Chandrayaan-3 Mission Update: भारत का महत्वाकांक्षी मिशन चंद्रयान-3 चंद्रमा के बेहद करीब पहुंच चुका है. इसी के साथ चंद्रयान-3 ने अपने लैंडर खतरे की खोज और बचाव कैमरा-एलएचडीएसी की मदद से चांद की सतह पर सुरक्षित लैंडिंग क्षेत्र की पहचान करने की प्रक्रिया शुरू कर चुका है. इसरो ने आज (सोमवार) 21 अगस्त 2023 को चंद्रमा के क्षेत्र की कुछ तस्वीरें जारी की जिन्हें एलएचडीएसी द्वारा कैप्चर किया गया है. ये तस्वीरें चंद्रयान-3 की बोल्डर या गहरी खाइयों के बिना सुरक्षित क्षेत्र का पता लगाने में मदद करेगी. Chandrayaan-3 Mission Update: ऐसा हुआ तो 23 की जगह 27 अगस्त को होगी चंद्रयान-3 की चांद पर लैंडिंग, ISRO ने दिया बड़ा अपडेट | VIDEO.
यह विशेष उपकरण अहमदाबाद स्थित अंतरिक्ष अनुप्रयोग केंद्र (एसएसी) द्वारा विकसित किया गया है, जो इसरो का एक प्रमुख अनुसंधान और विकास केंद्र है.
एलएचडीएसी कैमरा द्वारा कैप्चर की गईं ये तस्वीरें
Chandrayaan-3 Mission :
Here are the images of Lunar far side area captured by the Lander Hazard Detection and Avoidance Camera (LHDAC).
This camera that assists in locating a safe landing area -- without boulders or deep trenches -- during the descent is developed by ISRO at… pic.twitter.com/7UaZjKGzJZ
— LVM3-M4/CHANDRAYAAN-3 MISSION (@chandrayaan_3) August 21, 2023
23 अगस्त को चांद पर उतरेगा चंद्रयान-3
भारतीय अंतरिक्ष एजेंसी इसरो के अनुसार, रोवर के साथ लैंडर मॉड्यूल बुधवार, 23 अगस्त 2023 को शाम लगभग 6.04 बजे चंद्रमा की सतह पर उतरने की संभावना है.
ऐतिहासिक घटना का डीडी नेशनल पर होगा सीधा प्रसारण
इसरो के अनुसार 23 अगस्त को शाम 5 बजकर 27 मिनट पर इस ऐतिहासिक घटना का उसकी वेबसाइट, आधिकारिक यूट्यूब चैनल और फेसबुक पेज पर तथा डीडी नेशनल पर सीधा प्रसारण किया जाएगा.
चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर यान उतारने वाला दुनिया का पहला देश बनेगा भारत
यदि चंद्रयान निर्धारित समयानुसार सफलतापूर्वक चंद्रमा की सतह पर उतर जाता है तो भारत चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर यान उतारने वाला दुनिया का पहला देश और चंद्रमा पर सफल अभियान भेजने वाला चौथा देश बन जाएगा.
14 जुलाई को लॉन्च किया गया था चंद्रयान-3
ज्ञात हो, चंद्रयान-3 मिशन 14 जुलाई को लॉन्च किया गया था. यह चंद्रयान-2 मिशन का अनुवर्ती अभियान है.इसका उद्देश्य चांद की सतह पर रोविंग और सुरक्षित लैंडिंग में त्रुटिहीन दक्षता प्रदर्शित करना है.