सचिन तेंदुलकर और लक्ष्मण मामले की सुनवाई में बीसीसीआई से कोई नहीं जाएगा: राय

सर्वोच्च न्यायालय द्वारा नियुक्त की गई प्रशासकों की समिति (सीओए) ने निर्णय लिया है कि हितों के टकराव मामले में लोकपाल के साथ मुंबई इंडियन के मेंटॉर सचिन तेंदुलकर और सनराइजर्स हैदराबाद के मेंटॉर वी.वी.एस. लक्ष्मण की होने वाली बैठक में भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) का कोई प्रतिनिधि मौजूद नहीं होगा.

विनोद राय (Photo Credits: Twitter)

सर्वोच्च न्यायालय द्वारा नियुक्त की गई प्रशासकों की समिति (सीओए) ने निर्णय लिया है कि हितों के टकराव मामले में लोकपाल के साथ मुंबई इंडियन के मेंटॉर सचिन तेंदुलकर और सनराइजर्स हैदराबाद के मेंटॉर वी.वी.एस. लक्ष्मण की होने वाली बैठक में भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) का कोई प्रतिनिधि मौजूद नहीं होगा. लोकपाल डी.के. जैन इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) की टीम मुंबई इंडियंस के मेंटॉर तेंदुलकर और सनराइजर्स हैदराबाद के मेंटॉर के खिलाफ हितों के टकराव के मामले में बैठक करेंगे.

सीओए प्रमुख विनोद राय ने आईएएनएस से बात करते हुए बताया कि भविष्य में बोर्ड केवल एक रेफरेंस के रूप में कार्य करेगा. राय ने कहा, "बीसीसीआई केवल एक प्वाइंट आफ रेफरेंस के रूप में काम करेगा ताकि लोकपाल मामले को पूरी तरह से समझ सकें." इससे पहले, दिल्ली कैपिटल्स के सलाहकार सौरभ गांगुली के खिलाफ हितों के टकराव के मामले में हुई बैठक में बीसीसीआई के सीईओ राहुल जौहरी शामिल थे और उन्होंने इस मामले में बोर्ड का पक्ष भी रखा था. इस पर सवाल उठे थे. गांगुली बोर्ड की क्रिकेट सलाहकार समिति के सदस्य हैं और साथ ही दिल्ली कैपिटल्स के सलाहकार भी हैं.

यह भी पढ़ें- सचिन तेंदुलकर और वीवीएस लक्ष्मण को बीसीसीआई लोकपाल ने जारी किया नोटिस

हालांकि, इस बार इस प्रोटोकॉल का पालन नहीं किया जाएगा. बोर्ड के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि सीओए को यह समझ आ गया है कि उन्होंने रेफरेंस के लिए पेपर भेजने की बजाए बीसीसीआई के एक अधकिारी को भेजकर गलत किया. वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, "लोकपाल के साथ हुई गांगुली की बैठक में एक प्रतिनिधि का होना बेतुकी बात थी. एक लोकपाल के होने का यही मतलब है कि जांच से जुड़े मामले में किसी प्रकार का पक्षपात न हो. यदि किसी को बैठक में भेजा जा रहा है, तो वह मामले को क्षति पहुंचा सकता है क्योंकि उसके रेफरेंस में अंतर्निहित पक्षपात हो सकता है.

उन्होंने कहा, "अगर राहुल जौहरी के मामले को लोकपाल को दिया जाता है, तो क्या वे एक पर्सन आफ रेफरेंस के रूप में सहायता करेंगे? क्या आप इस संभावना से इनकार कर सकते हैं कि गांगुली के मामले में जो रेफरेंस दिए गए हैं, वे यह ध्यान में रखते हुए नहीं दिए गए कि भविष्य में जौहरी का अपना मामला सामने आ सकता है और वह जानते है कि पहले लिया गया कोई निर्णय उन्हें नुकसान पहुंचा सकता है. एक रेफरेंस के तौर पर व्यक्ति को भेजने की क्या जरूरत है. दस्तावेज पर्याप्त है और वो भी पूछे जान पर."

Share Now

संबंधित खबरें

NZ W vs AUS W, 1st ODI Match 2024 Live Streaming In India: न्यूजीलैंड और ऑस्ट्रेलिया के बीच आज होगी कांटे की टककर, यहां जानें भारत में कब, कहां और कैसे उठाए लाइव मुकाबले का लुफ्त

NZ W vs AUS W, 1st ODI 2024 Match Winner Prediction: न्यूजीलैंड को हराकर सीरीज में बढ़त बनाने के इरादे से उतरेगी ऑस्ट्रेलिया, मैच से पहले जानें कौनसी टीम मार सकती हैं बाजी

UAE vs Saudi Arabia, 13th Match 2024 Dream11 Team Prediction: संयुक्त अरब अमीरात बनाम सऊदी अरब के बीच होगी काटें की टक्कर, यहां जानें कैसे चुने बेस्ट फैंटेसी प्लेइंग इलेवन

NZ W vs AUS W, 1st ODI Match Preview: पहले वनडे में ऑस्ट्रेलिया को कड़ी टक्कर देने के लिए उतरेगी न्यूजीलैंड, मैच से पहले जानें हेड टू हेड रिकार्ड्स, पिच रिपोर्ट, मिनी बैटल, स्ट्रीमिंग समेत सभी डिटेल्स

\