वैज्ञानिकों ने बनाया 'इवेंट हॉरिजन टेलीस्कोप', जल्द आएगी ब्लैक होल की पहली तस्वीर सबके सामने
हमारा ब्रम्हांड बहुत बड़ा है, हमारे ब्रम्हांड में आकाशगंगा, उल्का पिंड, तारे बनते रहते हैं और खत्म होते रहते हैं. इनके अलावा हमारे ब्रह्मांड में एक और चीज बनती है उसका नाम है ब्लैक होल. ब्लैक होल एक खगोलीय वस्तु है जिसका गुरुत्वाकर्षण बल बहुत ज्यादा होता है....
हमारा ब्रम्हांड बहुत बड़ा है, हमारे ब्रम्हांड में आकाशगंगा, उल्का पिंड, तारे बनते रहते हैं और खत्म होते रहते हैं. इनके अलावा हमारे ब्रह्मांड में एक और चीज बनती है उसका नाम है ब्लैक होल (Black Hole). ब्लैक होल एक खगोलीय वस्तु है जिसका गुरुत्वाकर्षण बल बहुत ज्यादा होता है. ब्लैक होल अपने गुरुत्वाकर्षण घेरे में आनेवाली सभी वस्तुओं को निगल लेता है. यानी उसे अपने अंदर अवशोषित कर लेता है. यहां तक की प्रकाश भी इसके खिंचाव से बच नहीं सकता है. ब्लैक होल अपने ऊपर पड़ने वाले प्रकाश को अवशोषित तो कर लेता है लेकिन परावर्तित नहीं करता है. ऐसा कहा जाता है कि ब्लैक होल के गुरुत्वाकर्षण घेरे में अगर इंसान भी आ जाए तो वो उसे अपने आस पास लपेटकर अवशोषित कर लेता है. ब्लैक होल में जो भी वस्तु जाती है वो वापस नहीं आती है इसलिए इसे ब्लैक होल कहा जाता है.
काफी समय से दुनिया भर के वैज्ञानिक ब्लैक होल की पहेली सुलझाने में लगे हुए हैं. काफी सालों की मेहनत के बाद जल्द ही दुनिया ब्लैक होल की पहली क्लोजअप तस्वीरें देख सकते हैं. वैज्ञानिकों ने ब्लैक होल की तस्वीर लेने के लिए 'इवेंट हॉरिजन टेलीस्कोप' (Event Horizon Telescope) बनाया है. अपनी रिसर्च को लेकर वैज्ञानिक बुधवार 10 अप्रैल को एक कार्यक्रम का आयोजन करेंगे और 'इवेंट हॉरिजन टेलीस्कोप' के पहले परिणाम की घोषणा करेंगे. 'इवेंट हॉरिजन टेलीस्कोप' मुख्य रूप से तस्वीरें लेने के लिए बनाया गया है.
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खगोलविद् और ब्लैक होल विशेषज्ञ पॉल मैक्नमारा ने इस बारे में बताया कि,' 50 साल से वो देखते आ रहे हैं कि हमारी आकाशगंगा के बीचोबीच बहुत चमकीली वस्तु दिखाई देती है. उन्होंने बताया कि ब्लैक होल में इतनी ज्यादा गुरुत्वाकर्षण शक्ति है कि तारों को इसका एक चक्कर लगाने में 20 वर्ष और आकाश गंगा को 23 करोड़ वर्ष लगते हैं.'