इस्लामाबाद: पाकिस्तान सरकार ने भारत के साथ तनाव कम करने की कोशिश में जैश-ए-मोहम्मद (जेईएम) सरगना मसूद अजहर पर कार्रवाई करने का फैसला किया है. मीडिया में आई एक खबर के अनुसार एक शीर्ष सरकारी सूत्र ने रविवार को बताया कि पाकिस्तान संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के आतंकवादियों की सूची में अजहर को शामिल करने के प्रस्ताव पर अपने विरोध को वापस भी ले सकता है. सूत्र ने पीटीआई को बताया, ‘‘सरकार ने सैद्धांतिक रूप से जेईएम (अजहर) के नेतृत्व पर कार्रवाई करने का निर्णय किया है.’’
उन्होंने बताया कि जेईएम के खिलाफ देश में कार्रवाई ‘‘जल्द ही किसी भी समय’’ हो सकती है. सूत्र ने कहा, ‘‘भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव कम करने की कोशिश में इमरान खान सरकार ने जेईएम के खिलाफ कार्रवाई की योजना बनाई है. भारतीय पायलट को उसके देश भेजने के बाद तनाव कम करने की कोशिश में इमरान खान सरकार का यह अन्य महत्वपूर्ण कदम है.’’
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अजहर के भविष्य पर एक सवाल के जवाब में आधिकारिक सूत्र ने बताया कि वह यह पुष्टि नहीं कर सकते कि उसे घर में नजरबंद किया जाएगा या हिरासत में लिया जाएगा. एक मीडिया रिपोर्ट के अनुसार सुरक्षा अधिकारी ने संकेत दिया कि पाकिस्तान जैश प्रमुख को संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद द्वारा वैश्विक आतंकी घोषित कराने के प्रस्ताव पर अपने विरोध को वापस ले सकता है.
एक्सप्रेस ट्रिब्यून के अनुसार, जब अधिकारी से पूछा गया कि क्या पाकिस्तान अब अजहर के खिलाफ सुरक्षा परिषद की कार्रवाई का और विरोध नहीं करेगा तो उन्होंने कहा, ‘‘देश को फैसला लेना होगा कि व्यक्ति महत्वपूर्ण है या देश का व्यापक राष्ट्रीय हित अहम है.’’ अमेरिका, ब्रिटेन और फ्रांस ने बुधवार को पाकिस्तान में रहने वाले अजहर को वैश्विक आतंकवादी घोषित करने के लिए संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में नये सिरे से प्रस्ताव रखा था। ऐसा होने से अजहर के वैश्विक रूप से यात्रा करने पर पाबंदी लग जाएगी, उसकी संपत्तियां फ्रीज हो जाएंगी.
सुरक्षा परिषद की प्रतिबंध के बारे में निर्णय लेने वाली समिति 15 सदस्यीय सुरक्षा परिषद के वीटो अधिकार प्राप्त तीन स्थाई सदस्य देशों के ताजा प्रस्ताव पर 10 दिन के अंदर विचार करेगी. अजहर को वैश्विक आतंकी घोषित कराने के लिए पिछले 10 साल में संयुक्त राष्ट्र में इस तरह का यह चौथा प्रयास है.
भारत ने 2009 में अजहर को अंतरराष्ट्रीय आतंकवादी घोषित करने के लिए प्रस्ताव रखा था.
पाकिस्तान के सूचना मंत्री फवाद चौधरी से संपर्क करने पर उन्होंने कहा, ‘‘सरकार ने पहले भी जेईएम समेत प्रतिबंधित संगठनों के खिलाफ कार्रवाई की है और उनके खिलाफ भविष्य में कोई भी कार्रवाई राष्ट्रीय कार्य योजना और वित्तीय कार्रवाई कार्य बल के संबंध में हमारी प्रतिबद्धताओं के अनुसार की जाएगी.’’
यह पूछे जाने पर कि क्या सरकार जल्द ही किसी भी समय जेईएम के खिलाफ कार्रवाई करेगी, इस पर मंत्री ने इसे खारिज नहीं किया. उन्होंने कहा, ‘‘प्रतिबंधित संगठनों के खिलाफ कोई भी कार्रवाई एनएपी के अनुसार की जाएगी.’’