Mary Somerville Google Doodle: कौन थीं मैरी सोमरविले, जिनके सम्मान में गूगल ने बनाया है ये खास डूडल

गूगल ने खास डूडल के जरिए स्कॉटिश साइंटिस्ट मैरी सोमरविले की जमीनी विरासत का सम्मान किया है. 26 दिसंबर 1970 को स्कॉटलैंड के जेडबर्ग में जन्मी मैरी सोमरविले के प्रायोगिक भौतिकी के पेपर को आज ही के दिन यानी 2 फरवरी 1826 ब्रिटेन के नेशनल साइंस एकेडमी की रॉयल सोसायटी ऑफ लंदन द्वारा पढ़ा गया था.

स्कॉटिश साइंटिस्ट मैरी सोमरविले के सम्मान में गूगल ने बनाया डूडल (Photo Credits: Screenshot/Google)

Mary Somerville Google Doodle: सर्च इंजिन गूगल (Search Engine Google) ने एक बार फिर एक वैज्ञानिक (Scientist) के सम्मान में खास डूडल बनाया है. गूगल ने खास डूडल के जरिए स्कॉटिश साइंटिस्ट मैरी सोमरविले (Scottish Scientist Mary Somerville) की जमीनी विरासत का सम्मान किया है. 26 दिसंबर 1970 को स्कॉटलैंड के जेडबर्ग में जन्मी मैरी सोमरविले (Mary Somerville) के प्रायोगिक भौतिकी के पेपर को आज ही के दिन यानी 2 फरवरी 1826 को ब्रिटेन के नेशनल साइंस एकेडमी की रॉयल सोसायटी ऑफ लंदन द्वारा पढ़ा गया था. मैरी सोमरविले का जन्म एक विनम्र और प्रतिष्ठित परिवार में हुआ था. उनके पिता का नाम वाइस-एडमिरल सर विलियम जॉर्ज फेयरफैक्स था. उनका जन्म उनके मामा डॉ. थॉमस सोमरविले की पत्नी (माय ओन लाइफ एंड टाइम्स के लेखक) के घर हुआ था.

अपने जीवन के शुरुआती सालों में मैरी सोमरविले अपनी मां के साथ घर के आसपास के काम करने में मदद करती थीं. उस दौरान वे अपने बगीचे में प्रकृति का आनंद लेने भी जाया करती थीं. बताया जाता है कि जब उनकी उम्र महज 10 साल थी तब उनके पिता ने उन्हें पढ़ाई के लिए एक बोर्डिंग स्कूल में भेजने का फैसला किया. यह भी पढ़ें: Google Doodle: गूगल सेलिब्रेट कर रहा है ISRO के संस्थापक विक्रम साराभाई का 100वां जन्मदिन, ये खास डूडल बनाकर किया सलाम

स्कॉटिश विज्ञान लेखक और खगोलशास्त्री थीं मैरी सोमरविले

गूगल ने मैरी सोमरविले के सम्मान में जो खास डूडल बनाया है उसमें मैरी सोमरविले का एक चित्र दिखाया गया है. इस तस्वीर में वे कुछ लिखती हुई दिखाई दे रही हैं और उनका एक हाथ किताबों पर रखा हुआ है. सोमरविले एक स्कॉटिक विज्ञान लेखक के साथ खगोलशास्त्री भी थीं और उन्हें रॉयल एस्ट्रोनॉमिकल सोसायटी की पहली महिला सदस्य के रूप में नामित किया गया था. उन्होंने गणित और खगोल विज्ञान का अध्ययन किया.

खुद के वैज्ञानिक पत्रों और पुस्तकों का प्रकाशन 

बताया जाता है कि महिलाओं को वोट का अधिकार देने की पैरवी करते हुए जब इकोनॉमिस्ट और फिलोस्फर जॉन स्टुअर्ट मिल (John Stuart Mill) ने संसद में एक विशाल याचिका का आयोजन किया, तब उस याचिका पर सबसे पहले सोमरविले ने हस्ताक्षर किए थे. सोमरविले को जब क्लासिक किताब की एक प्रति मिली थी तब वे खुद ही खगोल विज्ञान और गणित की पढ़ाई में जुट गईं. स्वतंत्र पढ़ाई और रिसर्च करने के कई सालों बाद उनके स्वयं के वैज्ञानिक पत्रों और पुस्तकों को प्रकाशित किया गया. यह भी पढ़ें: जोसेफ एंटोनी फर्डिनेंड प्लैटो की 218वीं जयंती पर Google ने खास Doodle बनाकर किया उन्हें याद, जानें कौन थे Joseph Antoine Ferdinand Plateau

साल 1831 में सोमरविले के द हैवीन्स के मैकेनिज्म ने सौर प्रणाली की मौजूदा समझ में क्रांति लाने का काम किया. उनकी किताब 'द कनेक्शन ऑफ द फिजिकल साइंसेज' (1834), 19वीं सदी की सबसे ज्यादा बिकने वाली विज्ञान की पुस्तकों में से एक बन गई.

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