Digital Arrest: डिजिटल अरेस्ट और साइबर फ्रॉड पर बड़ा एक्शन, गृह मंत्रालय ने गठित की हाई लेवल कमेटी

देश में बढ़ते साइबर अपराध और डिजिटल अरेस्ट के मामलों को लेकर गृह मंत्रालय (एमएचए) ने बुधवार को एक हाई लेवल कमेटी गठित की है. बताया जा रहा है कि गृह मंत्रालय के आंतरिक सुरक्षा सचिव इस कमेटी को मॉनिटर कर रहे हैं.

Credit-(Twitter, Facebook)

नई दिल्ली, 30 अक्टूबर : देश में बढ़ते साइबर अपराध और डिजिटल अरेस्ट के मामलों को लेकर गृह मंत्रालय (एमएचए) ने बुधवार को एक हाई लेवल कमेटी गठित की है. बताया जा रहा है कि गृह मंत्रालय के आंतरिक सुरक्षा सचिव इस कमेटी को मॉनिटर कर रहे हैं. दरअसल, पीएम मोदी ने अपने मासिक रेडियो कार्यक्रम 'मन की बात' के 115वें एपिसोड में देशवासियों को 'डिजिटल अरेस्ट' को लेकर सजग रहने की नसीहत दी थी. साथ ही उन्होंने साइबर फ्रॉड से बचने के लिए 'रुको-सोचो-एक्शन लो' का मंत्र भी दिया था.

पीएम मोदी की नसीहत के बाद गृह मंत्रालय ने डिजिटल अरेस्ट और साइबर फ्रॉड के बढ़ते मामलों को रोकने के लिए बड़ा कदम उठाया. डिजिटल अरेस्ट और साइबर फ्रॉड से निपटने के लिए एक हाई लेवल कमेटी गठित की गई है. बताया जा रहा है कि डिजिटल अरेस्ट की घटनाओं पर लगाम लगाने लिए विशेष अभियान चलाया जाएगा. सूत्रों की मानें तो डिजिटल अरेस्ट की घटनाओं पर तत्काल एक्शन लेने के निर्देश दिए गए हैं. इसके अलावा गृह मंत्रालय के 14सी विंग ने सभी राज्यों की पुलिस से संपर्क भी किया है. एमएचए का 14सी विंग डिजिटल अरेस्ट पर केस-टू-केस मॉनिटर करेगा. यह भी पढ़ें : Flipkart Big Diwali Sale 2024: दिवाली सेल में बंपर डिस्काउंट, प्रीमियम स्मार्टफोन्स की खरीदारी में पाएं बेहतरीन डील्स

ज्ञात हो कि इस साल डिजिटल अरेस्ट से जुड़ी 6,000 से अधिक शिकायतें दर्ज की गई है. गृह मंत्रालय के साइबर विंग ने अब तक 6 लाख मोबाइल को ब्लॉक किया है. ये सभी फोन साइबर फ्रॉड और डिजिटल अरेस्ट की घटनाओं में शामिल थे. इसके अलावा 14सी विंग ने अब तक 709 मोबाइल एप्लिकेशन को भी ब्लॉक किया है.

इतना ही नहीं, साइबर फ्रॉड में शामिल 1 लाख 10 हजार आईएमईआई को ब्लॉक किया गया है. साथ ही साइबर फ्रॉड से जुड़े 3.25 लाख फेक बैंक को भी फ्रीज किया गया है. हाल ही में प्रधानमंत्री मोदी ने अपनी मन की बात में डिजिटल अरेस्ट और साइबर फ्रॉड की घटनाओं को लेकर लोगों को जागरूक किया था. प्रधानमंत्री मोदी ने डिजिटल अरेस्ट का फरेब करने वालों के बारे में कहा कि उनका पहला दांव होता है कि ये आपकी सारी व्यक्तिगत जानकारी जुटा कर रखते हैं. उनका दूसरा दांव भय का माहौल पैदा करने का होता है. यह फोन कॉल पर इतना डरा देंगे कि आप कुछ सोच ही नहीं पाएंगे. इसके बाद फ्रॉड करने वाले समय का अभाव दिखाते हैं. ये इतना मनोवैज्ञानिक दबाव बनाते हैं कि इंसान डर जाता है और डिजिटल अरेस्ट का शिकार हो जाता है.

Share Now

\