Pakistan: इमरान खान से मिलने पर विचार कर रहे हैं शहबाज शरीफ
पीटीआई के महासचिव असद उमर ने गुरुवार को कहा था कि खान को तीन लोगों- प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ, गृह मंत्री राणा सनाउल्लाह और एक वरिष्ठ सैन्य अधिकारी पर उनकी हत्या के प्रयास के पीछे होने का संदेह है.
पाकिस्तान के आंतरिक मंत्री राणा सनाउल्लाह ने शुक्रवार को कहा कि सत्ताधारी दल इमरान खान के स्वास्थ्य के बारे में व्यक्तिगत रूप से हालचाल जानने को तैयार हैं. मीडिया रिपोर्टों में यह जानकारी दी गई है.
जियो न्यूज की रिपोर्ट के अनुसार, सनाउल्लाह ने कहा, "इससे पहले जब इमरान खान हादसे का शिकार हुए थे, तब नवाज शरीफ उनके स्वास्थ्य के बारे में पूछताछ करने गए थे." यह भी पढ़ें: पाकिस्तान के पूर्व पीएम इमरान खान की पूर्व पत्नियों ने उनपर हमले की निंदा की
उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ खान के स्वास्थ्य के बारे में पूछताछ करने पर विचार कर रहे हैं और जल्द ही इस पर फैसला लेंगे.
अपने खिलाफ पीटीआई द्वारा लगाए गए आरोपों को खारिज करते हुए सनाउल्लाह ने कहा कि वह खान को एक राजनीतिक प्रतिद्वंद्वी के रूप में देखते हैं, दुश्मन के रूप में नहीं.
जियो न्यूज की रिपोर्ट के अनुसार, सनाउल्लाह ने प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान कहा, "हम इमरान खान को दुश्मन नहीं बल्कि राजनीतिक प्रतिद्वंद्वी के रूप में देखते हैं. लेकिन इमरान खान राजनीतिक विरोधियों को दुश्मन समझते हैं."
मंत्री ने यह भी बताया कि गुजरांवाला में गुरुवार को हुई गोलीबारी की घटना में मुख्य संदिग्ध, जिसमें खान के पैर पर गोली लगी थी, पुलिस की हिरासत में है और उसका बयान गुजरात में पुलिस ने दर्ज किया है.
सनाउल्लाह ने कहा, "घटना में कोई प्राथमिकी दर्ज नहीं की गई है। हो सकता है कि वे अपनी इच्छा के अनुसार प्राथमिकी दर्ज करने की कोशिश कर रहे हों."
जियो न्यूज की रिपोर्ट के अनुसार, पीटीआई के महासचिव असद उमर ने गुरुवार को कहा था कि खान को तीन लोगों- प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ, गृह मंत्री राणा सनाउल्लाह और एक वरिष्ठ सैन्य अधिकारी पर उनकी हत्या के प्रयास के पीछे होने का संदेह है.
असद ने एक वीडियो बयान में कहा, "इमरान खान ने कहा है कि उन्हें पहले से ही इस बात की जानकारी थी कि ये लोग उन पर हुई हत्या की कोशिश में शामिल हो सकते हैं."
जियो न्यूज की रिपोर्ट के अनुसार, असद ने पीटीआई अध्यक्ष के हवाले से मांग की है कि तीनों लोगों-प्रधानमंत्री, गृह मंत्री और वरिष्ठ सैन्य अधिकारी को उनके कार्यालय से हटा दिया जाना चाहिए.