इमरान खान को फिर लगा झटका, FATF की ग्रे लिस्ट में ही बना रहेगा पाकिस्तान
पाकिस्तान को एक बार फिर झटका लगा है. पाकिस्तान एक बार फिर फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स (FATF) की ग्रे लिस्ट (FATF Grey List) से बाहर निकलने में असफल हो गया है. आतंक को पालने वाला पाकिस्तान FATF की ग्रे लिस्ट में ही बना रहेगा.
इस्लामाबाद: पाकिस्तान को एक बार फिर झटका लगा है. पाकिस्तान एक बार फिर फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स (FATF) की ग्रे लिस्ट (FATF Grey List) से बाहर निकलने में असफल हो गया है. आतंक को पालने वाला पाकिस्तान FATF की ग्रे लिस्ट में ही बना रहेगा. पाकिस्तान ने आतंकवादियों के खिलाफ भी कोई ठोस कार्रवाई नहीं की इसलिए फाइनेंशिल ऐक्शन टॉस्क फोर्स (Financial Action Task Force) की पेरिस में हुई ऑनलाइन बैठक में पाकिस्तान को ग्रे लिस्ट में ही रखे जाने का फैसला लिया गया.
गुरुवार शाम को जारी किए गए बयान में FATF ने बताया कि पाकिस्तान की इमरान सरकार आतंकवाद के खिलाफ 27 सूत्रीय एजेंडे में से तीन को पूरा करने में विफल रही है. इमरान खान की अगुवाई वाली पाक सरकार वैश्विक धनशोधन और आतंकवाद के वित्तपोषण को रोकने में असफल साबित हुई है. पेरिस स्थित एफएटीएफ की आतंक के खिलाफ 27 सूत्रीय एजेंडे को पाक सरकार पूरा करने में फिर फेल हो गई है. LOC पर टेंशन खत्म? भारत-पाक के बीच हुई DGMO लेवल की वार्ता, बॉर्डर पर शांति बहाली के लिए बनी सहमति.
पाकिस्तान को झटका:
एफएटीएफ ने जून 2021 तक पाकिस्तान से सभी कार्ययोजनाओं को पूरा करने का समय दिया है. लंबे समय से ग्रे लिस्ट में शामिल पाकिस्तान को अभी और समय तक ग्रे लिस्ट में रहने से बड़ा वित्तीय नुकसान भी होगा. पहले से ही कर्ज में डूबे इस्लामिक रिपब्लिक को अंतर्राष्ट्रीय एजेंसियों से वित्तीय सहायता आसानी से नहीं मिल पायेगी. साथ ही विदेशी निवेश पर भी बुरा प्रभाव पड़ेगा.
FATF एक अंतर सरकारी निकाय है, जिसकी स्थापना साल 1989 में मनी लॉन्ड्रिंग, टेरर फाइनेंसिंग और अंतरराष्ट्रीय वित्तीय प्रणाली की अखंडता के लिए अन्य संबंधित खतरों का मुकाबला करने के लिए स्थापित किया गया है. वर्तमान में इसके दो क्षेत्रीय संगठनों यूरोपीय आयोग और खाड़ी सहयोग परिषद सहित 39 सदस्य हैं.