FIFA 2018: वर्ल्ड कप चैंपियन फ्रांस पर पैसों की बरसात, क्रिकेट वर्ल्ड कप से 10 गुना अधिक है प्राइज मनी

गौरतलब है कि इससे पहले फ्रांस 1998 में विश्व चैंपयिन बना था. विश्व कप जीतने के बाद फ्रांस को दुनियाभर से बधाइयां मिल रही हैं.

जीत का जश्न मनाती फ्रांस की टीम (Photo Credit-FIFA World Cup Twitter)

नई दिल्ली: फ्रांस ने क्रोएशिया को फीफा विश्व कप 2018 के फाइनल में मात देकर खिताब पर कब्जा कर लिया. फ्रांस ने शानदार प्रदर्शन करते हुए क्रोएशिया को 4-2 से हराया. फ्रांस का यह दूसरा खिताब है. फाइनल के बाद टीमों पर इनामों की जमकर बारिश हुई. दूसरी बार वर्ल्ड कप खिताब अपने नाम करने वाली फ्रांस को 38 मिलियन डॉलर (लगभग 260 करोड़ रुपए) की इनामी राशि और 18 कैरेट सोने की ट्रॉफी मिली.;

फाइनल में हारने वाली क्रोएशिया की टीम को 28 मिलियन डॉलर (लगभग 191 करोड़ रुपए) की इनामी राशि मिली. इसके अलावा तीसरे स्थान पर रही बेल्जियम की टीम को 24 मिलियन डॉलर (लगभग 164 करोड़ रुपए) और चौथे स्थान पर रहने वाली इंग्लैंड को 22 मिलियन डॉलर (लगभग 150 करोड़ रुपए) इनामी राशि मिली है.

फीफा में कुल इनामी राशि 400 मिलियन (2700 करोड़ से ज्यादा) थी. इस बार फीफा वर्ल्ड कप 2018 में कुल इनामी राशि 79 करोड़ दस लाख डॉलर (2700 करोड़ से अधिक) थी, जो पिछली बार ब्राजील में हुए 2014 वर्ल्ड कप से 40 प्रतिशत अधिक इनामी राशि है.

फीफा वर्ल्ड कप दुनिया के सबसे 'अमीर' टूर्नामेंट्स में शुमार है, इसमें मिलने वाली प्राइज मनी क्रिकेट वर्ल्ड कप, इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) और टेनिस के ग्रैंड स्लैम से काफी आगे है. फुटबॉल चैंपियनों को आईपीएल विजेता से दस गुना ज्यादा पैसा मिलता है.

गौरतलब है कि इससे पहले फ्रांस 1998 में विश्व चैंपयिन बना था. विश्व कप जीतने के बाद फ्रांस को दुनियाभर से बधाइयां मिल रही हैं.

आईपीएल 2018 की प्राइज मनी पर एक नजर

25.8 करोड़ रुपये विजेता टीम को मिले.

12.9 करोड़ रुपये उप-विजेता को मिले.

6.4 करोड़ रुपये तीसरे नंबर पर रहने वाली टीम को.

क्रिकेट वर्ल्ड कप की प्राइज मनी

25.17 करोड़ रुपये आईसीसी वर्ल्ड कप चैंपियन टीम को

11.74 करोड़ रुपये उप-विजेता टीम को.

फ्रेंच ओपन 2018

17.24 करोड़ रुपये मेंस और विमेंस सिंगल्स चैंपियन को

8.77 करोड़ रुपये मेंस और विमेंस सिंगल्स के उप-विजेता को

बताना चाहते है कि 1982 वर्ल्ड कप में कुल प्राइज मनी करीब एक अरब 34 करोड़ रुपये थी. 1982 से पहले के हालात तो और भी ज्यादा खराब थे, लेकिन कोरिया और जापान की संयुक्त मेजबानी में खेले गए 2002 वर्ल्ड कप से खिलाड़ियों और फीफा के मालामाल होने की शुरुआत हुई. इसका प्रमुख कारण वर्ल्ड कप की जबरदस्त लोकप्रियता है.

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