इमरान खान का कबूलनामा- अमेरिका के लिए हमने मुजाहिदीनों को दी ट्रेनिंग, अब हम ही दोषी बन गए

पाकिस्तान (Pakistan) की हालत खस्ती है. इस बात से पूरी दुनिया वाकिफ है. अब आलम ऐसा है कि पाक पीएम इमरान खान ( PM Imran Khan) अपना दर्द छिपा नहीं पा रहे हैं. आतंकवाद के मुद्दे पर इमरान खान ने कहा कि 1980 के दशक में हमने मुजाहिदीन (Mujahideen) लोगों को सोवियत के खिलाफ जिहाद करने के लिए ट्रेंड किया था. इसके लिए मुजाहिदीनों को जिहाद के नाम पर अमेरिका ने खुद ट्रेनिंग दी थी.

इमरान खान (Photo Credits: PTI)

पाकिस्तान (Pakistan) की हालत खस्ती है. इस बात से पूरी दुनिया वाकिफ है. अब आलम ऐसा है कि पाक पीएम इमरान खान ( PM Imran Khan) अपना दर्द छिपा नहीं पा रहे हैं. आतंकवाद के मुद्दे पर इमरान खान ने कहा कि 1980 के दशक में हमने मुजाहिदीन (Mujahideen) लोगों को सोवियत के खिलाफ जिहाद करने के लिए ट्रेंड किया था. इसके लिए मुजाहिदीनों को जिहाद के नाम पर अमेरिका ने खुद ट्रेनिंग दी थी. लेकिन अब उन्हें आतंकी करार दिया गया है. उन्होंने कहा कि 70 हजार लोगों ने जानें गंवाई और अर्थव्यवस्था को 100 अरब डॉलर का नुकसान हुआ. फिर भी अफगानिस्तान में जब अमेरिका को कामयाबी नहीं मिला तो उसका दोष पाकिस्तान पर मढ़ा जाता है.

इमरान खान ने रूस के अंग्रेजी न्‍यूज चैनल आरटी से इंटरव्यू के दौरान कहा कि अमेरिका की मदद करने वाले जेहादी ग्रुप को जेहादी से आतंकवादी होने का नाम दे दिया.यह एक बड़ा विरोधाभास था. बता दें कि इससे पहले इमरान खान सरकार के लिए एक बड़ी शर्मिदगी के तौर पर उनके आंतरिक मामलों के मंत्री ब्रिगेडियर (रिटायर्ड) एजाज अहमद शाह ने स्वीकार किया था कि पाकिस्तान कश्मीर पर अंतर्राष्ट्रीय समुदाय का समर्थन पाने में नाकाम' रहा है, क्योंकि अंतर्राष्ट्रीय समुदाय को कश्मीर को लेकर पाकिस्तान पर नहीं बल्कि भारत पर यकीन है.

गौरतलब हो कि जम्मू-कश्मीर के विशेष दर्जे को भारत द्वारा हटाने के बाद मामले में दखल देने की अपनी गुजारिश को खारिज किए जाने से निराश पाकिस्तान ने संयुक्त राष्ट्र और शक्तिशाली देशों की आलोचना की थी. और कहा है कि वे 'गूंगे और बहरे' हो गए हैं. संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार आयोग (यूएनएचआरसी) को दिए गए 115 पन्नों के डोजियर में पाकिस्तान ने यह भी कहा था कि भारत ने अलगाववादी संगठन हुर्रियत कांफ्रेंस को 'पूरी तरह से अप्रासंगिक' बना दिया है ताकि उसे स्थायी रूप से दरकिनार किया जा सके. लेकिन इसके बाद भी उन्हें मुंह की खानी पड़ी.

पाकिस्तान ने यहां तक कहा था कि भारत के साथ युद्ध की धमकी देकर दुनिया के ब्लैकमेल करने का प्रयास किया, लेकिन फिर भी उसे सफलता नहीं मिली. पाकिस्तान ने अमेरिका को भी यह धमकी दी वह अफगानिस्तान में आंतकवाद के खिलाफ वैश्विक लड़ाई में मदद नहीं करेगा, लेकिन इसका भी उसे फायदा नहीं मिला.

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