Pakistan ISI: पहली बार पाक ISI प्रमुख ने सीधे मीडिया को किया संबोधित, इमरान पर किया कटाक्ष- रात में बाजवा से मिलते हैं और दिन में उन्हे कहते हैं देशद्रोही
यह प्रेस कॉन्फ्रेंस तथ्यों को पेश करने के संदर्भ में आयोजित की जा रही है ताकि 'तथ्यों, कल्पना और राय में अंतर किया जा सके.' उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ को प्रेस कॉन्फ्रेंस की संवेदनशीलता के बारे में 'विशेष रूप से सूचित' किया गया था.
इंटर सर्विसेज इंटेलिजेंस (आईएसआई) के महानिदेशक लेफ्टिनेंट जनरल नदीम अंजुम ने इमरान खान पर सीधे कटाक्ष करते हुए कहा कि यह संभव नहीं है कि पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री रात में सेना प्रमुख जनरल कमर जावेद बाजवा से मिलें और फिर उन्हें 'दिन में देशद्रोही' कहें. यह भी पढ़ें: एक ऐसा ब्रिटेन बनाएंगे, जहां हमारे बच्चे, पोते-पोतियां अपने दीये जला सकें: ऋषि सुनक
एक अप्रत्याशित प्रेस कॉन्फ्रेंस में, पाकिस्तान के इंटर-सर्विसेज इंटेलिजेंस (आईएसआई) के प्रमुख लेफ्टिनेंट जनरल नदीम अंजुम इंटर-सर्विसेज पब्लिक रिलेशंस (आईएसपीआर) के डीजी लेफ्टिनेंट जनरल बाबर इफ्तिखार पत्रकार अरशद शरीफ की हत्या और पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान की सेना के खिलाफ टकराव की कहानी के साथ-साथ अन्य संबंधित विषयों के बारे में बोलने के लिए एक साथ आए. डॉन की रिपोर्ट के मुताबिक, पाकिस्तान के इतिहास में यह पहली बार है जब देश की जासूसी एजेंसी के प्रमुख ने सीधे मीडिया को संबोधित किया है.
प्रेस कॉन्फ्रेंस की शुरुआत में जनरल इफ्तिखार ने कहा कि सम्मेलन का उद्देश्य केन्या में पत्रकार की हत्या और उसके आसपास की परिस्थितियों पर प्रकाश डालना था.
उन्होंने कहा कि यह प्रेस कॉन्फ्रेंस तथ्यों को पेश करने के संदर्भ में आयोजित की जा रही है ताकि 'तथ्यों, कल्पना और राय में अंतर किया जा सके.' उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ को प्रेस कॉन्फ्रेंस की संवेदनशीलता के बारे में 'विशेष रूप से सूचित' किया गया था.
जनरल इफ्तिखार ने आगे कहा कि अरशद शरीफ की लोकप्रियता एक खोजी पत्रकार होने पर आधारित थी और जब वह साइबर, जिसे खान ने अपनी सरकार को हटाने के लिए एक विदेशी साजिश के सबूत के रूप में बताया है वह सामने आए, तो उन्होंने इस मुद्दे पर कई कार्यक्रम आयोजित किए.
डीजी आईएसआई ने पूछा, "अगर कमांडर-इन-चीफ देशद्रोही है तो आप उससे छिपकर क्यों मिले? मिलना (उनसे) आपका अधिकार है लेकिन यह संभव नहीं हो सकता है कि आप रात में मिलें और दिन में (उन्हें) देशद्रोही कहें."
जियो न्यूज की रिपोर्ट के अनुसार लेफ्टिनेंट जनरल अंजुम ने कहा कि सेना को 'तटस्थ और एक जानवर' कहा जाता था क्योंकि उन्होंने 'अवैध' निर्णय का हिस्सा बनने से इनकार करके देशद्रोह किया था.
उन्होंने कहा कि 'अवैध काम' करने से इनकार करना किसी एक व्यक्ति या सेना प्रमुख का नहीं बल्कि पूरी संस्था का निर्णय था.
आईएसआई प्रमुख ने कहा कि मार्च से सेना काफी दबाव में है लेकिन उन्होंने खुद को अपनी संवैधानिक भूमिका तक सीमित रखने का फैसला किया.
जियो न्यूज की रिपोर्ट के मुताबिक, उन्होंने कहा कि जनरल बाजवा अपने कार्यकाल के आखिरी छह महीने शांति से बिता सकते थे लेकिन उन्होंने देश और संस्था के पक्ष में फैसला लिया.
लेफ्टिनेंट जनरल अंजुम ने कहा, "सेना प्रमुख को उनके कार्यकाल (पीटीआई सरकार द्वारा) में अनिश्चित काल के लिए विस्तार की पेशकश की गई थी."
जियो न्यूज की रिपोर्ट के मुताबिक, उन्होंने यह भी सोचा कि अगर कमांडर इन चीफ देशद्रोही थे तो 'हाल के दिनों में उनकी अंतहीन प्रशंसा क्यों की गई.'
डीजी आईएसआई ने पूछा, "अगर आपकी नजर में सेना प्रमुख देशद्रोही हैं, तो आप उनके कार्यकाल में विस्तार क्यों देना चाहते थे, फिर भी आप उनसे गुपचुप तरीके से क्यों मिलते हैं."
डीजी आईएसआई ने महानिदेशक इंटर सर्विसेज पब्लिक रिलेशंस (आईएसपीआर) लेफ्टिनेंट जनरल बाबर इफ्तिखार के साथ एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में जानकारी का खुलासा किया.
दोनों केन्या में वरिष्ठ पत्रकार अरशद शरीफ की मौत पर मीडिया को संबोधित कर रहे थे.
डीजी आईएसपीआर ने प्रेस कॉन्फ्रेंस की शुरुआत में कहा, "इस प्रेस कॉन्फ्रेंस का मकसद केन्या में प्रमुख वरिष्ठ पत्रकार अरशद शरीफ की मौत और उसके आसपास की परिस्थितियों के बारे में आपको जानकारी देना है."