TikTok Privacy Concerns: दुनिया के लिए कैसे खतरा बना टिकटॉक! ऐप बैन करने के लिए अमेरिकी सुप्रीम कोर्ट करेगा फैसला?
अमेरिका में टिकटॉक को बैन करने के लिए सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई चल रही है, जबकि बाइटडांस ने इसके खिलाफ कानूनी चुनौती दी है. 2024 में अमेरिकी सरकार ने टिकटोक को बेचे जाने या प्रतिबंधित किए जाने का दबाव बढ़ाया है.
2016 में बीजिंग स्थित कंपनी बाइटडांस ने "डॉयिन" नामक शॉर्ट वीडियो शेयरिंग ऐप लॉन्च किया था, जो केवल चीन में उपलब्ध था. इसके बाद 2017 में, बाइटडांस ने इंटरनेशनल मार्केट के लिए टिकटॉक लॉन्च किया और जल्द ही म्यूज़िकली ऐप को खरीदकर उसे टिकटॉक में मिला लिया. इस ऐप का सफलतापूर्वक उत्थान हुआ, क्योंकि इसकी एल्गोरिदम ने यूजर्स के द्वारा अपलोड किए गए छोटे-छोटे, चंचल वीडियो को एक-एक करके पेश किया, जिससे टिकटॉक बहुत ही पॉपुलर हो गया.
महामारी के दौरान टिकटॉक का उत्थान
कोविड-19 महामारी के दौरान, 2020 में जब दुनिया भर में लॉकडाउन लगे थे, तब टिकटॉक की लोकप्रियता और भी बढ़ गई. लोग इंटरनेट के माध्यम से अपने मनोरंजन और व्यस्तता के लिए टिकटॉक का सहारा लेने लगे. यही वजह रही कि सरकारी अधिकारी भी टिकटॉक के प्रभाव और इसकी आदी कर देने वाली अपील पर नज़र रखने लगे.
टिकटॉक तब से दुनिया भर में सबसे अधिक डाउनलोड होने वाले ऐप्स में शामिल हो गया. इसके बाद कई देशों ने टिकटॉक के उपयोग पर सवाल उठाए, खासकर यूएस और भारत जैसे देशों में जहां इस ऐप के जरिए चीन के प्रभाव को लेकर चिंता जताई गई.
भारत में प्रतिबंध
भारत ने जुलाई 2020 में टिकटॉक पर प्रतिबंध लगा दिया था, जब भारत और चीन के बीच सीमा पर तनाव बढ़ गया था. टिकटॉक को लेकर भारत सरकार की चिंताएं इससे जुड़ी सुरक्षा और गोपनीयता के मुद्दों को लेकर थीं. इसके अलावा, चीन सरकार के प्रभाव की संभावना ने भारतीय अधिकारियों को और सतर्क कर दिया.
ट्रंप प्रशासन और टिकटॉक
2020 में, डोनाल्ड ट्रम्प के राष्ट्रपति बनने के दौरान, उन्होंने टिकटॉक पर प्रतिबंध लगाने के लिए कार्यकारी आदेश पर हस्ताक्षर किए थे. उनका आरोप था कि टिकटॉक अमेरिकी यूजर्स का डेटा चीन को दे रहा है और चीनी अधिकारियों की कृपा पर कंटेंट को सेंसर किया जाता है. हालांकि, ट्रम्प के आदेश कानूनी चुनौतियों के कारण प्रभावी नहीं हो पाए, और ट्रम्प के हारने के बाद यह आदेश स्थगित हो गए.
1 बिलियन यूजर्स का मील का पत्थर
सितंबर 2021 में, टिकटॉक ने यह घोषणा की कि उसके पास विश्वभर में 1 बिलियन मासिक उपयोगकर्ता हैं. इस सफलता के बावजूद, यूजर्स के बीच उसकी गोपनीयता, प्रचार और जासूसी के जोखिमों पर चिंता बढ़ने लगी. 2022 में, बज़फीड ने यह रिपोर्ट किया कि बाइटडांस के चीनी कर्मचारी टिकटॉक यूजर्स के व्यक्तिगत डेटा तक पहुंच रहे थे.
यूएस में टिकटॉक पर बढ़ते कानूनी दबाव
2023 में, टिकटॉक के CEO शू जी च्यू को अमेरिकी कांग्रेस में 6 घंटे तक सवाल-जवाब के लिए बुलाया गया. 2024 में, राष्ट्रपति जो बाइडन ने एक कानून पर हस्ताक्षर किए, जिसके तहत अगर बाइटडांस ने टिकटॉक को किसी ऐसे कंपनी को नहीं बेचा जो राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए खतरे का कारण न हो, तो ऐप पर प्रतिबंध लगा दिया जाएगा. इस कानून का उद्देश्य टिकटॉक यूजर्स की गोपनीयता को लेकर चीन के संभावित दखल को रोकना है.
टिकटॉक ने हमेशा यह दावा किया है कि उसने कभी भी चीनी सरकार के साथ यूजर्स का डेटा साझा नहीं किया है और न ही उस पर उसका नियंत्रण है. हालांकि, बाइटडांस ने इस कानून को अमेरिकी सरकार के खिलाफ अदालत में चुनौती दी है, यह आरोप लगाते हुए कि यह कानून फ्री स्पीच के अधिकार का उल्लंघन करता है.
अंतिम फैसला और भविष्य
अब इस मामले में अंतिम फैसला अमेरिकी सुप्रीम कोर्ट द्वारा लिया जाएगा, जो जनवरी 2024 में इस पर सुनवाई करेगा. वहीं, ट्रम्प के संभावित राष्ट्रपति बनने के बाद इस मामले में टिकटॉक को लेकर उनकी स्थिति भी महत्वपूर्ण हो सकती है, क्योंकि उन्होंने इस ऐप के प्रति सहानुभूति जताई है और आगामी चुनाव में युवा वोटरों के समर्थन के लिए इसे इस्तेमाल किया है.
टिकटॉक का भविष्य अब इस बात पर निर्भर करेगा कि क्या सुप्रीम कोर्ट इसे प्रतिबंधित करने के कानून को सही ठहराता है या नहीं.