टीम इंडिया को फर्श से अर्श तक पहुंचाने में पूर्व कप्तान Sourav Ganguly के इन 4 फैसलों का है महत्वपूर्ण योगदान, बदल गयी भारतीय क्रिकेट की सूरत
भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व कप्तान एवं मौजूदा समय में बीसीसीआई के अध्यक्ष सौरव गांगुली का नाम भारतीय क्रिकेट इतिहास में बड़े आदर के साथ लिया जाता है. गांगुली की ही अगुवाई में टीम इंडिया को विपक्षी टीम के खिलाफ लगातार जीत दर्ज करने की लत लगी.
नई दिल्ली, 25 फरवरी: भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व कप्तान एवं मौजूदा समय में बीसीसीआई (BCCI) के अध्यक्ष सौरव गांगुली (Sourav Ganguly) का नाम भारतीय क्रिकेट इतिहास में बड़े आदर के साथ लिया जाता है. गांगुली की ही अगुवाई में टीम इंडिया को विपक्षी टीम के खिलाफ लगातार जीत दर्ज करने की लत लगी. एक समय मैच फिक्सिंग के जाल में फंस चूके भारत के कई धुरंधरों के बाद गांगुली ने टीम इंडिया की सूझबूझ के साथ अगुवाई करते हुए कई जीत दिलाए. इस दौरान उन्होंने कई महत्वपूर्ण फैसले भी लिए जो टीम इंडिया के लिए आगे चलकर काफी फायेदेमंद साबित हुआ. ऐसे में बात करें सौरव गांगुली के उन चार महत्वपूर्ण फैसलों के बारे में जिन्होंने भारतीय टीम का नक्शा ही बदल दिया तो वो इस प्रकार हैं-
वीरेंद्र सहवाग से ओपन कराना:
वीरेंद्र सहवाग (Virender Sehwag) क्रिकेट जगत में एक ऐसा नाम है जो पहली ही गेंद से विपक्षी गेंदबाजों पर हमला करते थे. आपको बता दें कि सहवाग की टीम इंडिया में एंट्री एक निचलेक्रम के बल्लेबाज और स्पिन के तौर पर हुई थी. सहवाग बल्लेबाजी और गेंदबाजी दोनों ही क्षेत्रों में बेदर्दी से पिट रहे थे. ऐसे में गांगुली ने उन्हें भारतीय पारी की शुरुआत करने के लिए कहा. शुरू में तो वीरेंद्र सहवाग ने काफी टाल-मटोल की, लेकिन बाद में वो मान गए. सहवाग के नाम टेस्ट क्रिकेट में आज 49.3 की एवरेज से 8586 और वनडे में 35.0 की एवरेज से 8273 रन दर्ज है. इसके अलावा उन्होंने T20 क्रिकेट में 19 मैच खेलते हुए 18 पारियों में 394 रन बनाए हैं.
राहुल द्रविड़ से विकेटकीपिंग कराना:
भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व महान बल्लेबाज राहुल द्रविड़ (Rahul Dravid) को विकेटकीपिंग की जिम्मेदारी दादा की ही अगुवाई में मिली. दरअसल टीम इंडिया में धोनी के आने से पहले चयनकर्ताओं के लिए यह विभाग काफी सिरदर्द वाला था. टेस्ट क्रिकेट में टीम किसी तरह काम चला लेती थी, लेकिन वनडे में मामला फंस जाता था. ऐसे में गांगुली ने राहुल द्रविड़ से विकेटकीपिंग करने को कहा और द्रविड़ मान भी गए. गांगुली के इस तरकीब से टीम को विकेटकीपर के साथ-साथ एक एक्स्ट्रा बल्लेबाज भी मैदान में उतारने का मौका मिला.
मोहम्मद कैफ को सात नंबर पर खेलाना:
वाइट बॉल क्रिकेट में अक्सर देखा जाता है कि नंबर साथ पर ऑलराउंडर या निचलेक्रम का गेंदबाज बल्लेबाजी के लिए मैदान में आता हैं. सौरव गांगुली के समय में भी यही पद्धति थी लेकिन उन्होंने इस परंपरा को तोड़ते हुए नंबर सात पर एक पेशेवर बल्लेबाज को खिलाया. नंबर सात पर खेलते हुए देश के पूर्व होनहार खिलाड़ी मोहम्मद कैफ (Mohammad Kaif) ने टीम इंडिया को कई महत्वपूर्ण मुकाबलों में जीत दिलाई है.
महेंद्र सिंह धोनी का धमाका:
टीम इंडिया के पूर्व दिग्गज कप्तान महेंद्र सिंह धोनी (Mahendra Singh Dhoni) ने अपने क्रिकेट करियर की शुरुवात दादा की ही अगुवाई में की. धोनी अपने शुरुवाती मुकाबलों में बल्ले से बिलकुल फ्लॉप साबित हो रहे थे, लेकिन गांगुली का भरोसा उनके उपर से नहीं डगमगाया.
इंटरनेशनल क्रिकेट में धोनी के लगातार फ्लॉप होने के बावजूद गांगुली ने साल 2005 में पाकिस्तान के खिलाफ विजाग वनडे में धोनी को तीसरे नंबर पर भेजा. धोनी ने उस मैच में 148 लगाए और आगे चलकर क्रिकेट के महानतम विकेटकीपर-बल्लेबाज के रूप में मशहूर हुए.