इजराइल के जबरदस्त हमले में ईरान का सेना प्रमुख भी मारा गया? लेबनान में हिजबुल्लाह का गढ़ तबाह

इजरायल द्वारा लेबनान में किए गए एक हवाई हमले में ईरान के एक शीर्ष सैन्य कमांडर इस्माइल क़ानी की मौत होने की खबर है. इस हमले का लक्ष्य आतंकी संगठन हिजबुल्लाह के नए नेता हाशेम सफीउद्दीन थे.

इजरायल द्वारा लेबनान में किए गए एक हवाई हमले में ईरान के एक शीर्ष सैन्य कमांडर  इस्माइल क़ानी की मौत होने की खबर है. इस हमले का लक्ष्य आतंकी संगठन हिजबुल्लाह के नए नेता हाशेम सफीउद्दीन थे. यह हमला गुरुवार रात दक्षिणी बेरूत में हुआ, जब सफीउद्दीन हिजबुल्लाह के अन्य नेताओं के साथ एक गुप्त बैठक कर रहे थे.

सफीउद्दीन हाल ही में हिजबुल्लाह के पूर्व प्रमुख हसन नसरल्लाह की हत्या के बाद इस पद पर नियुक्त हुए थे. इस हवाई हमले के बाद मिडिल ईस्ट की मीडिया में यह बताया जा रहा है कि सफीउद्दीन की मौत की पूरी संभावना है, और उनके साथ ईरान के कुद्स फोर्स के प्रमुख इस्माइल क़ानी (General Esmail Qaani) भी थे.

लेबनान के सूत्रों के मुताबिक, सफीउद्दीन से संपर्क टूट चुका है और इजरायली सेना ने आधिकारिक तौर पर उनकी मौत की पुष्टि नहीं की है. हालांकि, कुछ इस्राइली मीडिया ने बताया कि क़ानी इस हमले में घायल हुए हैं, जबकि अन्य का दावा है कि वे भी मारे जा सकते हैं.

यदि क़ानी की मौत की पुष्टि होती है, तो यह इजरायल के लिए एक बड़ी जीत होगी, क्योंकि इससे ईरान की सैन्य क्षमता को गंभीर झटका लगेगा. क़ानी की मौत से ईरान की आतंकवादी समूहों से संपर्क क्षमता कमजोर हो सकती है और यह इस क्षेत्र में बढ़ते तनाव को और भड़का सकता है.

इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने इजरायल के सात मोर्चों पर युद्ध लड़ने की बात कही, लेकिन क़ानी की मौत पर कोई सीधा बयान नहीं दिया. उन्होंने फ्रांसीसी राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों की आलोचना की, जिन्होंने इजरायल को हथियारों की आपूर्ति पर रोक लगाने की मांग की है. नेतन्याहू ने कहा, "क्या ईरान हिज़बुल्लाह, हौथी या हमास पर हथियारों की रोक लगा रहा है? बिल्कुल नहीं."

इस हमले में बेरूत के दक्षिणी उपनगर दाहिये में कई इमारतें नष्ट हो गईं, जो हिज़बुल्लाह का गढ़ माना जाता है. इस्राइली वायुसेना ने यहां काफी समय से बमबारी की है. हालांकि, क़ानी और सफीउद्दीन के जीवित होने या मरने की पुष्टि अभी मुश्किल है, क्योंकि बंकर वाली जगह पर लगातार ड्रोन हमलों के कारण वहां तक पहुंचना संभव नहीं है.

क़ानी की मौत से ईरान और उसके समर्थित आतंकी समूहों के लिए यह एक बड़ा झटका साबित हो सकता है.

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