Firing on Imran Khan:  पाकिस्तान में पूर्व PM इमरान खान पर जानलेवा हमला, पैर में है लगी गोली; हालत खतरे से बाहर
इमरान खान (Photo Credits ANI)

Firing on Imran Khan: गुजरांवाला के अल्लाहवाला चौक पर पीटीआई के स्वागत शिविर के पास पार्टी प्रमुख इमरान खान पर गोलियां चलने के बाद अफरा-तफरी मच गई। मीडिया रिपोर्ट्स में यह जानकारी दी गई है.जियो न्यूज के मुताबिक, पूर्व प्रधानमंत्री के पैर में गोली लगी है और उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया है. जियो न्यूज को सूत्रों ने बताया कि फैसल जावेद सहित पीटीआई के चार से पांच नेता भी घायल हुए हैं. हमले के बाद इमरान खान घायल हुए हैं. लेकिन वे खतरे से बाहर बताये जा रहे हैं. पूर्व पीएम इमरान खान के पैर में यह गोली लगी है.

पीटीआई नेता शाहबाज गिल ने कहा, "इमरान खान हमारी रेड लाइन हैं और उस रेड लाइन को पार करने का प्रयास किया गया है. उन्होंने यह भी कहा कि खान आखिरी सांस तक लड़ेंगे. पुलिस के मुताबिक, खान पर फायरिंग करने वाले संदिग्ध को गिरफ्तार कर लिया गया है.प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने गुजरांवाला में गोलीबारी की घटना की निंदा की है और आंतरिक मंत्री राणा सनाउल्लाह को पुलिस महानिरीक्षक और पंजाब के मुख्य सचिव से तत्काल रिपोर्ट मांगने का निर्देश दिया है. यह भी पढ़े: Attack on Imran Khan: पाकिस्तान के पूर्व PM इमरान खान पर जान लेवा हमला, बाबर आजम, वसीम अकरम और शोएब अख्तर ने की निंदा

खान इस्लामाबाद की ओर पीटीआई के मार्च का नेतृत्व कर रहे हैं, जो 29 अक्टूबर को लाहौर के लिबर्टी चौक से शुरू हुआ था। यह इस साल पीटीआई प्रमुख का दूसरा लॉन्ग मार्च है.

खान, अपने समर्थकों के साथ, मार्च के अंत में शहबाज शरीफ के नेतृत्व वाली गठबंधन सरकार के खिलाफ इस्लामाबाद में धरना दे सकते हैं। पीटीआई ने अभी इस्लामाबाद पहुंचने की तारीख की पुष्टि नहीं की है. द न्यूज ने बताया कि खान के अनुसार, चुनाव की तारीख की घोषणा होने तक विरोध मार्च जारी रहेगा.

पहले, योजना 4 नवंबर तक इस्लामाबाद पहुंचने की थी. बाद में इसे 8-9 नवंबर तक संशोधित किया गया और फिर 11 नवंबर को संशोधित किया गया। पीटीआई नेता फवाद चौधरी ने तब घोषणा की थी कि पार्टी 'सरकार को थका देने तक' तारीख बदलती रहेगी.

द न्यूज ने बताया कि पाकिस्तान में राजनीतिक अस्थिरता ने आर्थिक अनिश्चितता को भी हवा दी है, अंतरराष्ट्रीय रेटिंग एजेंसियों ने सवाल किया है कि क्या मौजूदा सरकार राजनीतिक दबाव और आसन्न चुनावों के सामने कठिन आर्थिक नीतियों को बनाए रख सकती है.

इस्लामाबाद उच्च न्यायालय (आईएचसी) ने पीटीआई को शांति सुनिश्चित करने का निर्देश दिया है, भले ही इस्लामाबाद में सरकार द्वारा पार्टी को धरना और 'जलसा' आयोजित करने के लिए स्थान आवंटित किया गया हो.

यह टिप्पणी पार्टी को इस्लामाबाद में धरने के लिए अनापत्ति प्रमाण पत्र जारी नहीं करने के लिए सरकार के खिलाफ पीटीआई की याचिका पर सुनवाई के दौरान आई.