COVID-19 महामारी के खिलाफ वैश्विक प्रतिक्रिया को बढ़ावा देते चीनी-निर्मित वैक्सीन
चीन कोविड-19 महामारी के खिलाफ दुनिया की लड़ाई में योगदान दे रहा है क्योंकि वह अपने टीकों को वैश्विक जनता के लिए सार्वजनिक उत्पाद बनाने का प्रयास कर रहा है. एक दर्जन से अधिक देशों ने पहले से ही चीनी-निर्मित वैक्सीन के साथ बड़े पैमाने पर टीकाकरण कार्यक्रम शुरू कर दिया है.
बीजिंग, 22 जनवरी: चीन कोविड-19 महामारी (COVID-19 Pandamic) के खिलाफ दुनिया की लड़ाई में योगदान दे रहा है क्योंकि वह अपने टीकों को वैश्विक जनता के लिए सार्वजनिक उत्पाद बनाने का प्रयास कर रहा है. एक दर्जन से अधिक देशों ने पहले से ही चीनी-निर्मित वैक्सीन के साथ बड़े पैमाने पर टीकाकरण कार्यक्रम शुरू कर दिया है. हाल ही में, चिली के सार्वजनिक स्वास्थ्य संस्थान ने बुधवार को देश में चीनी फर्म साइनोवैक बायोटेक द्वारा विकसित कोरोना-रोधी वैक्सीन पर विश्वास जताते हुए उसके आपातकालीन उपयोग को मंजूरी दे दी.
देश के सार्वजनिक स्वास्थ्य संस्थान के कार्यकारी निदेशक हेबेर्रेटो गार्सिया का कहना है कि चीन-निर्मित वैक्सीन की विनिर्माण गुणवत्ता बेहद अच्छी है और इसके बहुत अच्छे परिणाम आये हैं. यह वैक्सीन देश की जनता के लिए सुरक्षित और प्रभावी भी है. बेशक, चीनी-निर्मित वैक्सीन की आपातकालीन स्वीकृति से चिली के सामूहिक टीकाकरण अभियान को जरूर बढ़ावा मिलेगा. इससे कोरोना वायरस को नियंत्रित करने में बड़ी मदद भी मिलेगी.
यह भी पढ़ें: COVID-19 Vaccine: इजराइल में Pfizer की वैक्सीन लेने के बाद 12 हजार से अधिक लोग हुए कोरोना वायरस से संक्रमित
वहीं, मंगलवार को सर्बियाई स्वास्थ्य मंत्री ज्लातिबोर लोनकर ने चीनी कंपनी साइनोफार्म द्वारा विकसित कोविड-19 वैक्सीन लगवाया, और देश में वैक्सीन लगवाने वाले पहले व्यक्ति बन गए. वैक्सीन लगवाने के बाद, देश के स्वास्थ्य मंत्री ने लोगों से कहा कि वे भी जरूर वैक्सीन लगवाएं क्योंकि नये कोरोनावायरस लड़ने का यही एकमात्र तरीका है. उन्होंने चीनी वैक्सीन की प्रशंसा करते हुए कहा कि यह वैक्सीन पूरी तरह से कुशल और सुरक्षित है.
इसके अलावा, इराकी नेशनल बोर्ड फॉर ड्रग्स (एनबीएसडी) ने देश में कोविड-19 महामारी के प्रसार को रोकने के लिए चीन के साइनोफार्म द्वारा विकसित वैक्सीन के आपातकालीन उपयोग को मंजूरी दी. इससे पहले, एनबीएसडी ने पहले से ही महामारी से निपटने के लिए फाइजर-बायोएनटेक वैक्सीन के आपातकालीन उपयोग को मंजूरी दे चुका है. अफ्रीका में, मिस्र के स्वास्थ्य मंत्री हला जायद ने घोषणा की कि देश में साइनोफार्म के कोविड-19 वैक्सीन को आधिकारिक तौर पर आपातकालीन उपयोग के लिए लाइसेंस दिया गया है.
तुर्की, इंडोनेशिया, जॉर्डन, बहरीन और संयुक्त अरब अमीरात चीनी-निर्मित वैक्सीन का उपयोग कर रहे हैं. फिलीपींस और मलेशिया पहले ही चीन से खुराक हासिल कर चुके हैं, जबकि थाईलैंड, कंबोडिया और ईरान वैक्सीन लेने पर चीन से चर्चा कर रहे हैं. यूक्रेन इस साल की पहली छमाही में साइनोफार्म के वैक्सीन के साथ अपना टीकाकरण कार्यक्रम शुरू करना चाहता है. इस चीनी फर्म ने 50 लाख कोरोनावैक खुराक की खरीद पर स्थानीय दवा कंपनी लेखिम ग्रुप के साथ करार किया है और यूक्रेन को वैक्सीन देने वाला एकमात्र आपूर्तिकर्ता बन गया है.
अर्थात, चीन उन सभी जरूरतमंद देशों को वैक्सीन पहुंचा कर महामारी के खिलाफ दुनिया की लड़ाई में योगदान दे रहा है. उसने कई बार दुनिया भर में कोविड-19 वैक्सीन के समान वितरण और उपयोग में योगदान देने के लिए अंतर्राष्ट्रीय समुदाय के साथ मिलकर काम करने की प्रतिबद्धता जता चुका है. दरअसल, चीन का मानना है कि वायरस कोई सीमा नहीं जानता है और मानवता एक सामान्य भाग्य साझा करती है. इसलिए एकजुटता और सहयोग कोविड-19 महामारी को हराने के लिए सबसे शक्तिशाली हथियार है. यह अंतर्राष्ट्रीय समुदाय की आम सहमति भी है.