
यूरोपीय सुरक्षा के मसले पर हुई यूरोपीय नेताओं की बैठक में अमेरिकी राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप की नीतियों पर चर्चा हुई. इस बैठक में ब्रेक्जिट के बाद पहली बार ब्रिटेन भी शामिल हुआ.यूरोपीय नेताओं की ब्रसेल्स में हुई एक महत्वपूर्ण बैठक में 3 फरवरी को ट्रांसअटलांटिक व्यापार युद्ध के खतरा पर बातचीत हुई. यह बैठक रूस के आक्रामक रवैये के मद्देनजर यूरोप की रक्षा क्षमताओं को मजबूत करने के उद्देश्य से आयोजित की गई थी लेकिन बैठक में अमेरिका के नए राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप की नीतियों के कारण पैदा हो रहे खतरों पर चर्चा होती रही.
यूरोपीय संघ (ईयू) के 27 नेताओं के साथ ब्रिटेन के प्रधानमंत्री और नाटो प्रमुख भी इस बैठक में शामिल हुए. बैठक में यूरोप के रक्षा खर्च को बढ़ाने पर चर्चा की गई, जो अमेरिकी राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप की प्रमुख मांगों में से एक रही है.
लेकिन बैठक की मुख्य चर्चा ट्रंप के उस बयान पर केंद्रित रही, जिसमें उन्होंने यूरोप पर जल्द ही व्यापारिक प्रतिबंध लगाने की धमकी दी थी. इससे पहले उन्होंने कनाडा, मेक्सिको और चीन पर भी शुल्क लगाया था.
ट्रेड वॉर पर हुई चर्चा
फ्रांस के राष्ट्रपति इमानुएल माक्रों ने कहा, "अगर व्यापार के मामले में हम पर हमला हुआ, तो यूरोप को एक सशक्त शक्ति के रूप में खड़ा होना होगा और कड़ी प्रतिक्रिया देनी होगी."
ईयू की व्यापार नीति का नेतृत्व करने वाले यूरोपीय आयोग ने पहले ही स्पष्ट कर दिया था कि वह किसी भी अमेरिकी प्रतिबंध का "दृढ़ता से जवाब" देगा. जर्मनी के चांसलर ओलाफ शॉल्त्स ने भी कहा कि यूरोप को प्रतिक्रिया देने के लिए तैयार रहना चाहिए.
हालांकि, यूरोपीय संघ की विदेश नीति प्रमुख काया कालस ने अधिक संतुलित प्रतिक्रिया दी. उन्होंने कहा, "हमें अमेरिका की जरूरत है और अमेरिका को हमारी. व्यापार युद्ध में कोई भी विजेता नहीं होता."
पोलैंड के प्रधानमंत्री डोनाल्ड टस्क ने साफ तौर पर कहा कि व्यापार युद्ध "पूरी तरह से अनावश्यक और मूर्खतापूर्ण" है.
ट्रंप के जीतने से पहले से ही आ रहे बयानों ने यूरोपीय देशों को चिंता में डाल दिया है. उन्होंने न केवल रक्षा खर्च बढ़ाने की मांग की है बल्कि यह भी कहा है कि नाटो देशों को अपनी जीडीपी का पांच प्रतिशत रक्षा पर खर्च करना चाहिए. यह लक्ष्य कई देशों के लिए असंभव सा लगता है.
नाटो प्रमुख मार्क रूटे ने कहा, "मित्र देशों के बीच हमेशा कुछ मुद्दे होते हैं. यह कभी पूरी तरह से शांत और स्थिर नहीं होता."
यूरोपीय देशों ने यूक्रेन पर रूसी हमले के बाद अपनी रक्षा क्षमता बढ़ाने का प्रयास किया है, लेकिन विशेषज्ञों का मानना है कि अभी भी रक्षा क्षेत्र में निवेश की गति पर्याप्त नहीं है. यूरोपीय आयोग के अनुसार, अगले दस वर्षों में रक्षा के क्षेत्र में 500 अरब यूरो की जरूरत होगी.
फिनलैंड के प्रधानमंत्री पेटेरी ओरपो ने कहा, "आज यह तय करना बेहद जरूरी है कि हम अपनी रक्षा क्षमताओं को कैसे और कितना मजबूत कर सकते हैं."
यूरोपीय संघ के भीतर इस बात पर भी बहस हो रही है कि रक्षा निवेश के लिए कैसे धन जुटाया जाए. कुछ देश इसके लिए बड़े पैमाने पर ईयू स्तर पर उधारी लेने के पक्ष में हैं, जबकि जर्मनी ने इस प्रस्ताव का विरोध किया है. फ्रांस चाहता है कि यूरोपीय संघ के धन का उपयोग केवल यूरोपीय हथियार कंपनियों से खरीदारी के लिए किया जाए.
ब्रिटेन भी लौटा
इस बीच, ब्रिटेन के प्रधानमंत्री किएर स्टार्मर भी इस बैठक में शामिल हुए, जो ब्रेक्जिट के बाद पहली बार किसी यूरोपीय परिषद की बैठक में भाग ले रहे थे. स्टार्मर ने कहा, "हम पुतिन की युद्ध मशीन को खत्म करने के लिए मिलकर काम करना चाहते हैं और रूस की अर्थव्यवस्था को और प्रभावित करने के लिए और प्रतिबंध लगाने के पक्ष में हैं."
हालांकि, ब्रेक्जिट के बाद के विवाद अभी भी मौजूद हैं. कई ईयू राजनयिकों का कहना है कि जब तक ब्रिटेन मछली पकड़ने के अधिकारों और युवाओं की आवाजाही की योजना पर समझौता नहीं करता, तब तक संबंध पूरी तरह से सामान्य नहीं हो सकते.
इसी बीच, बेल्जियम के नए प्रधानमंत्री बार्ट डी वेवर ने कहा कि यूरोप अकेले अपनी रक्षा नहीं कर सकता और इसे नाटो के साथ जुड़े रहना चाहिए. उन्होंने यह भी कहा कि वह ईयू के "अत्यधिक नियमों" को सीमित करना चाहते हैं ताकि कॉर्पोरेट प्रतिस्पर्धा को बढ़ावा मिल सके.
डी वेवर ने कहा, "यूरोप को यह सोचना गलत होगा कि वह अकेले अपनी रक्षा कर सकता है. हमें अमेरिका के साथ नाटो गठबंधन को जारी रखना चाहिए."
यूरोपीय नेताओं की बैठक में ट्रंप की व्यापार नीति और उनके संभावित शुल्क को लेकर गंभीर चिंताएं जताई गईं. ब्रिटेन के प्रधानमंत्री कार्यालय ने कहा कि अमेरिका और ब्रिटेन के बीच व्यापार संतुलित है और दोनों देश एक-दूसरे के सबसे बड़े निवेशक हैं.
स्टार्मर ने कहा, "हम अमेरिका और यूरोपीय संघ के साथ मजबूत व्यापारिक संबंध बनाना चाहते हैं."
हालांकि, अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप ने कहा कि ईयू के साथ अमेरिका का व्यापार घाटा "अत्याचार" के समान है और वह यूरोपीय उत्पादों पर शुल्क लगाएंगे. यूरोपीय संघ की विदेश मामलों की प्रमुख काया कालस ने कहा, "अगर अमेरिका व्यापार युद्ध शुरू करता है, तो केवल चीन को फायदा होगा. हमें एक-दूसरे की जरूरत है."
इस बैठक में यूरोप की रक्षा, व्यापार और अमेरिका के साथ संबंधों पर विस्तृत चर्चा हुई, लेकिन यह स्पष्ट है कि आने वाले दिनों में यूरोप को कई चुनौतियों का सामना करना होगा.
वीके/आरपी (रॉयटर्स, एएफपी, डीपीए)