Mirabai Chanu Olympics 2024: पीरियड्स की कमजोरी के बावजूद मीराबाई चानू ने दिखाई हिम्मत! मेडल से चूकी, लेकिन हौसला बरकरार

मीराबाई चानू पेरिस ओलंपिक में मेडल नहीं जीत पाई, इसके लिए उन्होंने अफसोस जाहिर किया है. उन्होंने बताया कि यह उनके पीरियड्स का तीसरा दिन था, जिससे उन्हें थोड़ी कमजोरी महसूस हो रही थी.

(Photo : X)

टोक्यो ओलंपिक खेलों में सिल्वर मेडल जीतने वाली भारतीय वेट लिफ्टर  मीराबाई चानू पेरिस ओलंपिक 2024 में मेडल नहीं जीत पाई, इसके लिए उन्होंने अफसोस जाहिर किया है. मीराबाई चानू ने महिलाओं की 49 किलोग्राम वर्ग में चौथा स्थान हासिल किया और मात्र एक किलोग्राम से पदक से चूक गईं. पदक न जीत पाने का अफसोस उनके चेहरे पर साफ दिखाई दे रहा था और वे भावुक हो गईं.

पीरियड्स का तीसरा दिन था...

अपने इवेंट के बाद मीराबाई चानू ने कहा कि वह अपने प्रदर्शन से संतुष्ट हैं और उन्होंने पदक जीतने के लिए अपनी पूरी कोशिश की. उन्होंने बताया कि यह उनके पीरियड्स का तीसरा दिन था, जिससे उन्हें थोड़ी कमजोरी महसूस हो रही थी. रेवस्पोर्ट्स के अनुसार, मीराबाई चानू ने अपने इवेंट के बाद मिक्स्ड जोन में कहा, "यह मेरे पीरियड्स का तीसरा दिन था, मैं थोड़ी कमजोर भी थी. इसका मेरे खेल पर असर पड़ा, मैंने अपनी पूरी कोशिश की, लेकिन आज मेरा दिन नहीं था."

मीराबाई ने स्नैच में 88 किलोग्राम और क्लीन एंड जर्क में 111 किलोग्राम सहित कुल 199 किलोग्राम वजन उठाया. इस प्रकार वह मात्र एक किलोग्राम से पदक से चूक गईं. मीराबाई ने कहा, "मैं अपने प्रदर्शन से खुश हूं क्योंकि चोट से उबरने के बाद मुझे तैयारी के लिए बहुत कम समय मिला." उन्होंने आगे कहा, "मैंने अभ्यास में 85 किलोग्राम वजन उठाया और इस इवेंट में भी वही किया. मुझे क्लीन एंड जर्क में अच्छे प्रदर्शन का विश्वास था. सब कुछ ठीक चल रहा था और मैंने कोच की हर बात मानी. आज किस्मत मेरे साथ नहीं थी, मैं पदक नहीं जीत सकी लेकिन मैंने अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन किया."

चीन की मौजूदा ओलंपिक चैंपियन होउ झिहुई, जो स्वर्ण पदक की प्रबल दावेदार थीं, ने ओलंपिक रिकॉर्ड के साथ क्लीन एंड जर्क में पहला स्थान प्राप्त किया. उन्होंने कुल 206 किलोग्राम (स्नैच 89, क्लीन एंड जर्क 117) वजन उठाया. रोमानिया की वेलेंटिना कैंबी ने 206 किलोग्राम (93 और 112) वजन उठाकर रजत पदक जीता और थाईलैंड की सुरोदचान खाम्बो ने 200 किलोग्राम (88 और 112) वजन उठाकर कांस्य पदक जीता.

कूल्हे की चोट से उबरने के बाद वापसी कर रही मीराबाई ने स्नैच के पहले प्रयास में आसानी से 85 किलोग्राम वजन उठाया और दूसरे प्रयास में 88 किलोग्राम वजन उठाने में विफल रहीं. लेकिन तीसरे प्रयास में उन्होंने 88 किलोग्राम वजन उठाया और बर्मिंघम राष्ट्रमंडल खेलों के अपने स्नैच प्रदर्शन की बराबरी की. मीराबाई क्लीन एंड जर्क के पहले प्रयास में 111 किलोग्राम वजन उठाने में विफल रहीं. लेकिन दूसरे प्रयास में सफल रहीं. हालांकि तीसरे और अंतिम प्रयास में वह 114 किलोग्राम वजन उठाने में असफल रहीं.

मीराबाई चानू का यह प्रदर्शन उनके अटूट समर्पण और अद्वितीय मेहनत का प्रतीक है. उन्होंने हर परिस्थिति में अपना सर्वश्रेष्ठ दिया और भारतीय खेल प्रेमियों के लिए प्रेरणा स्रोत बनीं. भविष्य में उनसे और भी बेहतरीन प्रदर्शन की उम्मीद है और पूरा देश उनके साथ खड़ा है.

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