इमरान खान की अमेरिका यात्रा से पाकिस्तान को क्या हुआ हासिल!

कश्मीर मामले में अमेरिकी मध्यस्थता की राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की पेशकश के बाद पाकिस्तान में मीडिया प्रधानमंत्री इमरान खान के कसीदे पढ़ रहा है. उर्दू दैनिक जंग ने इमरान की अमेरिका यात्रा पर प्रकाशित अपने संपादकीय का शीर्षक 'इमरान का ट्रंप कार्ड' दिया है. प्रधानमंत्री खान के अमेरिका दौरे को निहायत फायदेमंद और कामयाब करार दिया जा सकता है.

इमरान खान और डॉनाल्ड ट्रंप (File Photo)

इस्लामाबाद : कश्मीर मामले में अमेरिकी मध्यस्थता की राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप (Donald Trump) की पेशकश के बाद पाकिस्तान में मीडिया प्रधानमंत्री इमरान खान (Imran Khan) के कसीदे पढ़ रहा है. यह कहा जा रहा है कि इमरान की अमेरिका यात्रा को पाकिस्तान के लिए राजनयिक सफलता करार दिया जा सकता है. उर्दू दैनिक जंग ने इमरान की अमेरिका यात्रा पर प्रकाशित अपने संपादकीय का शीर्षक 'इमरान का ट्रंप कार्ड' दिया है.

अखबार ने लिखा है कि राष्ट्रपति ट्रंप और प्रधानमंत्री खान की निजी मुलाकात और दोनों देशों के प्रतिनिधिमंडलों की मुलाकातों ने विभिन्न मुद्दों पर पाकिस्तान के रुख को जिस तरह स्पष्ट किया, उसे एक बड़ी राजनयिक सफलता करार दिया जा सकता है.

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ट्रंप और खान की बैठक के बाद जारी संयुक्त बयान में कश्मीर मुद्दे का जिक्र नहीं था. इसे दरकिनार करते हुए अखबार ने लिखा, "बयान में जिस सबसे अहम बात का 'शायद' जिक्र नहीं, लेकिन टेलीविजन पर जिसे दोनों नेताओं की संयुक्त प्रेस कांफ्रेंस के दौरान पूरी दुनिया में सुना गया, वह कश्मीर विवाद में राष्ट्रपति ट्रंप द्वारा भारत व पाकिस्तान में मध्यस्थता की पेशकश थी.

इनका कहना था कि भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इस सिलसिले में उनसे बात कर चुके हैं. इमरान खान ने यह पेशकश तुरंत कबूल कर ली." अखबार ने अपने संपादकीय में लिखा है, "भारतीय विदेश मंत्रालय ने परंपरागत हठधर्मिता का परिचय देते हुए जल्दबाजी में ट्रंप के बयान का खंडन कर दिया. यह सोचा भी नहीं जा सकता कि अमेरिका जैसी सुपरपावर का मुखिया, मोदी और कश्मीर मसले पर गलतबयानी से काम ले सकता है."

अखबार ने लिखा है कि बुनियादी बात यह है कि अमेरिका ने अपनी अस्पष्ट नीति को छोड़कर कश्मीर में 'बदअमनी' का बाकायदा नोटिस लिया है. अखबार ने इसे इमरान की सफलता के रूप में लिया है और लिखा कि ट्रंप से मुलाकात में इमरान के हिस्से कई और सफलताएं आईं. इनमें ट्रंप द्वारा अफगानिस्तान की शांति प्रक्रिया में पाकिस्तान की भूमिका और आतंकवाद के खिलाफ पाकिस्तान की कार्रवाई का समर्थन शामिल है.

उन्होंने इमरान को पाकिस्तान का सर्वाधिक लोकप्रिय प्रधानमंत्री करार दिया. अखबार ने लिखा है कि यह मुलाकात दोनों देशों के बीच रिश्तों की नई दिशा का संकेत दे रही है. अभी तक जो विवरण सामने आए हैं, उनके आधार पर प्रधानमंत्री खान के अमेरिका दौरे को निहायत फायदेमंद और कामयाब करार दिया जा सकता है.

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