भारत-ऑस्ट्रेलिया मैच टिकटों के लिए जिमखाना ग्राउंड पर फिर अफरातफरी
भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच टी20 मैच के टिकटों के लिए जिमखाना ग्राउंड सिकंदराबाद में लगातार दूसरे दिन भी अफरातफरी का माहौल रहा और ऑनलाइन टिकट बुक करने वाले कई क्रिकेट प्रशंसकों को निराश लौटना पड़ा.
हैदराबाद , 23 सितम्बर : भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच टी20 मैच के टिकटों के लिए जिमखाना ग्राउंड सिकंदराबाद में लगातार दूसरे दिन भी अफरातफरी का माहौल रहा और ऑनलाइन टिकट बुक करने वाले कई क्रिकेट प्रशंसकों को निराश लौटना पड़ा. 25 सितम्बर को राजीव गांधी स्टेडियम में खेले जाने वाले सीरीज के तीसरे मैच के लिए ऑनलाइन टिकट खरीदने वाले लोग टिकट हासिल करने शुक्रवार सुबह जिमखाना मैदान पर इकट्ठा होना शुरू हो गए. प्रशंसकों को हैदराबाद क्रिकेट संघ (एचसीए) द्वारा कथित रूप से बताया गया था कि वे अपना क्यूआर कोड दिखाकर अपने पहचान पत्र और फोटोग्राफ के साथ अपना टिकट खुद हासिल कर ले. जब वे मैदान पहुंचे तो पुलिस ने उन्हें रोक दिया. प्रशंसकों ने आरोप लगाया कि पहचान पत्र दिखाने के बावजूद उन्हें अनुमति नहीं दी गयी.
एचसीए ने प्रवेश द्वार पर एक फ्लेक्सी दिखाई कि वह 23 और 24 सितम्बर को जिमखाना मैदान पर टिकट नहीं बेच रहा है और उसने प्रशंसकों से सहयोग की अपील की. प्रशंसकों की पुलिसकर्मियों से बहस हो गयी. प्रशंसक टिकटों की बिक्री को लेकर अस्पष्टता से नाराज थे. बाद में पेटीएम के अधिकारी ऑनलाइन टिकट खरीदने वालों को टिकट जारी करने जिमखाना पहुंचे. पुलिस को भारी भीड़ को नियंत्रित करने के लिए काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ा. कई ऐसे लोग भी थे जो इस उम्मीद में इंतजार कर रहे थे आयोजक ऑफ लाइन टिकट बेचेंगे. यह भी पढ़ें : काउंटी मैचों की संख्या कम करने के ईसीबी के प्रस्ताव से खुश नहीं हैं बेन स्टोक्स
एचसीए अब तक उन विवरण के साथ सामने नहीं आ पाया है कि कितने ऑनलाइन और ऑफ लाइन टिकट बेचे गए हैं. गुरूवार को जिमखाना मैदान पर अफरातफरी मच गयी थी जब पुलिस को भीड़ को नियंत्रित करने के लिए लाठी-चार्ज करना पड़ा था. उस समय मची भगदड़ में सैकड़ों प्रशंसक घायल हो गए थे. हजारों प्रशंसक टिकटों के लिए जमा हो गए थे जबकि एचसीए ने केवल दो ही काउंटर खोले थे. कुछ ही प्रशंसक टिकट हासिल कर पाए. भगदड़ और लाठी चार्ज के बाद आयोजकों ने बिक्री रोक दी थी.
तेलंगाना के खेल मंत्री वी श्रीनिवास ने घटना पर नाराजगी जताते हुए एचसीए के अध्यक्ष मोहम्मद अजहरुद्दीन सहित उसके अधिकारियों को बुलाया था और उनसे स्पष्टीकरण मांगा था. पूर्व भारतीय कप्तान अजहर ने घटना को दुर्भाग्यपूर्ण बताया था लेकिन उन्होंने साथ ही कहा कि एचसीए ने कुछ भी गलत नहीं किया. उन्होंने कहा कि लोग तीन साल के अंतराल के बाद मैच देखना चाहते हैं लेकिन सभी को संतुष्ट नहीं किया जा सकता.