पीएम मोदी की जीत से डरा पाकिस्तान, बोला- हम भारत की नई सरकार के साथ बातचीत के लिए हैं तैयार

पाकिस्तान के विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी ने कहा कि उनका देश भारत की नयी सरकार से सभी लंबित मुद्दों पर बातचीत को तैयार है. शनिवार रात मुल्तान में एक इफ्तार पार्टी को संबोधित करते हुए कहा कि भारत और पाकिस्तान दोनों को क्षेत्र की समृद्धि और शांति के लिए बातचीत कर मुद्दों को सुलझाना चाहिए

पाकिस्तान विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी (Photo Credit- Twitter)

इस्लामाबाद: बीजेपी को 2019 के लोकसभा चुनाव में मिली ऐतिहासिक जीत के बाद जहां राजनीतिक पार्टियां सदमे में है. वहीं पीएम मोदी को मिले इस जीत को लेकर पाकिस्तान भी डर गया है और भारत पाकिस्तान के रिश्तों पर बातचीत को लेकर तैयार हो गया है. बातचीत को लेकर ही पाकिस्तान के विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी (Shah Mehmood Qureshi) का एक बयान आया हुआ है. उन्होंने अपने बयान में कहा है कि उनका देश भारत की नयी सरकार से सभी लंबित मुद्दों पर बातचीत को तैयार है. सरकारी रेडियो पाकिस्तान की खबर के अनुसार कुरैशी ने शनिवार रात मुल्तान में एक इफ्तार पार्टी को संबोधित करते हुए कहा कि भारत और पाकिस्तान दोनों को क्षेत्र की समृद्धि और शांति के लिए बातचीत कर मुद्दों को सुलझाना चाहिए.

बता दें कि दो दिन पहले ही भारतीय जनता पार्टी ने बड़े बहुमत से लोकसभा चुनाव में जीत हासिल की है और नरेंद्र मोदी दूसरी बार प्रधानमंत्री पद की शपथ लेने जा रहे हैं. पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने बृहस्पतिवार को मोदी की जीत पर उन्हें बधाई दी थी और क्षेत्र की शांति और समृद्धि के लिए मिलकर काम करने की इच्छा जताई थी. खान ने अंग्रेजी और उर्दू में ट्वीट किया था, ‘‘मैं भाजपा और सहयोगी दलों की जीत पर प्रधानमंत्री मोदी को बधाई देता हूं। दक्षिण एशिया में शांति, प्रगति और समृद्धि के लिए उनके साथ काम करने को लेकर आशान्वित हूं. यह  भी पढ़े: पाकिस्तान: विदेश मंत्री महमूद कुरैशी ने भारत और पाक के रिश्ते को लेकर दिया यह बड़ा बयान

खान ने कुछ दिन पहले कि उन्हें विश्वास है कि अगर आम चुनाव में मोदी जीतते हैं तो भारत के साथ शांति वार्ता करने तथा कश्मीर मुद्दे के समाधान के लिए बेहतर अवसर मिल सकता है. भारत में आम चुनाव के नतीजे पाकिस्तान के लिए बहुत महत्वपूर्ण हैं क्योंकि नयी दिल्ली में नयी सरकार भारत-पाकिस्तान के संबंधों के भविष्य की दिशा पर विचार करेगी. पुलवामा आतंकी हमले के बाद दोनों देशों के संबंधों में दरार और बढ़ गयी थी. (इनपुट भाषा)

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