World Champion Nitu Ghanghas: बॉक्सिंग छोड़ने का बनाया था मन, पिता ने दी कुर्बानी, अब नीतू ने विश्व चैंपियन बन चुकाया कर्ज
राष्ट्रमंडल खेलों की स्वर्ण पदक विजेता नीतू गंघास (48 किग्रा) ने शनिवार को यहां महिला विश्व मुक्केबाजी चैम्पियनशिप में मंगोलिया की लुतसाईखान अल्तानसेतसेग पर शानदार जीत से खिताब अपने नाम किया.
नयी दिल्ली, 25 मार्च: राष्ट्रमंडल खेलों की स्वर्ण पदक विजेता नीतू गंघास (Nitu Ghanghas) (48 किग्रा) ने शनिवार को यहां महिला विश्व मुक्केबाजी चैम्पियनशिप में मंगोलिया की लुतसाईखान अल्तानसेतसेग पर शानदार जीत से खिताब अपने नाम किया.
भारतीय मुक्केबाज ने शानदार प्रदर्शन करते हुए अल्तानसेतसेग को 5-0 से हराकर न्यूनतम वजन वर्ग का स्वर्ण पदक अपने नाम किया. स्टेडियम में बीजिंग ओलंपिक की कांस्य पदक विजेता और नीतू के आदर्श विजेंदर सिंह भी मौजूद थे.
नीतू की इस जीत से उनके पिता काफी खुश होंगे क्योंकि आज उनकी साधना सफल होती दिख रही है. नीतू के पिता ने अपनी बेटी के लिए बड़ी कुर्बानी दी थी वो भी तब जब उन्होंने मुक्केबाजी छोड़ने का मन बना लिया था. ये नीतू के पिता ही थे जिन्होंने उन्हें मुक्केबाजी में भेजा. इसका कारण ये था की नीतू बचपन से बेहद शरारती थीं. इसलिए उन्हें पिता ने मुक्केबाजी में डाल दिया ताकि उनकी ऊर्जा का सही इस्तेमाल हो सके. उनके पिता जय भगवान सिंह ने अपनी बेटी के लिए बड़ी कुर्बानी दी.
नीतू के पिता हरियाणा राज्य सभा में काम करते थे. उन्होंने अपनी बेटी को आगे ले जाने के लिए बिना वेतन की तीन साल की छुट्टी ली ताकि वह अपनी बेटी को सफल बना सकें. इसके बाद उन्होंने अपनी छोटी सी जमीन पर खेती शुरू की और छह लाख रुपये का कर्ज भी लिया. वह नीतू की कोचिंग, ट्रेनिंग और डाइट का अच्छे से ख्याल रखते थे. भिवानी बॉक्सिंग क्लब जाने के लिए नीतू 40 किलोमीटर का सफर करती थीं. उनके पिता अपने स्कूटर पर उन्हें बैठाकर लाते थे. फिर पिता की कुर्बानी और नीतू की मेहनत फिर रंग लाने लगी. वह लगातार आगे बढ़ती रही और आज वह विश्व चैंपियन बन कर सामने आई हैं.
इस जीत से 2022 स्ट्रैंड्जा मेमोरियल में स्वर्ण पदक जीतने वाली नीतू विश्व चैम्पियन खिताब हासिल करने वाली छठी भारतीय मुक्केबाज बनी.
छह बार की चैम्पियन एम सी मैरीकॉम (2002, 2005, 2006, 2008, 2010 और 2018), सरिता देवी (2006), जेनी आर एल (2006), लेखा केसी (2006) और निकहत जरीन (2022) अन्य मुक्केबाज हैं जिन्होंने विश्व खिताब जीते हैं.
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