक पहुंच सकते हैं. मुझे लगता है कि हम यह कर सकते हैं."