पाकिस्तान में वकीलों ने की देशव्यापी हड़ताल
लाहौर के पंजाब इंस्टीट्यूट ऑफ कार्डियोलॉजी (पीआईसी) में इस सप्ताह की शुरुआत में हंगामा करने के आरोप में गिरफ्तार किए गए अधिवक्ताओं के खिलाफ मामले दर्ज किए जाने के विरोध में पाकिस्तान के वकीलों ने शुक्रवार को अदालतों का बहिष्कार किया.
लाहौर के पंजाब इंस्टीट्यूट ऑफ कार्डियोलॉजी (पीआईसी) में इस सप्ताह की शुरुआत में हंगामा करने के आरोप में गिरफ्तार किए गए अधिवक्ताओं के खिलाफ मामले दर्ज किए जाने के विरोध में पाकिस्तान के वकीलों ने शुक्रवार को अदालतों का बहिष्कार किया. डॉन न्यूज की रिपोर्ट के अनुसार, शुक्रवार की हड़ताल का नेतृत्व कर रहे कानूनी निकायों ने गिरफ्तार वकीलों की तत्काल रिहाई की मांग की है. वकीलों ने पाकिस्तान बार काउंसिल (पीबीसी) द्वारा बुलाई गई हड़ताल में बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया.
गुरुवार को पीबीसी द्वारा जारी एक अधिसूचना में कहा गया कि विरोध प्रदर्शन स्थानीय पुलिस के पक्षपाती आचरण और लाहौर प्रशासन द्वारा वकीलों के खिलाफ होने के मद्देनजर है. अधिसूचना में बताया गया कि इसके साथ ही यह प्रदर्शन इस्लामाबाद हाईकोर्ट द्वारा बार एसोसिएशन के महासचिव के खिलाफ कार्रवाई करने के खिलाफ किया जा रहा है. इस मामले पर गठित वकीलों की संयुक्त कार्रवाई समिति ने कहा कि वकील शुक्रवार को अदालतों में पेश नहीं होंगे.
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उन्होंने दावा किया कि गिरफ्तार वकीलों को पुलिस ने प्रताड़ित किया है. उन्होंने वकीलों की तत्काल रिहाई की मांग भी की. वकीलों ने बुधवार को पीआईसी में एक हिंसक विरोध प्रदर्शन किया था, क्योंकि यहां पर कुछ सप्ताह पहले कई वकीलों को पीटा गया था. इसका बदला लेने के लिए वकील प्रदर्शन के दौरान उग्र हो गए थे.
वकीलों द्वारा अस्पताल में घुसकर खिड़कियों और दरवाजों को तोड़ने और विभिन्न उपकरणों को क्षतिग्रस्त करने के बाद डॉक्टरों की अनुपस्थिति में कुछ गंभीर रोगियों की हालत बिगड़ गई थी. इनमें से तीन रोगियों की तो मौत भी हो गई थी. हमले के बाद पुलिस ने 81 प्रदर्शनकारियों को गिरफ्तार किया.
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गुरुवार को लाहौर में एक आतंकवाद-निरोधी अदालत ने उनमें से 46 को न्यायिक रिमांड पर भेज दिया था. पुलिस ने 200 से 250 वकीलों के खिलाफ दो प्राथमिकी दर्ज की थीं.